तुम रुकना मततुम्हारे हर अच्छे काम कीकूट कूट बुराई करेंगेशुरुआत में कुछ नही परसफलता के पहले नाम रखेंगे


तुम रुकना मत
तुम्हारे हर अच्छे काम की
कूट कूट बुराई करेंगे
शुरुआत में कुछ नही पर
सफलता के पहले नाम रखेंगे

तुम्हारे इतिहास को खंगाल के
तुम्हे कंगाल बनाएंगे
लालच, लाभ, लोभ से
भावनाओ को बहकायेंगे

तरह तरह पैतरे आजमाकर
षड्यंत्र रचाएंगे
तुम्हारे सुकून के घर मे
आग लगाएंगे

लेकिन, हाँ... लेकिन
तुम रुकना मत
काले बदलो को चीर कर 
सूरज रोज चमकता है
हर अंधेरे गुफ़ा का 
कंही न कंही अंत होता है।

लेकिन, हाँ... लेकिन
तुम रुकना मत...

प्रो डॉ दिनेश गुप्ता- आनंदश्री
आध्यात्मिक व्याख्याता एवं माइन्डसेट गुरु, मुम्बई

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