जननायक भारत रत्न श्री कर्पूरी ठाकुर को समर्पित भाव सुमन
*जननायक भारत रत्न श्री कर्पूरी ठाकुर को समर्पित भाव सुमन
*विधा ----दोहा छंद*
जननायक थे देश के, जन्मे राज्य बिहार।
मंत्री मुख्य बिहार के, दी अच्छी सरकार।।
कर्पूरी शुभ नाम है, ठाकुर सेन समाज।
जन-जन के नेता रहे, बने रहे सरताज।
जन्मे ग्राम पितौंझिया, वे ठाकुर परिवार।
जिला समस्तीपुर है, था उत्तम व्यवहार।।
गोकुल के घर में हुए, रामदुलारी मात।
खूब किए संघर्ष वे, सहे बहुत आघात।।
कर्म नहीं छोटा-बड़ा, कहते थे यह बात।
किए कर्म नाई गिरी, दी हमको सौगात।।
हित आजादी के लिए, किए खूब संघर्ष।
रहे काल कुछ जेल में, हुआ नाम उत्कर्ष।।
दलितों पिछड़ों के बने, वे सच्चे सरदार।
आज उन्हें करते नमन,हम सब बारम्बार।।
भारत माॅं के रत्न थे, धरती पुत्र किसान।
अब जाके सच में बने, भारत रत्न महान।।
सम्मानित मरकर हुए, कर्पूरी जी आज।
भारत रत्न मिला उन्हें, हर्षित हुआ समाज।।
संतों सा जीवन जिया,धन संचय से दूर।
नाम कमाए खूब वे, जीवन में भरपूर।।
युग पुरूष त्यागी बड़े, हे भारत के लाल।
*राम* किया ऊॅंचा सदा,निज समाज का भाल।।
*रचयिता*
*रामसाय श्रीवास "राम" किरारी बाराद्वार*
*सक्ती (छग)*
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