भाजपा को मुलुंड में बड़ा झटका, वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने दिया इस्तीफा
भाजपा को मुलुंड में बड़ा झटका, वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने दिया इस्तीफा
मुंबई। मुलुंड भारतीय जनता पार्टी को उस समय बड़ा राजनीतिक झटका लगा, जब पार्टी के कद्दावर नेता एवं पूर्व मंडल अध्यक्ष मनीष तिवारी ने आज अपने सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। पिछले 30 वर्षों से भाजपा से जुड़े रहे तिवारी के इस फैसले से मुलुंड सहित पूरे ईशान्य मुंबई राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। मनीष तिवारी ने लगातार 10 वर्षों तक मुलुंड भाजपा अध्यक्ष के रूप में संगठन की कमान संभाली। उनके कार्यकाल में मुलुंड के सभी 6 वार्डों में भाजपा ने मज़बूत पकड़ बनाई, जिसे पार्टी का अभेद्य गढ़ माना जाने लगा। संगठन विस्तार, बूथ सशक्तिकरण और जमीनी कार्यकर्ताओं को जोड़ने में उनकी भूमिका अहम रही। इस्तीफे के बाद जारी बयान में तिवारी ने स्पष्ट किया कि उनका विरोध किसी व्यक्ति विशेष से नहीं, बल्कि पार्टी की उन नीतियों से है जो वर्षों से समर्पित कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर रही हैं। उन्होंने कहा कि ईशान्य मुंबई (Mumbai North East) में लगभग 4 से 5 लाख उत्तर भारतीय मतदाता निवास करते हैं, जिन्होंने हमेशा भाजपा को निष्ठापूर्वक समर्थन दिया, बावजूद इसके हालिया टिकट वितरण में एक भी उत्तर भारतीय कार्यकर्ता को अवसर नहीं दिया गया। तिवारी ने सवाल उठाया कि जब वार्ड सामान्य श्रेणी के घोषित होते हैं, तब भी स्थानीय, मेहनती और योग्य कार्यकर्ताओं को दरकिनार किया जाना किस नीति का संकेत है। उन्होंने यह भी कहा कि महिला आरक्षित सीटों पर भी शिक्षित और अनुभवी महिला कार्यकर्ताओं की मौजूदगी के बावजूद उन्हें मौका न देना, पार्टी के जमीनी ढांचे से कटते जाने को दर्शाता है। उन्होंने दो टूक कहा कि जहां 30 साल की सेवा, निष्ठा और पात्रता की कोई कीमत न हो, वहां आत्मसम्मान के साथ बने रहना संभव नहीं। यह निर्णय व्यक्तिगत नहीं, बल्कि हजारों कार्यकर्ताओं की पीड़ा की अभिव्यक्ति है।”
मनीष तिवारी के इस्तीफे के बाद मुलुंड और ईशान्य मुंबई में भाजपा के भीतर असंतोष खुलकर सामने आने लगा है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस घटनाक्रम का असर आगामी बीएमसी चुनावों पर पड़ सकता है, क्योंकि उनके साथ उत्तर भारतीय समाज और पुराने निष्ठावान कार्यकर्ताओं का बड़ा वर्ग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है।
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