हिन्दी की गूंज संस्था ने मनाया अपना 12 वां वार्षिकोत्सव* *दिल्ली विकास मिश्र*

*हिन्दी की गूंज संस्था ने मनाया अपना 12 वां वार्षिकोत्सव* 
*दिल्ली विकास मिश्र*
*विशिष्ट अतिथि के रूप में हिंदी अकादमी दिल्ली के उपसचिव ऋषि कुमार शर्मा भी मौजूद रहे।
दिल्ली, देश की अग्रणी साहित्यिक संस्था हिंदी की गूंज का 12 वां वार्षिकोत्सव हिंदी भवन में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर देश के कोने-कोने से सुप्रसिद्ध साहित्यकार, पत्रकार एवं शिक्षाविद् शामिल हुए। कार्यक्रम का शुभारंभ मधुर स्वर लहरी में गायत्री मंत्र तथा सरस्वती वंदना से डॉ ममता श्रीवास्तव ने किया, तत्पश्चात डॉ लौह कुमार ने मंचासीन अतिथियों का परिचय दिया। संस्था के सचिव शशि प्रकाश ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया और संस्था अध्यक्ष नरेंद्र सिंह नीहार ने हिन्दी की गूंज के सफर की सुहानी यादों को ताज़ा किया।।कार्यक्रम में नोएडा से पधारे महिपाल सिंह ने राधा - कृष्ण संवाद सुनाकर प्रांगण में उपस्थित सभी अतिथियों को भाव-विभोर कर दिया और समस्त वातावरण कृष्णमय हो उठा।डॉ वर्षा सिंह की पुस्तक "विवेकानंद दोहावली" का विमोचन किया गया जिसकी चर्चा करते हुए रमेश गंगेले ने कहा कि- बिंदु में सिंधु भरने जैसा कार्य है विवेकानंद दोहावली जैसी रचना का सृजन करना। राजपाल गुलिया जी ने कहा कि इनका दोहा संग्रह साहित्य जगत में एक नया इतिहास रचेगा। डॉ. वर्षा सिंह ने विवेकानंद दोहावली से प्रभावी कविता पाठ किया। मुख्य अतिथि प्रोफेसर हेमंत कुकरेती ने कहा कि- हिंदी भाषा के लिए ऐसा कार्य करने के लिए एक तरह का पागलपन चाहिए जो हिंदी की गूंज में देखने को मिलती है। बुंदेली भाषा में हास्य कविता सुनकर भावना अरोड़ा मिलन ने सभी को खूब हंसाया तो वहीं श्याम सुंदर श्रीवास्तव के गीत "बैठो कभी पास मेरे पल दो पल" ने माहौल को प्रेममय बना दिया। विशिष्ट अतिथि ऋषि कुमार शर्मा उपसचिव हिंदी अकादमी दिल्ली ने कहा कि- कलमकार को अपनी लेखनी का दामन नहीं छोड़ना चाहिए लोग आपको सुनते और गुनते हैं।ऋषि कुमार शर्मा ने अनेक प्रसंग भी शेयर किया।उनके उद्बोधन को सभी ने सराहा।वहीं डॉ.रवि शर्मा मधुप ने अपने विचार रखते हुए कहा कि छात्रों को पढ़ाते समय पांच शब्द प्रतिदिन लिखवाने चाहिए निश्चित ही छात्रों में हिंदी का विकास होगा, इस अवसर पर उन्होंने हिंदी की गूंज संस्था के संयोजक नरेंद्र सिंह नीहार जी को बधाई देते हुए उनके इस सार्थक प्रयास की मुक्त कंठ से प्रशंसा की।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार और पत्रकार सूर्य नाथ सिंह ने कहा कि- युवाओं में साहित्य का संस्कार पैदा करना बहुत आवश्यक है, इस  कार्य को हिंदी की गूंज संस्था बखूबी निभा रही है। इस सारस्वत अनुष्ठान में हिन्दी के ग्यारह विद्वानों को सम्मानित किया गया। सम्मान पाने वालों में डॉ. रवि शर्मा मधुप,राजपाल सिंह गुलिया, श्याम सुंदर श्रीवास्तव कोमल, डॉ. ममता श्रीवास्तव, डॉ. बीर सिंह रावत और नीरज कोठियाल आदि प्रमुख थे। कार्यक्रम का कुशल संचालन तरुणा पुंडीर तरुनिल तथा लौह कुमार ने किया।संस्था के वरिष्ठ संरक्षक गिरीश जोशी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यक्रम का समापन किया। हिन्दी की गूंज परिवार के ओमकार सिंह यादव, भावना मिलन,रामकुमार पांडेय, डॉ.सुनित कुमार, राज श्रीवास्तव,अनुज आदि की उल्लेखनीय भूमिका रही।लगभग 3 घंटे चले इस कार्यक्रम में दिल्ली तथा देश के कोने-कोने से आए अतिथियों ने कार्यक्रम का पूरा आनंद लिया और सभी को सराहा।सम्मानित अतिथियों में डॉ दर्शनी प्रिया, दि ग्राम टुडे समाचार पत्र के उपसंपादक एवं कवि विकास मिश्र,पत्रकार एवं कवयित्री सीमा रंगा इंद्रा, दूरदर्शन से इशहाक खान आदि अतिथि शामिल हुए।संस्था की तरफ से आमंत्रित अतिथियों को भी पुष्प गुच्छ एवं अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया।

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