विद्यार्थियों की मूलभूत क्षमताओं के विकास हेतु कार्यशाला का भव्य आयोजन
विद्यार्थियों की मूलभूत क्षमताओं के विकास हेतु कार्यशाला का भव्य आयोजन
मुंबई । बृहन्मुंबई महानगरपालिका शिक्षण एफ उत्तर तथा जी उत्तर विभाग में संयुक्त रूप से शिक्षण अधिकारी राजू तड़वी के कुशल मार्गदर्शन तथा उप शिक्षणाधिकारी संजीवनी कापसे, अधीक्षक निसार खान एवं प्रशासकीय अधिकारी किसन पावडे - पाटिल के निर्देशन तथा परामर्श में कक्षा 1 ली से कक्षा 8 वीं के हिंदी माध्यम के सभी शिक्षकों की विद्यार्थियों में मूलभूत प्राथमिक क्षमताओं - वाचन , लेखन तथा गणितीय संक्रियाओं के पूर्ण विकास तथा पूर्ण प्रभुत्व हेतु कोविड -19 की मर्यादाओं को ध्यान में रखते हुए दिनांक 20 सितंबर2021 से 30 सितंबर2021 तक प्रत्यक्ष कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्रतिदिन 1 अनुभवी तथा विशेषज्ञ मुख्य शिक्षक के प्रतिनिधित्व में विभाग निरीक्षक जगदीश एन गायकवाड द्वारा शिक्षकों के माध्यम से ऑनलाइन तथा ऑफलाइन शिक्षण प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों तथा उनके पालकों की समस्याओं की जानकारी प्राप्त करते हुए विद्यार्थियों को आनंददाई तथा सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में शिक्षण अधिगम को प्रभावी तथा परिपूर्ण बनाते हुए ऑनलाइन/ ऑफ लाइन सहभागी विद्यार्थियों में प्रथम भाषा हिंदी , तृतीय भाषा अंग्रेजी के प्रभुत्वपूर्ण वाचन, लेखन तथा गणितीय संक्रियाओं के समाधान पर विशेष बल दिया गया।जिससे प्रत्येक विद्यार्थी इन क्षमताओं तथा कौशलों को कुशलतापूर्वक प्राप्त कर प्राथमिक शिक्षा के साथ - साथ उच्च शिक्षा की सफलतापूर्वक प्राप्ति कर सके।इसी कड़ी में दिनांक 20 सितंबर को 11 बजे से 1बजे तक 2री कक्षा दिनांक - 30 सितंबर तक क्रमश:3री 4थी 5वी 6 वीं, 7वीं, 8वीं तथा 1ली कक्षाओं के शिक्षकों का विभाग निरीक्षक जगदीश एन गायकवाड द्वारा सभी शिक्षकों की समुचित राय परामर्श / सुसंवाद के माध्यम से विद्यार्थियों के सतत,एवं सर्वांगीण विकास हेतु आवश्यक तथा उपादेय समाधान प्राप्त किए गए। कक्षा 1ली से कक्षा 8 वीं तक कार्यशाला प्रमुख के रूप में लीलालावती सिंह, विनोद कुमार मिश्र, अरविंदकुमार पांडेय , पुष्पा कोली ए ऊषा पथनवार ने वाचन- लेखन तथा गणितीय प्रक्रिया संबंधी कार्यशाला का कुशलता पूर्वक मार्गदर्शन तथा प्रतिनिधित्व किया। उक्त कार्यशाला का समय - समय पर विभाग निरीक्षक - प्रीति पाटिल, इरफान शाह तथा कनिष्ठ पर्यवेक्षक मधुकर माली द्वारा भी निरीक्षण, मार्गदर्शन तथा समुपदेशन किया गया। इस प्रकार डेढ़ वर्षों के बाद संबंधित विभाग के सभी शिक्षकों से प्रत्यक्ष रूप से सुखद स्नेह सम्मेलन के माध्यम से विद्यार्थियों तथा उनकी समस्त समस्याओं तथा उपलब्धियों के संबंध में अधिकतम शैक्षिक तथा अन्य आवश्यक जानकारियों का लेखा जोखा प्रस्तुत किया जा सका । विद्यार्थियों के गुणवत्ता विकास हेतु प्रत्यक्ष रूप से कार्यशाला का आयोजन, नियोजन तथा क्रियान्वयन प्रभावपूर्ण, शिक्षक विद्यार्थी उपयोगी एवं शिक्षण अधिगम प्रक्रिया की धारा में सफलता का द्योतक रहा। विभाग के सभी गुणवंत मुख्याध्यापकों तथा शिक्षकों के रूप में हवलदार सिंह, आलोक सिंह, उपेंद्र प्रताप राय, ओमप्रकाश मिश्र ,सुनील कुमार पांडेय, राजू आड़े, पवन कुमार शुक्ला, रविन्द्र पाटिल , भुवनेश सिंह, पूनम शिंदे, विनयकुमार दुबे, प्रेम शंकर दुबे, लल्लन यादव, आनंद सिंह तथा तंत्र स्नेही शिक्षक सुधीर कोचे, अरविंद गुप्ता , राजन राठोड गजानन जाधव , शैलेंद्र खोब्रागडे सहित अधिकांश शिक्षकों की भूमिका अनुकरणीय तथा प्रशंसनीय पाई गई।
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