*नवचेतना स्कूली बच्चों के लिए जीवन कौशल और ड्रग की शिक्षा पर एक नई चेतना तीन दिवसीय कार्यशाला संपन्न* *आखिर आसानी से कैसे पहुंच जाता है स्कूली बच्चों तक नशा का समान _ मनीष कुमार**शुरुवात अपने आप से करेंगे तभी नशा मुक्त हो पाएंगे_डॉक्टर सीमा श्रीवास्तव*


   *नवचेतना स्कूली बच्चों के लिए जीवन कौशल और ड्रग की शिक्षा पर एक नई चेतना तीन दिवसीय कार्यशाला संपन्न*
       *आखिर आसानी से कैसे पहुंच जाता है स्कूली बच्चों तक नशा का समान _ मनीष कुमार*

*शुरुवात अपने आप से करेंगे तभी नशा मुक्त हो पाएंगे_डॉक्टर सीमा श्रीवास्तव*

*खो जाते हैं घर, परिवार, बस्ती और दुनियां से _जी पी रथ*

 खैरागढ़ छुई खदान गंडई _छत्तीसगढ़ राज्य के समस्त डाइट एवं शासकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय के सदस्यों के क्षमता विकास हेतु पदार्थों के दुष्प्रभाव व नशा मुक्त समाज के संबंध में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम दिनांक 28 से 30 मई 2025 तक एससीईआरटी, छ ग रायपुर में किया गया। उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन सामाजिक न्याय एव अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार, नईदिल्ली तथा संचालक, एससीईआरटी छ ग रायपुर के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण में खैरागढ़ छुई खदान गंडई जिले से भाग लेने के लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान खैरागढ़ से वरिष्ठ व्याख्याता विद्याकांत महोबिया, राज्य पाल शिक्षक सम्मान से सम्मानित शिक्षक तुलेश्वर कुमार सेन प्रधान पाठक शासकीय प्राथमिक शाला पुरेना ने सहभागिता की और अपनी सुंदर प्रस्तुतीकरण से खैरागढ़ छुई खदान गंडई जिले का एक अलग पहचान बनाई पूरे प्रशिक्षण के दौरान उनके कंधे पर व्यसन मुक्ति अभियान पट्टी लगी सभी लोग उसे देखकर उनके कार्यों को जिज्ञासा भरे शब्दों से पूछते रहे ये क्या है और इसका क्या उद्देश्य है सभी को विस्तार से बताया कि हम दूसरों को नशा मुक्त करने से पहले स्वयं से नशा मुक्त होना पड़ेगा तभी नशा मुक्त भारत अभियान सफल हो पाएगा विगत 20 वर्षों से किस तरह से अपना अभियान चलाते हैं विस्तार से बताया कि नशा मुक्ति अभियान हेतु नशा मुक्ति उद्बोधन, फ्लेक्स प्रदर्शनी, रैली ,प्रोजेक्टर द्वारा  व्यसन से बचाएं सृजन में लगाएं नशा मुक्ति फिल्म स्कूल,ग्राम पंचायत, बाजार और सार्वजनिक स्थानों पर चलाते है ।इस कार्यक्रम की संयोजक प्रीति सिंग ने प्रशिक्षण के उद्देश्य और रूपरेखा बताते हुए बच्चों में शिक्षा के साथ स्वास्थ्य के प्रति सजग होने के उपायों पर अमल करने की आवश्यकता पर बल दिया और बताया कि नवचेतना स्कूली बच्चों के लिए जीवन कौशल और ड्रग की शिक्षा एक नई चेतना लाने वाले कार्यक्रम है इस कार्यक्रम में नारकोटिक्स विभाग, छ ग रायपुर, स्वास्थ्य विभाग, छ ग, रायपुर, एस पी वाई एम, यूनिसेफ के स्रोत व्यक्तियों  द्वारा नशा मुक्त समाज अभियान के तहत राज्य के शिक्षक प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण में प्रदेश के विभिन्न डाइट एवं शिक्षण संस्थानों के 40 प्रतिभागियों ने सहभागिता दी। युवा एवं जनसमुदाय संवर्धन सोसायटी नई दिल्ली (SPYM) के रिसोर्स पर्सन मनीष कुमार ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में वर्तमान सर्वे के आधार पर मादक पदार्थों का सेवन लगातार बढ़ रहा है जो हम सब के लिए अत्यंत चिंतनीय है। अतः नशामुक्त समाज हेतु, बच्चों में समस्या समाधान, कौशल, निर्णय लेने की क्षमता, रिश्तों को सम्भालना, न कहने की ताकत, आत्म जागरूकता के विकास हेतु विभिन्न केस स्टडी, स्थितियों के विश्लेषण करने के तरीके एवं उचित व्यवहार करने के तरीके प्रशिक्षण में बताए गये। ताकि बच्चे अपने भविष्य के प्रति सजग रहकर सकारात्मक योगदान देने में सक्षम हो सकें।