हृदयांगन एवं जीवंती संस्था के सामाजिक कार्य सराहनीय

हृदयांगन एवं जीवंती संस्था के सामाजिक कार्य सराहनीय 

“अखिल भारतीय महिला आश्रम, देहरादून” के अस्सीवे स्थापना दिवस एवं वेद प्रचारण महायज्ञ का भव्य आयोजन दिनांक 29 जून 2025 को श्रद्धा, शालीनता एवं सांस्कृतिक गरिमा के संग सम्पन्न हुआ। यह दिवस न केवल संस्था की चार दशकों की तपस्वी यात्रा का उत्सव था, अपितु वेद-संस्कृति के प्रचार व प्रसार का भी दिव्य संकल्प।
इस पुण्य अवसर पर हृदयांगन साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था मुंबई एवं ‘जीवन्ती’ देवभूमि साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था देहरादून को सादर आमंत्रित किया जाना, हमारे लिए सम्मान व आत्मिक गौरव का विषय रहा। संस्था ने सामाजिक उत्तरदायित्व का निर्वाह करते हुए खाद्य सामग्री के सहयोग द्वारा आयोजन में सहभागिता कर आत्मिक संतोष और सौभाग्य का अनुभव किया। हमारी संस्थाये सामाजिक दायित्वों के निर्वाह में सदैव अग्रणी भूमिका निभाती रहती है।
इस गरिमामयी अवसर पर डॉ. विद्युत प्रभा चतुर्वेदी ‘मंजू’ जी, श्रीमती कविता बिष्ट ‘नेह’, एवं श्रीमती रेखा जोशी जी ने संस्था का प्रतिनिधित्व करते हुए आश्रम की बालिकाओं का उत्साहवर्धन किया। तीनों विभूतियों ने सम्मान-सत्र के अंतर्गत बालिकाओं को सम्मानित किया और उनके सांस्कृतिक कौशल की मुक्तकंठ सराहना की।
डॉ. विद्युत प्रभा चतुर्वेदी ‘मंजू’ जी ने बालिकाओं को स्नेहाशीष देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की मंगलकामना की।
श्रीमती कविता बिष्ट ‘नेह’ ने अपनी संगीतमयी प्रस्तुतियों द्वारा बालिकाओं को शुभाशीष प्रदान किया, उनके कोमल भावों को छूते हुए अपने गीतों से समस्त सभागार को भावविभोर कर दिया।
श्रीमती रेखा जोशी जी ने काव्य-पाठ के माध्यम से सृजन, सेवा एवं संस्कृति का प्रखर संदेश समाज को दिया।
बालिकाओं द्वारा प्रस्तुत नृत्य, संगीत व सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने उपस्थित जनमानस को आनंद-सुधा से आप्लावित कर दिया। इस प्रकार के कार्यक्रमों से न केवल संस्कार व आत्मबल का सिंचन होता है, अपितु यह शिक्षिकाओं, सेविकाओं व समर्पित कार्यकर्ताओं की निष्ठा और परिश्रम की प्रभावी परिणति भी है। वंचित वर्ग की बालिकाओं को संस्कारयुक्त शिक्षा और सशक्त मंच प्रदान करना निःसंदेह एक उदात्त और अनुकरणीय प्रयास है।
यह अस्सी वें स्थापना महोत्सव एवं वेद प्रचारण यज्ञोत्सव धार्मिक श्रद्धा, सामाजिक चेतना और सांस्कृतिक सान्निध्य का अनुपम संगम बनकर सबके हृदयों में अमिट छाप छोड़ गया। इस महायज्ञ का साक्षी बनना हम सभी के लिए आध्यात्मिक पुण्य और संस्थागत गौरव का अमूल्य अवसर रहा।
अंततः, अखिल भारतीय महिला आश्रम के समस्त पदाधिकारीगण, व्यवस्थापक, सेवाव्रती शिक्षकगण तथा समर्पित सहयोगियों को हम हृदय से साधुवाद प्रेषित करते हैं, जिनके सतत प्रयासों से यह आयोजन आध्यात्मिकता, सेवा और संस्कार की सजीव अभिव्यक्ति बन सका।
हमारी संस्थाओं का यह सतत प्रयास रहेगा कि समाज के उत्थान में अपना सक्रिय योगदान देते रहें। भविष्य में हम बालिकाओं की लेखन क्षमता, पुस्तक प्रेम और वैचारिक विकास हेतु विशेष गतिविधियाँ संचालित करेंगे, जिससे वे आत्मविश्वास और सृजनशीलता के साथ समाज को एक नवीन आयाम प्रदान कर सकें।

संस्थापक : डॉ. विधुभूषण त्रिवेदी
राष्ट्रीय अध्यक्ष : डॉ. विद्युत प्रभा चतुर्वेदी ‘मंजू’
(हृदयांगन साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था)
अध्यक्ष : श्रीमती कविता बिष्ट ‘नेह’
(जीवन्ती देवभूमि साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था) एवं प्रांतीय अध्यक्ष हृदयांगन साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था

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