हे काला बाजारियों तुम्हे करता मेरा जूता सलाम !👡👠- विधुभूषण त्रिवेदी विधुजी
हे काला बाजारियों तुम्हे करता मेरा जूता सलाम !
👡👠- विधुभूषण त्रिवेदी विधुजी
आत्मा की निर्मम हत्या करके
तुम आक्सीजन का भंडार कर रहे।
तड़प रहे है मानव की
जीवन रक्षक दवाइयों का तुम खुलेआम कालाबाजार कर रहे।।
मौत तुम्हे भी आयेगी
आई भी होगी अम्मा बप्पा दादा दादी को
फिर भी तुमको कुछ याद नही।
हदयाघात होगा तुमको भी एकदिन
तड़पोगे तुमको कुछ भी भान नही।।
उजड़ेगी मांग तुम्हारी प्यारी घरवाली की भी
बच्चे भी ऊपरवाले ने चाहा
बिना बाप हो जायेगे।
यही नही जब भी पुलिस धरेगी तुमको
निर्वस्त्र तुम्हे मारेगी तड़पायेगी।
जाओगे जब जेल
गली गली तू औलाद हरामी कहलायेगी।।
सफेदपोश राजनैतिक सर पर वरदहस्त रखे हैं तेरे ।
पर सब मौका परस्त है कुत्ते और कमीने
तुमको इसका आभास नही
मानवता के तुम कहलाये जाओगे खूनी हत्यारे ।।
तुम्हे सुनाई तो देती होगी
अस्पतालों से आती चीख पुकारें ।
आक्सीजन के अभाव में
चला गया
माँ का इकलौता बेटा, पति किसी का बिना दवाई असमय सांझ सकारे ।।
कालाबाजारी
जमाखोरी चोरबाजारी करने वालों
यह कवि तुमको श्राप दे रहा
कल ऐसे ही तेरे घर का इकलौता चिराग
सड़को पर चीख चीख कर दम तोड़ेगा।
जो आज आक्सीजन को तरस रहे
वह बूँद बूँद पानी को तरसेगा।।
वाणी को विश्राम नही
सुन कान खोल कर बेधर्मी
विधवा होगी तेरी पत्नी भी
बेटी बहने सारी।
सच कहता हूँ सरस्वती पुत्र हूँ
तब याद तुम्हे आयेगी
आक्सीजन और दवाओं की तेरी यह कालाबाजारी।।
मै सरस्वती पुत्र हूँ
कृपा मां काली खप्पर वाली
शब्द शब्द को चुन लो तुम
मेरा वचन न जाये खाली ।।
विधु😡
04:33 ब्रह्म मुहूर्त में
मुंबई
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