अंतर्राष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस पर साहित्यकारों ने किया नशा का जमकर विरोध

अंतर्राष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस पर साहित्यकारों ने किया नशा का जमकर विरोध

छत्तीसगढ़ 
नशा (कुव्यसन) स्वयं को ही विनाश की ओर ले कर तो जाता ही है बल्कि समाज में इसका दुष्परिणाम भी देखने को मिलता है। आने वाली पीढ़ियों में गलत संदेश जाता है। अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय काव्य रसिक मंच के तत्वधान में गूगल मीट के माध्यम से दिनांक 25 जून 2024 को नशा मुक्ति पर ई-कवि सम्मेलन का कार्यक्रम तीन सत्र में आयोजित किया गया । प्रत्येक सत्र के अलग-अलग कार्यक्रम अध्यक्षों ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिसमें प्रथम सत्र में मीर अली मीर छत्तीसगढ़ के रसखान (कार्यक्रम अध्यक्ष) , संचालन रश्मि अग्रवाल छत्तीसगढ़ एवं काव्य पाठ करने वाले साहित्यकारों में रियाज खान गौहर भिलाई, छत्तीसगढ़ , डॉ कुमार वर्मा बाराबंकी , डॉ.( कु.) शशि जायसवाल प्रयागराज, चिदाकाश 'मुखर' गाज़ीपुर, उत्तरा शर्मा अम्बाला हरियाणा, शीला सुरेश गोदाम सिलवासा, अभिनंदन अष्टगे सिलवासा, भुलक्कड़ बनारसी बनारस, निवेदिता वर्मा 'मेघा' भाटापारा छत्तीसगढ़, उमाकांत भारद्वाज 'लक्ष्य' भिंड मध्य प्रदेश उपस्थित रहे।
            द्वितीय सत्र में कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ ममता मनीष सिन्हा प्रसिद्ध साहित्यकार रांची झारखंड, संचालन दिलीप स्वामी बीकानेर राजस्थान एवं इस सत्र में शामिल हुए साहित्यकारों में डॉ सुनील श्रीवास्तव 'बेचारा' अमेठी, किरण अग्रवाल प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश, सोमेश तिवारी 'सोम' सीतापुर उत्तर प्रदेश, संध्या सुनील जैन राज भिलाई छत्तीसगढ़, डाॅ अम्बे कुमारी बोधगया बिहार, नीलम शर्मा, भेरू सिंह चौहान तरंग झाबुआ मध्य प्रदेश, सुनील श्रीवास्तव राज़ गोरखपुर, बसंत श्रीवास 'वसंत' नरगोड़ा, लतालेन 'लता' प्रधान छ.ग., सुनीता केसरवानी नागपुर महाराष्ट्र की उपस्थिति रही।
          तृतीय सत्र में कार्यक्रम अध्यक्ष मीना जैन सुमीता प्रसिद्ध साहित्यकार एवं समाजसेवी सिलवास तथा संचालन चंद्रकला भरतिया नागपुर ने किया। इस सत्र में काव्य पाठ करने वाले साहित्यकारों में प्रो.(डॉ) शरद नारायण खरे मंडला म. प्र., राम रतन श्रीवास 'राधे राधे' बिलासपुर छ.ग. (महामंत्री राष्ट्रीय काव्य रसिक मंच) , शिवनाथ सिंह 'शिव' रायबरेली उत्तर प्रदेश, सुरेश बंछोर भिलाई छत्तीसगढ़ , इंद्रेश भदोरिया रायबरेली उत्तर प्रदेश, शैलेंद्र अंबष्ट् वाराणसी उत्तर प्रदेश, आभा गुप्ता इंदौर मध्य प्रदेश, सरफराज हुसैन फ़राज़ मुरादाबाद उ. प्र., डॉ. मधुकर राव लारोकर मधुर नागपुर महाराष्ट्र, रवेंद्र पाल सिंह 'रसिक' मथुरा, रामकुमार 'रसिक' (संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय काव्य रसिक मंच), सुषमा ,रेखा अग्रवाल "मणि", सुनील, संध्या जैन महक भिलाई छत्तीसगढ़, कामेश्वर कुमार कामेश रांची झारखंड, श्रीपति रस्तोगी, विनय शर्मा "दीप" पत्रकार एवं साहित्यकार मुंबई इत्यादि की शानदार उपस्थिति रही।राष्ट्रीय काव्य रसिक मंच के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी विनय शर्मा "दीप" ने एक श्रोता के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय काव्य रसिक मंच के संस्थापक रामकुमार रसिक संपूर्ण सत्रों के साहित्यकारों को सुना और सभी की रचनाओं को सराहा।रसिक ने अपने उद्बोधन में कहा कि अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस के इस अवसर पर समाज में व्याप्त नशा को जड़ से खत्म करने का प्रयास सभी को करना चाहिए।जिसमें सभी  साहित्यकारों ने अपना अमूल्य योगदान देने का एक संकल्प लिया। अंत में राम रतन श्रीवास "राधे राधे" महामंत्री ने देश के विभिन्न राज्यों से सम्मिलित साहित्यकारों का आभार प्रकट किया।

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  1. नशा से मुक्ति पाना है, स्वस्थ भारत बनाना है

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