भाजभा प्रचार समिति के द्वारा गुरू पूर्णिमा पर हुई कविगोष्ठी
भाजभा प्रचार समिति के द्वारा गुरू पूर्णिमा पर हुई कविगोष्ठी
ठाणे
भारतीय जनभाषा प्रचार समिति ठाणे एवं अखिल भारतीय साहित्य परिषद के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार दिनांक 24 जुलाई 2021 को गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया।गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार,वेदों के मर्मज्ञ अवनीश कुमार दीक्षित ने की,मुख्य अतिथि संजय द्विवेदी (मंत्री-अखिल भारतीय साहित्य परिषद),विशेष अतिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार शिव शंकर मिश्र उपस्थित थे।विशेष काव्यगोष्ठी का संचालन मुंबई के प्रतिष्ठित साहित्यकार,पत्रकार विनय शर्मा दीप ने गुरु पूर्णिमा पर उपस्थित गुरूओं के सम्मान में मुक्तक सुना कर काव्यगंगा को आगे बढाया।
"कि दुनिया में हमें जीने की,कोई जब चाह न सुझे।
अंधेरों में कहीं हमको,कोई जब राह न सुझे।
भटकता है मेरा मन यूँ,दिशा अब कौन दे हमको।
दिखा दो राह अब गुरूवर,कोई अब राह न सुझे ।।"
गोष्ठी का शुभारंभ संस्था सचिव अनिल कुमार राही के गुरू वंदना से किया गया।राही ने गुरू के चरणों में समर्पित करते हुए कहा---
"कृपा कर दो गुरुवर तरण चाहते हैं।
दया,पाद,पंकज,शरण चाहतें हैं।।
बसो उर मेरे मन को पावन करो अब।
गुरू आपका हम वरण् चाहतें हैं।।
बड़ा नीच पापी ये मन बावरा है।
हरो पाप,मेरे हरण चाहते हैं।।
विपत मोह माया के क्षंक्षावतों से।
सद़ा के लिए अब क्षरण चाहते हैं।।"
उपस्थित साहित्यकारों में वरिष्ठ साहित्यकार टी आर खुराना, भुवनेन्द्र सिंह विष्ट,आर पी सिंह रघुवंशी,शारदा प्रसाद दुबे, उमाकांत वर्मा,सुशील शुक्ल नाचीज,ओमप्रकाश सिंह,अश्विनी कुमार यादव एवं अनीश कुरैशी आदि उपस्थित थे,जिन्होंने अपनी-अपनी रचनाओं से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर ओमप्रकाश सिंह व उमाकांत वर्मा ने वरिष्ठ साहित्यकार टी आर खुराना व भुवनेन्द्र सिंह विष्ट के साथ उपस्थित सभी साहित्यकारों को पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया।
अंत में अध्यक्षता कर रहे दीक्षित जी ने सभी कवियों द्वारा प्रस्तुत की गयी रचनाओं पर प्रकाश डालते हुए सभी को प्रोत्साहित किया और राष्ट्रगान व आभार प्रदर्शन के साथ काव्यगोष्ठी का समापन किया गया।
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