ग़ज़ल ये दावा है

ग़ज़ल 
ये दावा है


रिपोर्टों में, कटे जंगल पच्चीसों में ये दावा है
प्रदूषण, बाढ़, बढते ताप, तीनों में ये दावा है

बड़े पीपल, बड़े बरगद, कटे हैं पुल की आरी से
उगाने चल पड़े जंगल बगीचों में ये दावा है

 लगा गमले में पौधे घर में ऑफिस में दुकानों में
धुआँ सब सोख लेगें अब दलीलों में ये दावा है

नमी देगा वो देगा ऑक्सीजन छाँव लकड़ी फल
कमाई हो रही ज़्यादा मशीनों में ये दावा है

वो जंगल काटकर बनवा रहे पर्यावरण ऑफिस
चरम विकसित ये तस्वीरें कमीनों में ये दावा है

विकासों से पटे हैं पोस्टर कितना प्रकृति दोहन
मगर भरपाई कर देंगे महीनों में ये दावा है


वंदना
सीनियर रिसर्च स्कॉलर
गुजरात यूनिवर्सिटी
अहमदाबाद

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