व्यक्तित्व एक परिचय में हुआ साक्षात्कार मूर्तिकार श्री देवेंद्र अत्रे होस्ट किशोर जैन के साथ*
*व्यक्तित्व एक परिचय में हुआ साक्षात्कार मूर्तिकार श्री देवेंद्र अत्रे होस्ट किशोर जैन के साथ*
" पत्थर में भी भगवान बसते हैं, ये हिन्दुस्तान हैं यहाँ की मिट्टी में भी जान है "
दिव्यालय एक साहित्यिक पटल पर प्रति बुधवार दिव्यालय एक व्यक्तित्व परिचय "चंद बातें कुछ यादें नई पुरानी" इस श्रृंखला के अंतर्गत हुए साक्षात्कार में उपस्थित मेहमान जो एक मशहूर मुर्तिकार और जिन्होंने अभी तक कुल एक लाख आठ हजार बाव मूर्तियाँ बनाई और सब इकोफ्रेंडली ।
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किशोर जैन जी के सवाल का बखूबी उन्होंने जवाब देते हुए बताया की हम सब बचपन से भी आर्ट किया करते थे हमारे पिताजी भी बहुत अच्छे मूर्ति कार थे, और पिता के साथ -साथ मुझे भी यह काम भाने लगा।
मूर्ति बनाने का सिलसिला , गणपति उत्सव से शुरू किया और आज हर तरह की मुर्तियो के लिए जाने जाते हैं|
इनकी बनायी हुई मुर्ति की खासियत यह है की ये गेरु नामक मिट्टी और फूल पत्तियों के रंगों से रंगी जाती हैं, जो पूरी तरह से प्रकृतिक हैं और जिनसे जल में रहने वाले जीव- जंतु को भी नुकसान नहीं पहुंचता |
आपको इन विशेष मुर्तियो ने ही समाज में एक विशेष पहचान दिलवाई हैं, आज कई शहरों में आप वर्कशाप चला रहें हैं और छोटे कुम्हारों से लेकर के कई लोगों को जोड़ कर एक रोजगार का जरिया भी बना हैं ||
और अंत में बेहतरीन संचालन कर रहे यू.के. से किशोर जैन जी ने अपने इस साक्षात्कार के भाव प्रकट करते हुए अपने अतिथि देवेंद्र जी को धन्यवाद दिया इस नेक व सराहनीय कार्य के लिए|
दिव्यालय की संस्थापक व कार्यक्रम आयोजक व्यंजना आनंद 'मिथ्या ', और उपाध्यक्ष व कार्यक्रम संयोजक मंजरी निधि 'गुल'जी को मंच पर आमंत्रित कर उनके भाव को प्रकट करने को कहा ।
पूरे दिव्यालय परिवार की तरफ से उन्होंने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आभार जताया ।
मीडिया प्रभारी
सुनीता सिंह सरोवर
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