अच्छा दिन आया होता तो ।हम इतना चिल्लाते क्यों।।
अच्छा दिन आया होता तो ।
हम इतना चिल्लाते क्यों।।
सही सलामत सब कुछ होता।
तो हम दर्द सुनाते क्यों।।
मौसम आया होता सुंदर।
तो हम खुद गर्माते क्यों।।
झूठ हमें राहत देता तो।
इतना सत्य बुलाते क्यों।।
पूंजी पति जनहित गाते तो ।
उनसे हम घबराते क्यों।।
नेताजी नैतिक होते तो।
हम आवाज उठाते क्यों।।
राहत होती इस दुनिया में।
तो हम बात बढ़ाते क्यों।।
मानव धर्म चला होता तो।
हम सब तर्क लगाते क्यों।।
सब कुछ यहां मुकम्मल होता ।
तो हम जान लड़ाते क्यों।।
सही दिशा में सब कुछ होता ।
तो हम रोक लगाते क्यों।।
सही व्यवस्था मिल जाती तो ।
क्रांतिगीत हम लाते क्यों।।
उलटी दिशा नहीं होती तो।
रोज बगावत गाते क्यों।।
अच्छा दिन आया होता तो।
हम इतना चिल्लाते क्यों।।
अन्वेषी 28 9 23
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