साहित्यिक संस्था कोशिश की मासिक काव्यगोष्ठी संपन्न

साहित्यिक संस्था कोशिश की मासिक काव्यगोष्ठी संपन्न 
जौनपुर 
साहित्यिक और सांस्कृतिक संस्था  कोशिश  की मासिक काव्य गोष्ठी बाबू रामेश्वर प्रसाद सिंह सभागार रासमंडल जौनपुर में दिनाँक 27 -10-24 को अवधी के सशक्त कवि श्री गिरीश कुमार गिरीश जी की अध्यक्षता में संपन्न हुई। माँ वीणा पाणि  की वंदना  के पश्चात नंदलाल समीर  की रचना--यहाँ तो कानून मँहगा,जान सस्ती है/ खूब पसंद  की गई। अमृत प्रकाश  की रचना--खिड़कियाँ बंद करने  की है सजा/बैठे रहिए उदास  कमरे में/मानव जीवन में फैली निराशा  की ओर संकेत कर गई। कमलेश  की रचना--फूलों  की पंखुरियों से कोई पुकारता है-प्रकृति  की सुंदरता  को रेखांकित कर गई। राजेश  पांडेय  की रचना की रचना आध्यात्मिक वातावरण का सृजन कर गई तो वहीं अनिल उपाध्याय  की क्षणिका व्यवस्था पर गहरा चोट कर गई। ओ.पी.खरे  की रचना  दिये  की लौ खूब पसंद  की गई। रामजीत मिश्र  का शेर--दुनिया में उजड़े हैं बेशक/दिल में मगर आबाद  मिले हम। दिल  की दास्तान  बयान कर गया।जनार्दन अष्ठाना पथिक  की रचना__चुप-चुप सबकुछ  सह जाती हो तम भी  ना..
प्रेम  की अबूझ पहेली  की ओर संकेत करती लगी। गिरीश कुमार गिरीश  का मुक्तक- सरापा इश्क़ हूँ जज्बात हूँ मैं/अकेला ही सही बारात हूँ मैं/-सितारे  कैद हैं मुठ्ठी में मेरी/कहा किसने  कि खाली हाथ हूँ मै/मानव  की जीजिविषा  को रेखांकित कर गया तो वहीं शायर अहमद  निसार का शेर--मोहब्बतों  के मुसाफिर अजाब तक पँहुचे/तमाम उम्र चले और ख्वाब तक पँहुचे। रूमानियत  की दुनिया  का शैर करा गया।असांर जौनपुरी,रमेश सेठ,फूलचंद भारती ,सुशील दुबे, अश्वनी तिवारी,मजहर आसिफ, व आर पी सोनकर पं.  रामदयाल द्विवेदी ,मोनिस जौनपुरी डाक्टर विमला सिंह ने भी अपनी रचनाओं से गोष्ठी  को रससिक्त  किया।  गोष्ठी में रामजीत मिश्र  के कविता-संग्रह  *दिल  के अक्स*और रमेश सेठ  के कविता-संग्रह *जज्जबये दिल*का लोकार्पण प्रो आर एन सिंह और  कोशिश परिवार द्वारा  किया गया।गोष्ठी  का संचालन  अशोक मिश्र और आभार ज्ञापन प्रो.आर एन सिंह  ने किया।

Comments

Popular posts from this blog

बेस्ट टीचर निलिमा चौधरी यांची स्वेच्छा निवृत्ती

मीरा रोड में सार्वजनिक नवकुंडीय हवनात्मक चंडी महायज्ञ संपन्नकार्यक्रम में भारी संख्या में शामिल हुए गणमान्य

यादव संघ प्रगति पैनल को भारी समर्थन