अंतर्राष्ट्रीय नशामुक्ति दिवस पर कन्नौजिया श्रीवास समाज साहित्यिक मंच छत्तीसगढ़ द्वारा कवि सम्मेलन सम्पन्न

अंतर्राष्ट्रीय नशामुक्ति दिवस पर कन्नौजिया श्रीवास समाज साहित्यिक मंच छत्तीसगढ़ द्वारा  कवि सम्मेलन सम्पन्न
भारत सम्पूर्ण विश्व में ,आदर्शवाद, अध्यात्मवाद, योग, ज्ञान और साहित्य आस्था, भक्तिभाव , संस्कृति को संजोए हुए विश्व बंधुत्व के भाव के साथ सुस्वथ्य रहने के लिए सदैव प्रेरित करता है । नशा ( मादक पदार्थ ) से जीवन में जुड़े भौतिक, मानसिक, भावनात्मक, आत्मिक और आध्यात्मिक, आदि सभी पहलुओं पर नकरात्मक विचार पैदा करता है । नशा को नाश करने के उद्देश्य से चिंतन करते कन्नौजिया श्रीवास समाज साहित्यिक मंच छत्तीसगढ़ के तत्वधान में १४ वीं काव्य गोष्ठी आभासी पटल के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस" के पूर्व संध्या पर कवि सम्मेलन दिनांक 25 जून 2022 को आयोजित किया गया ।इसके मुख्य अतिथि राजगुरु आचार्य कृष्णानंद नौटियाल ( टिहरी राज परिवार के राज गुरु , गुप्तकाशी रुद्रप्रयाग  उत्तराखांड श्री केदारनाथ हिमालय )। कार्यक्रम का आगाज माँ वीणापाणि की सुमधुर वंदना एवं आचार्य जी के मंत्रोतचार से की गयी । कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राम रतन श्रीवास "राधे राधे" बिलासपुर छत्तीसगढ़ उपस्थित रहे । मंच संचालन महासचिव डाँ. हितेन्द्र श्रीवास व तुलेश्वर कुमार सेन के बेहतरीन अंदाज द्वारा सम्मिलित रूप की गयी । कार्यक्रम के मध्य मे मंच के संस्थापक इंजीनियर रमाकांत श्रीवास ने कवियत्री गायत्री श्रीवास को उनकी खूब सूरत रचना एवं  सुन्दर् प्रस्तुति से प्रसन्न होकर त्वरित रूप से नगद पुरुस्कार प्रदान किया।
     मुख्य अतिथि राजगुरु आचार्य कृष्णानंद नौटियाल जी अपने उद्बोधन मे सभी लोगों को नशा न करने उससे दूर रहकर सुखमय जीवन जीने की कला व उद्देश्य को समझाते हुए शिव भक्ति करते हुए बहुत ही सुंदर काव्य पाठ किये, वहीं कवियत्री पुष्पलता भार्गव के  नशा के प्रकार का वर्णन किया व मनमोहक गीत से मंच को रूबरू कराया। कवि रामवरण कोरी दुर्ग (छ०ग०) ने अपनी खूबसूरत हास्य हजल प्रस्तुत कर सबके चेहरे पर हँसी ला दी । इसी प्रकार सभी कवि कवियत्रियों ने बारी बारी से नशा को किस प्रकार हराया जा सकता है अपने अपने माध्यम से कविता गीत एवं छंद के द्वारा अपनी बात रखी और इस कुचक्र को कैसे तोड़ा जा सकता है इस पर विचार मंथन किये। सरकार  द्वारा चलाए जा रहे नियमों को भी कविता के माध्यम से बताने एवं नशा से बचने का उपाय बताते हुए साहित्यकारों द्वारा काव्यांजलि प्रस्तुति दी गई । सभी कवियों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी जिनमें कोरबा से  -- सूरज श्रीवास , लक्ष्मी करियारे , संतोष श्रीवास , आशा आजाद , रविशंकर श्रीवास(कोषाध्यक्ष) मस्तुरी, बसंत श्रीवास 'वसन्त' (नारायणपुर) , गायत्री श्रीवास "अभिलाषा" ,सिंघनगढ़ कबीर धाम (छ०ग०) , सुशील कुमार पाठक (प्रशिक्षण समन्वयक अधिकारी जिला पंचायत बलौदा बाजार (छ०ग०), डाँ हितेन्द्र श्रीवास (कोरबा) ,तुलेश्वर कुमार सेन (राजनांदगांव ), ,देवेश दिक्षित (दिल्ली) , इंजीनियर रमाकांत श्रीवास (मंच संस्थापक सालिहाभाठा ,कोरबा),  सुधीर श्रीवास्तव (गोंडा उ०प्र० वरिष्ठ साहित्यकार अनेकों साहित्य मंच के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष, मार्गदर्शक) , घनश्याम (गुड्डा) श्रीवास (हरदी बाजार) व अन्य कविगण उपस्थित रहे ।
            कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राम रतन श्रीवास "राधे राधे" ने नशा न करने की अपील करते हुए कहा कि इस विनाश से प्रत्येक व्यक्ति को बचना चाहिए क्योंकि इससे घर ,परिवार, समाज और प्रतिष्ठा में बाधक है ।आभासी पटल पर आगंतुक सभी साहित्यकारों एवं दर्शकों का हृदय से आभार प्रकट करते हुए सभा समापन की घोषणा की गई।

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