पूर्व विधायक घनश्याम दुबे के आकस्मिक निधन से शोक की लहरआज शाम सुरियावा, भदोही में होगा अंतिम संस्कार
पूर्व विधायक घनश्याम दुबे के आकस्मिक निधन से शोक की लहर
आज शाम सुरियावा, भदोही में होगा अंतिम संस्कार
मुंबई। उत्तर भारतीय समाज की शान और लौह पुरुष कहे जाने वाले पूर्व विधायक घनश्याम दुबे का 75 वर्ष की उम्र में आज सुबह 5:55 बजे मुंबई के लीलावती अस्पताल में आकस्मिक निधन हो गया। उनके निधन की खबर मिलते ही चारों तरफ शोक के लहर दौड़ गई। हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे की काफी करीबी रहे घनश्याम दुबे अपनी विशिष्ट जीवन शैली के लिए पहचाने जाते थे। मुंबई से लेकर गांव तक अनेक प्रकल्प देनेवाले घनश्याम दुबे के निधन से समाज ने एक युग पुरुष को खो दिया है। उत्तर भारतीय समाज के लिए हमेशा डटकर खड़े रहने वाले घनश्याम दुबे के निधन की खबर जो भी सुना, सन्न रह गया। वह अपने पीछे दो पुत्र और दो पुत्रियों से भरा पूरा परिवार छोड़ गए। उनके छोटे पुत्र डॉ योगेश दुबे ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार आज शाम को पैतृक गांव सुरियावां, भदोही में किया जाएगा। राहुल एजुकेशन के चेयरमैन पंडित लल्लन तिवारी ने कहा कि उत्तर भारतीय समाज के लिए वे सुरक्षा दीवाल की तरह थे। महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्यमंत्री कृपाशंकर सिंह ने कहा कि उनका व्यक्तित्व अद्भुत था। वे समाज के सजग प्रहरी की तरह हमेशा सक्रिय रहे। बोरीवली के विधायक संजय उपाध्याय ने कहा कि उन्होंने हमेशा समाज को नई ताकत और नई दिशा दी। समरस फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ किशोर सिंह ने कहा कि उन्होंने हमेशा अभिभावक की तरह हम सबका मार्गदर्शन किया। पूर्व सांसद रमेश दुबे,सिंगरामऊ रियासत के कुंवर जय सिंह, भारतीय सद्विचार मंच के अध्यक्ष डॉ राधेश्याम तिवारी, डॉ हृदय नारायण मिश्रा, राहुल एजुकेशन के सचिव राहुल तिवारी, शिवसेना नेता विक्रम प्रताप सिंह, उत्तर भारतीय मोर्चा के जिलाध्यक्ष सुरेश सिंह, उत्तर भारतीय महासंघ के महासचिव रमेश मिश्रा, शिवसेना नेता गुलाब दुबे, एडवोकेट राजकुमार मिश्रा, बृजेश तिवारी, देवेश तिवारी, अजय कुमार मिश्रा, विद्रोही महाराज, वरिष्ठ पत्रकार शिवपूजन पांडे, पत्रकार राजेश उपाध्याय, कवि सुरेश मिश्रा समेत अनेक लोगों ने गहरा दुख प्रकट करते हुए उनकी आत्मा की शांति हेतु ईश्वर से प्रार्थना की है।
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