अगर कोई बच्चा प्रारंभिक स्तर पर नशा करता है तो उसे शुरुवाती दौर पर नशा से होने वाले विभिन्न शारीरिक,मानसिक,आर्थिक और सामाजिक नुकसानों से अवगत कराते हुए नशा को छुड़ाया जा सकता है  लेकिन धीरे-धीरे सेकंड लेबल और थर्ड लेवल में आता है तो वह नशे में पूरी तरह से घिर जाता है फिर उसे चाहकर भी नहीं छोड़ पाता है उस नशे को छोड़ने में उसे बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
प्रशिक्षण में एससीईआरटी के अतिरिक्त संचालक जे पी रथ ने अपनी *कविता शीर्षक _ नशा करने के बाद खो जाते हैं* पदार्थों के दुष्प्रभाव के परिणाम स्वरूप व्यक्तियों, बच्चों के समाज में खो जाने एवं कर्तव्यों से खो जाने पर चिंता व्यक्त की एवं शिक्षक प्रशिक्षकों को विद्यार्थियों को इसके प्रति जागरूक करने के लिए मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कहा कि नशाखोरी एक वैश्विक समस्या है उन्होंने कहा कि हमें तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान का निर्माण करना है। इसके लिए शिक्षकों में बहुत ज्यादा जागरूकता की आवश्यकता है। ताकि वे अपने बच्चों को प्रेरित कर सके। जिस तरह से हम अपने बच्चों के लिए नशापान की विरुद्ध जागरूक रहते हैं। उसी तरह से हमें विद्यालय के बच्चों के लिए भी जागरुक रहने की आवश्यकता है। डॉक्टर सीमा श्रीवास्तव ने कहा हमारी कथनी करनी में कभी अंतर नहीं होना चाहिए हम नशा करेंगे और बच्चों को मना करेंगे तो उसका परिणाम बेहतर नहीं हो सकता है उक्त कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर बिलाल सर ने छठवीं से आठवीं और नवमी,दसवीं और ग्यारहवीं के बच्चों के लिए बने मॉड्यूल को विस्तार से बताया कि बीडी, सिगरेट, तम्बाकू, गुटखा, शराब,गांजा,चरस, कोकीन,हेरोइन ,जर्दा, गुड़ाखू, सिरफ ,व्हाइटनर,धूम्रपान, हफीम, ब्राउन शुगर आदि जैसे नशे पदार्थ के लिगल और इन लिगल को विस्तार से बताया उप पुलिस अधीक्षक रायपुर अनामिका जैन ने बताया कि समाज में अपराध  85 से 90 प्रतिशत तक का केस जो है नशा पान के कारण होता हैं जिसमें एक्सीडेंट, चोरी ,बलात्कार, मर्डर, लूट और अन्य क्राइम शामिल हैं स्वास्थ्य विभाग से डॉ शैलेन्द्र सिंह, विलेश राव ने शाला परिसर से 100/200 मीटर तक कोई भी नशा पान की सामग्री नहीं मिलना चाहिए चिन्हांकित क्षेत्र में नशा मुक्त क्षेत्र का पोस्टर आदि बना रहे उसमें स्पष्ट लिखा हो और कानून तोड़ने पर क्या कार्यवाही होगी उसकी भी जानकारी रहे प्रधान पाठक प्रिंसिपल और समुदाय का सहयोग ले सकते हैं विभिन्न धाराओं को भी बताया एस पी वाई एम से (युवा एवं जनसमुदाय संवर्धन सोसायटी) मनीष कुमार, बिलाल अहमद, राज्य साक्षरता मिशन के सहायक संचालक प्रशांत पांडेय, यूनिसेफ से छाया कुंवर, चेतना, रमेश, एससीईआरटी छ ग रायपुर से डॉ सीमा श्रीवास्तव, हेमंत साव, डेकेश्वर वर्मा सहित 40 प्रतिभागी उपस्थित थे।कार्यक्रम का संचालन और आभार प्रदर्शन प्रीति सिंह मैडम ने किया ।

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