दिव्यालय एक व्यकितत्व परिचय में हुआ साक्षात्कार **होस्ट किशोर जैन के साथ अतिथि हरिशंकर सिंह जी

दिव्यालय एक व्यकितत्व परिचय में हुआ साक्षात्कार **होस्ट किशोर जैन के साथ अतिथि हरिशंकर सिंह जी

अतिथि-  हरिशंकर सिंह जी
होस्ट- किशोर जैन
रिपोर्ट-  सुनीता सिंह " सरोवर "

 प्रश्न- सर आप कहाँ से हैं? 
उत्तर- जी मैं जिला बनारस के एक छोटे से गाँव  से हूँ  और गौरवान्वित हूँ कि मैं बाबा विश्वनाथ की नगरी का वासी हूँ, जो कि भगवान शिव के डमरू पर विराजमान है, और यह एक एतिहासिक पावन नगरी है। 

प्रश्न-  सर आपकी  शिक्षा - दीक्षा कहाँ से हुई? 

उत्तर- जी मेरी इंटर की पढ़ाई डी. ए. वी कालेज जौनपुर से हुई, बी. एस. सी. और वकालत फैजाबाद लाॅ कालेज से हुई, उसके बाद बनारस दीवानी न्यायालय में मैंने फौजदारी ( क्रिमिनल केसेज) के वकील के रूप में मेरा करियर शुरू हुआ, अपने पुरखो और गुरु के आशीर्वाद से एक सफल वकील होने के साथ- साथ आज यहाँ तक पहुँचा हूँ। 

प्रश्न- ऐसा माना जाता है कि वकील " समाज से बुराई रुपी कील  को उखाड़ फेकता है? आप इस कथन से कहाँ तक सहमत हैं, इसका तात्पर्य बताइये? 

उत्तर-  आजादी की लड़ाई से लेकर आज तक हमारा इतिहास साक्षी है, कही भी कभी भी अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने वाले नेता- समाज सुधारक अधिकतर वकील रहें हैं, बुराई चाहे कैसी भी हो, उसके खिलाफ लड़ने वाला वकील रहा है, फिर चाहे धोखाधड़ी हो, लूटपाट हो, किसी महिला के साथ अन्याय हुआ हो, वकील समाज सदा से ही इस बुराई रुपी कील को उखाड़ फेंकने का प्रयास करता आया है। 

प्रश्न-वादकारियों का हित सर्वोच्च है, इसे कैसे प्रमाणित करेंगे? 

उत्तर-  कहाँ जाता है, फौजदारी, दीवाना दिवालिया कर देती है, कोई भी गुनहगार जब पेशी के लिए आता है, तो सबसे पहले यही प्रयास किया जाता है, की मामला सुलह - समझौते से हल हो जाए, लेकिन अगर बात बढ़ जाती है कोई हल नहीं निकलता है, तो तारीख दी जाती है, अगर वादकारी वकील हायर करने में असमर्थ है तो सरकार के तरह से वकील मामूली फिस पर मुहैया करवाया जाता है, पर हर हाल में वादकारी का हित सर्वोच्च होता है। 

प्रश्न- अधिवक्ताओं के लिए कल्याणकारी योजनाएं क्या हैं, क्या वह सही रूप से कार्य कर रही हैं? 

उत्तर-  जी देखिए मैंने कई देशों का दौरा किया और मैने पाया कि सबसे दयनीय हालत अगर वकीलों की कहीं है, तो वह है भारत, हमारे यहाँ वकीलों की फीस सबसे कम है, फिर भी मुवक्किल फीस के नाम पर आना कानी करते हैं, इन सब बिंदुओं पर कार्य किया जा रहा है, पूरी निष्ठा से वकीलों के हक में कार्य किया जा रहा है, बहुत हद तक सफलता मिली है, आगे का समय और अच्छा होगा ऐसी आशा है। 


प्रश्न- न्याय की देवी के ऑंख पर काली पट्टी क्यों बॅंधी होती है? 

उत्तर-  देखिए कानून पूरी तरह से गवाहों पर निर्भर होता है, फिर गवाह चाहे अमीर हो या गरीब, और कानून की शरण में आए हुए पीड़ित, को बिना भेद - भाव के न्याय मिलता है, काली पट्टी का यह भी तात्पर्य है की इंसाफ का तराजू सबके लिए बराबर है, अमीर- गरीब, ऊँच- नीच, जाति- पात से परे। 

प्रश्न- आजकल समाज में अनेकों विसंगतियां फैली हुई है, एक वकील होने के नाते आप क्या राय देना चाहतें हैं, इन्हें कैसे कम किया जा सकता है? 

उत्तर- जी हाँ आजकल झूठ, फरेब, चार सौ बीसी  का बोल बाला है, लेकिन अभी भी समाज में अनेकों अच्छे लोग हैं, जिनके सहयोग से हम धर्म- कर्म फल- फूल रहा है, जहाँ तक मैं वकीलों की बात करूँ, तो आज भी वकील सबसे कम फीस लेता है, और फिर भी वो समाज के विसंगतियों के खिलाफ लड़ता है, न्याय दिलवाता है, उसके लिए अमीर- गरीब सब एक समान होतें हैं, और मैं सौ फिसद एक वकील होने के नाते यह प्रयास प्रति दिन निष्पक्ष भाव से करता हूँ। 

प्रश्न- आज के युवा वर्ग को आप क्या संदेश देना चाहेंगे? 
उत्तर-** मैं आज के युवाओं से यही कहना चाहता हूँ, आप सब देश के भविष्य हैं, आप सबसे ही हमारा कल है, मेहनत से पढ़े और अपने देश की आन बान शान को कायम रखें। 

अंत में बेहतरीन संचालन कर रहे यू.के. से किशोर जैन ने अपने अतिथि को धन्यवाद दिया। इस नेक व सराहनीय कार्य के लिए दिव्यालय की संस्थापक व कार्यक्रम आयोजक व्यंजना आनंद 'मिथ्या' और पटल अध्यक्ष एवं कार्यक्रम संयोजक  मंजिरी "निधि" 'गुल'जी को कार्यक्रम आयोजन के लिए धन्यवाद दिया तथा बताया कि इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण Vyanjana Anand Kavya Dhara यूट्युब चैनल पर लाइव हर बुधवार शाम सात बजे हम देख सकते हैं या उसकी रेकॉर्ड वीडियो को बाद में देखा जा सकता है।

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