*ऐप आधारित टैक्सियाॅं सेवा कम लूट अधिक रही हैं*

*ऐप आधारित टैक्सियाॅं सेवा कम लूट अधिक रही हैं*
      काली पीली टैक्सियॉं जब लोगों को लूटने लगीं,और पैसेन्जर्स के साथ लूट पाट मारपीट करना शुरू कीं तो। आनलाईन सेवा की शुरुआत हुई।ऐसी सेवा शुरू हुई जिससे लोगों को काफी राहत मिलने लगी। लोगों को ५-१० मिनट में सेवा मिलने लगी। मुम्बई महानगर में ऐप आधारित टैक्सी सबसे पहले मेरू आई।अच्छे अच्छे प्रलोभन देकर पैसेन्जर्स को ऐप आधारित टैक्सी की तरफ मोड़ा।काली पीली टैक्सियों की मनमानी से लोगों  को निजात मिली।लोगों को लगने लगा यह सेवा उत्तम आरामदायक व सुरक्षित सेवा है।धीरे धीरे मेरू के बाद टैब कैब और कई तरह की ऐप आधारित टैक्सी मुम्बई महानगर में आईं। टैक्सी के अलावां आटो रिक्शा भी केई कम्पनियों ने चलाया। इसमें की असफल होकर बंद हो गई।तो कई आज भी परिचालन में हैं। जिसमें ओला ऊबर तो कमाल ही कर दीं। लोगों से गाड़ियां खरीदवाई और पैसेन्जर्स देने का काम कम्पनी करने लगी। दोनों कम्पनियां आपस में प्रतिस्पर्धा भी कर रही हैं।इसी दौरान एक कम्पनी और मैदान में आई।जो ओला ऊबर से सस्ती सेवा दे रही है।रैपिडो।
        लेकिन अब सेवा सुचारु रूप से सेवा दे नहीं रही हैं।यह हमारे साथ तीसरी बार हुआ कि मुझे इन तीनों कम्पनियों ने समुचित सेवा नहीं दीं।वैसे मैं अधिक यात्रा करता नहीं हूॅं। लेकिन जब दूर की यात्रा करता हूॅं तो कोशिश करता हूॅं कि इन्हीं तीनों कम्पनियों में से किसी एक की सेवा लूॅं।और लेता भी हूॅं। लेकिन तीन बार से ए कम्पनियाॅं सुचारु रूप से सेवा प्रदान की नहीं। बुकिंग करने के बावजूद सेवा मिली नहीं।कैब बुकिंग ड्राइवर रिसीव करने के बाद भी कैंसिल कर दिया किये।पहली घटना भिवंडी से परिवार के साथ नालासोपारा आना था।तब कैब ड्राइवरों ने दुर्व्यवहार किया। बुकिंग लेने के बावजूद भी सेवा नहीं दिये।यही हाल दूसरी बार गांव से परिवार के साथ आया था।तो दादर से नालासोपारा के लिए हुआ।चार टैक्सी के ड्राइवरों ने राईड कैंसिल कर मुझे परेशान किया।तीसरी घटना फिर भिवंडी से ही घटी।शाम चार बज रहे थे। यजमान राम सिंह  यादव जी के मकान का पूजन करवा के वापस नालासोपारा आना था।एक घंटे तक श्रम करने के बाद तब जाके एक रैपिडो टैक्सी तब जाकर मिली जब उसको राईड के अलावां ७०-८०/-ऐक्स्ट्रा दिया तब।मतलब ये कि ये कैब वाले एक तो पहले से ही अधिक पैसा लेते हैं।जनता ए सोंचकर देती है कि चलो सुविधा डोर टू डोर बिना झंझट के मिल रही है तो थोड़ा शुल्क अधिक है तो क्या हुआ। लेकिन यहॉं तो शुल्क लेने का तय हो जाने के बाद भी सेवा नहीं दिए।एक घंटा इंतजार और श्रम करने के बाद किसी तरह सेवा मिली। ए तो मेरे साथ हुआ।ऐसे ही अन्य के साथ भी होता होगा। जिन्हें परेशान किया जाता होगा।और उन्हें लूटा जाता होगा। सरकार से निवेदन है कि ऐसी कम्पनियों के ऊपर लगाम लगाये।और जनता को इस खुली लूट से बचाए।
पं.जमदग्निपुरी

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