बच्चों के दीर्घायु हेतु माताओं ने रखी जितिया पर्व पर निर्जला व्रत

बच्चों के दीर्घायु हेतु माताओं ने रखी जितिया पर्व पर निर्जला व्रत
मुंबई। मुंबई के निकट ठाणे जिले के कलवा (पूर्व) पूर्वांचल चाल भास्कर नगर में बुधवार दिनांक 29 सितंबर 2001 को सायं वैदिक परंपरा अनुसार जितिया देवी का पूजन-अर्चन- वंदन महिलाओं ने धूमधाम से किया।जितिया एक त्योहार है जिसमें निर्जला (बिना पानी के) उपवास पूरे दिन किया जाता है और माताओं द्वारा अपने बच्चों की भलाई के लिए मनाया जाता है। बिक्रम संवत के आश्विन माह में कृष्ण-पक्ष के सातवें से नौवें चंद्र दिवस तक तीन- दिवसीय त्योहार मनाया जाता है। ऐसा कहा जाता है की इस व्रत के दिन सोया नहीं जाता है और कुछ खाया भी नहीं जाता है। महिलाएं सुबह से बिना कुछ अन्न जल ग्रहण किए अपने बच्चों की भलाई,उनकी पदोन्नति,उनको सुखी रखने हेतु यह व्रत रहती हैं। सायंकाल उस कस्बे की सारी महिलाएं पूजन सामग्री लेकर एक गोठ में बैठती हैं और देवी मां की कहानी और उनके गीत गाती हैं फिर सुबह स्नान ध्यान पूजन वंदन करने के बाद जल ग्रहण करती है।

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