डॉ कनकलता तिवारी की पुस्तक हरा नोट पर परिचर्चा संपन्न

डॉ कनकलता तिवारी की पुस्तक हरा नोट पर परिचर्चा संपन्न 
27 सितंबर 2025, गोरेगांव पश्चिम केशव गोरे हॉल में डॉ. कनक लता तिवारी जी के नव प्रकाशित कथा संग्रह "हरा नोट"  की पुस्तक चर्चा अत्यंत स्तरीय वातावरण में हुई l
 आयोजन का आयोजक सृजन के रंग साहित्य समूह  ने किया था lवरिष्ठ साहित्यकार डॉ. कनक लता तिवारी जी हिंदी साहित्य की अनेक विधाओं में लिखती हैं।और हरा नोट इनका सद्यः प्रकशित कहानी संग्रह है जिसे महाराष्ट्र साहित्य अकादेमी का अनुदान प्राप्त हुआ है l
 आयोजन की मुख्य अतिथि थे कथाकार हरीश पाठक जी जिन्होंने बहुत सुन्दर तरीके से कहानियों काआकलन किया, और संचालन किया डॉ. मधुबाला शुक्ला नेl
 इस पुस्तक से कहानी "हस्ताक्षर" प्रज्ञा जी ने अत्यंत भाव पूर्ण रूप से पढ़ी l
आयोजन में  विशिष्ट अतिथि देवमणि पांडेय, डॉ मृदुला पंडित,  डॉ अंजू शर्मा,  डॉ प्रमिला शर्मा,डॉ कृपाशंकर मिश्रा जी ने  वक्ता के रूप में विचार व्यक्त किए l
  विजय पण्डित, विवेक अग्रवाल, कुसुम तिवारी, शायर ताज मोहम्मद सिद्दीकी,ग़ज़लकार  हीरालाल यादव,लाल बहादुर कमल,  अमित त्रिपाठी, मनोज दुबे ,माया मेहता, पल्लवी रानी, लक्ष्मी यादव आदि  अन्य गणमान्य साहित्यकार शामिल हुए। पुस्तक की सभी कहानियों पर सारगर्भित चर्चा हुई।
 मुख्य अतिथि ने अपने वक्तव्य में कहा कि "हरा नोट की कहानियां जीवन की कहानियां हैं, जो मृत्यु की भयावहता और कुछ न कर पाने की विवशता उजागर करती हैं। कहानियों में अनचीन्हे जीवन और अवांछित सत्य को भी सामने रखा गया है।"
उन्होंने कथ्य को कहानियों का मूल आधार बताया।
हरीश पाठक जी ने "देवी" कहानी का विशिष्ट उल्लेख कियाl
डॉ अंजू शर्मा जी ने कहा कि कहानियां पढ़ते हुए उन्हें नीरज की पंक्तियां याद आईं –
"कारवां गुज़र गया, गुबार देखते रहे"।
 डॉ प्रमिला शर्मा जी ने कहानियों के भावनात्मक पक्ष पर बात की, तो मधुबाला जी ने पुरुषों के दृष्टिकोण से लिखी कहानियों को भी उजागर किया।
देवमणि जी ने "हस्ताक्षर" कहानी पर चर्चा की, जिसमें लाइफ स्पोर्ट पर आश्रित पति के मर्सी किलिंग के फॉर्म पर एक पत्नी के हस्ताक्षर की विवशता का मार्मिक चित्रण है।उन्होंने अपने शायराना अंदाज़ में बात इन शब्दों से समाप्त की
 "कहानी ख़त्म हुई
और ऐसे ख़त्म हुई 
लोग रोने लगे
तालियां बजाते हुए"
मीनाक्षी शर्मा, सीमा श्रीवास्तव ,जागृति सिन्हा ने भी पाठक के रूप में अपने विचार सुन्दर रूप में व्यक्त किए l
लेखिका डॉ कनक लता तिवारी ने अपनी कहानियों  की प्रेरणा के बारे में बताया और अपनी रचना प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा की l

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