विचारो के पार जाने का अभ्यास करें- आनंदश्री- आपका सहज मन ही सकारात्मक मन है


 विचारो के पार जाने का अभ्यास करें- आनंदश्री
- आपका सहज मन ही सकारात्मक मन है।


एक मिनिट भी ध्यान हटी, तो आपकी चेतना को चुरा लिया जाएगा। वही आपकी सच्ची दौलत है।
एक बार एक माली जो अपने काम और अपनी बगिया से बहुत प्यार  करता था। एक दिन वह अपने रमणीय बगीचे से गुजर रहा था और एक  जंगली खरपतवार को देखा। माली विशेष रूप से थका हुआ था इसलिए इस काम को टालमटोल कर दिया। 

अगले दिन उन्हें दो सप्ताह के लिए किसी अन्य राज्य में अपने रिश्तेदारों से मिलने जाना पड़ा। जब वह वापस आया, तो पीछे का बगिचा तहस नहस  में ढंका हुआ था और उसकी सारी उपज मर गई थी! ध्यान भटकी, दुर्घटना हुई।

*प्रतिक्रिया*

इसी तरह, अगर हम अपने मन में सिर्फ एक बुरा विचार की अनुमति देते हैं और इसे हटाने में विफल रहते हैं, तो यह अंकुरित हो जाएगा।

यदि हम अपने नकारात्मक विचारों को नष्ट करते हैं, तो सकारात्मक लोगों को बढ़ने की अनुमति देकर, वे एक सुंदर बगीचे की तरह हमारे व्यक्तित्व में प्रदर्शित करेंगे, तो यह जीवन सफल हो जाएगा।

सकारात्मक विचार की शक्ति ही हमारी सुप्त शक्ति है। नकारात्मक खरपतवार है जो विंध्वस करती है। हमें हमेशा अपने मन में केवल अच्छे और सकारात्मक विचारों का मनन करना चाहिए और कभी भी कुछ भी नकारात्मक करने का रास्ता नहीं देना चाहिए!
सतर्क रहें और अपने विचारों के प्रति सचेत रहें और अपने नकारात्मक विचारों के वंही सचेत रूप से, तेज़ी से समाप्त कर दे।

अपने सच्ची दौलत की रक्षा करें।

प्रो. डॉ दिनेश गुप्ता- आनंदश्री
अध्यात्मिक व्याख्याता एवं माइन्डसेट गुरु
मुम्बई
8008179747

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