व्यक्तित्व एक परिचय में हुए,साक्षात्कार के लिए पधारे अतिथि सुनीता सारस्वत जी होस्ट किशोर जैन के साथ* |

**व्यक्तित्व एक परिचय में हुए,साक्षात्कार के लिए  पधारे अतिथि    सुनीता सारस्वत जी होस्ट किशोर जैन के साथ* |
 
""न मजहब न जाति बस एक ही धर्म है इंसानियत ""
**** अपने लिए जिए तो क्या जिएं तू जी  दिल जमाने के लिए ****
 ये पंक्ति एकदम सटीक बैठती है हमारे आज के अतिथि सुनीता सारस्वत जी पर  ,जो एक शिक्षिका होने के साथ- साथ एक समाज सेविका भी हैं,  SSIF  की  संस्थापिका हैं   आपने जन सेवा के लिए कई  योजनाओं के तहत काम कर रही हैं ,सर्वप्रथम उपेक्षित बस्तियों के बच्चों एवं अनाथ बच्चों को शिक्षित कर रहीं हैं, किशोर युवतियों के लिए सिलाई और ब्युटी पार्लर जैसे रोजगार परक योजना शुरू करना चाहती हैं जिसने कम उम्र की विधवा, बेसहारा औरतें अपनी रोजीरोटी कमा सकें, दरिद्रनारायण जैसे योजना के तहत आप उन इलाकों और बस्तियों में पहुँच कर राशन और रोजमर्रा के जरूरत की चीजों को उपलब्ध कराती हैं, जिसके लिए   इन्हें एक नहीं दो बार हमारे दिवंगत राष्ट्रपति स्व.प्रणव मुखर्जी द्वारा आप अपने उत्कृष्ट और निस्वार्थ सेवा भाव के लिए सम्मानित हो चुकी हैं |
भविष्य में आप एक विद्यालय भी खोलना  चाहतीं हैं जिससे शिक्षा का अधिकार हर एक बच्चे को मिले और उनका भी भविष्य उज्जवल हो, आपके अच्छे कार्यों को देखते हुए आपके साथ सहयोग के लिए भी लोगों ने कदम बढाया है, आने वाले साल में आप और आपके कार्य सवर्णिम  इतिहास के गवाह बनेगें|

 "** मन में अगर सच्चाई है, कुछ कर गुजरने का जुनून और ज्जबा हो तो खुदा भी स्वत: रास्ते देता है |

दिव्ययालय एक साहित्यिक पटल पर प्रति बुधवार दिव्यालय एक व्यक्तित्व परिचय "चंद बातें कुछ यादें नई पुरानी""  
    *इस श्रृंखला की शुरुआत ही किशोर जैन ने शुभ संदेश देते हुए किया । उन्होंने बताया कि दिव्यालय एक साहित्यिक यात्रा पटल अब भारत केन्द्र से पंजीकृत हो चुका है यह पटल के संस्थापक मंडल के लगन  का ही परिणाम है ।*     पंजीकरण  की शुभकामनाएँ देते हुए व्यक्तित्व परिचय कार्यक्रम के अतंर्गत हुए साक्षात्कार में राजस्थान से सुनीता सारस्वत जी होस्ट किशोर जैन जी के साथ, किशोर जैन के प्रश्नों के जबाब में आपने बताया की आप राजस्थान के जयपुर में रहते हुए , आप पूरी तरह से खुद को मानवता की सेवा में लगी हुईं हैं |  पिता  एक सफल पत्रकार थे और आपकी शिक्षा - दीक्षा  आसम, बंगाल और राजस्थान के झूनझूनू से  हुई,आपके अनुसार , इस  धरती पर मानव  जीवन अनमोल है  इसलिए इस जीवन को जीत कर  विकास  करने के लिए सदैव परहित   के लिए ही  कार्य करते हुए  हृदय  की विशालता बरकरार रखने हेतु कदम से कदम मिलाकर साथ चलने की आवश्यकता है  और अंत में अपने अंतिम संदेश में सुनीता जी ने कहा की हम अपने छोटे- छोटे कार्य  से भी समाज में बहुत बड़ा बदलाव ला सकते हैं और आप SSIF से जुड़कर भी एक - एक कदम बढा़ सकते हैं, एक  युग परिवर्तन की ओर |

और अंत में बेहतरीन संचालन कर रहे यू.के. से  किशोर जैन जी ने अपने इस साक्षात्कार के भाव  प्रकट करते हुए अपने अतिथि  सुनीता सारस्वत  जी को   धन्यवाद दिया इस नेक व सराहनीय दिव्यालय की संस्थापक व कार्यक्रम आयोजक व्यंजना आनंद 'मिथ्या ' और उपाध्यक्ष व कार्यक्रम संयोजक  मंजरी निधि 'गुल'जी को  तथा कार्यक्रम अलंकरण प्रमुख व सभी टीम मेम्बर को इस श्रेष्ठ कार्यक्रम के लिए आभार व्यक्त किया । आ.  मंजरी निधि " गुल" ने पूरे दिव्यालय परिवार की तरफ से उन्होंने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहाँ, की सुनीता सारस्वत जी जैसे  इंसानों की समाज  को जरूरत है, जिन्होंने परहित काज करके एक वर्ग से जुड़े हुए सुलझी और समझदार महिला हैं , ओर जो भविष्य में समाज का दर्पण  होगीं आने वाले समय में आप एक नए समाज का निर्माण करेंगी |

मीडिया प्रभारी 
सुनीता सिंह सरोवर

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