वक्फ बोर्ड के जरिये भारत को भी मुस्लिम राष्ट्र बनाने की कांग्रेसी कुचाल हो गयी स्वाहा

*वक्फ बोर्ड के जरिये भारत को भी मुस्लिम राष्ट्र बनाने की कांग्रेसी कुचाल हो गयी स्वाहा*
        आजादी जब मिली थी तो हमारे पूर्वज बड़े खुश हुए|और आधा भारत पाकर ही खुश हो गये|15 अगस्त को स्वतंत्रा दिवस वो तो मनाते ही थे,उन्ही की देखी देखा हम लोग भी बड़े जोश खरोश से मनाते हैं|15 अगस्त के दिन पूरे देश में उत्सव मनाया जाता है|हम सभी मिलकर गाते हैं,विजयी विश्व तिरंगा प्यारा|और मनाना भी चाहिए|वर्षों की गुलामी से निजात मिली थी|लाखों बलिदान हुए|लाखों माँ बहनों की आबरू लूटी गई| लाखों मासूमों की बलि चढ़ाई गई|उसके बाद आजादी मिली तो उत्सव तो बनता ही है|इतिहास कहता है कि आजादी कांग्रेस ने दिलवाई|और कांग्रेसी भी सीना तान के कहते हैं कि *लाये हैं हम तूफान से किश्ती निकालकर* और *दे दी हमें आजादी बिना खड्ग बिना ढाल* 
    तो सोचनीय बात ये है कि जो अपनी जवानी अपना बचपन सब कुछ आजादी पाने के लिए निछावर कर दिये|वो किस लिए किए थे|मंगल पाण्डेय,रानी लक्ष्मी बाई,रानी चिनप्पा,दुर्गा भाभी,सुहेल देव,भवानीप्रसाद,गणेश शंकर,बटुकेश्वर दत्त,नाना साहेब,तात्याटोपे,चंद्रशेखर आजाद, सुखदेव,राजगुरु,भगत सिंह,रामप्रसाद विस्मिल,सुबाषचंद्र बोष,बालगंगाधर तिलक,मदनमोहन मालवीय,उधम सिंह,लाला लाजपत राय ऐसे नामों की बहुत लम्बी सूची है,जो देश को आजाद कराने के लिए बलिदान हुए|वो सब किसलिए हुए|
         कांग्रेसी कितना बड़ा झूठ और कितना बड़ा छल हम देशवासियों से करते आ रहे हैं|सबसे बड़ा छल तो कांग्रेस का गठन ही है|जिसके जरिये अंग्रेजों ने आजादी के आंदोलन को हाईजैक करके चंडालचौकड़ी के हाँथों में थमा दिया|यही चंडालचौकड़ी ने आजादी के मतवालों को बहलाकर देश पर काबिज हो लिए|अखंड भारत के टुकड़े करवा दिए|सिर्फ सत्ता पाने के लिए|चलिए एन केन प्रकारेण अंग्रेज यहाँ से गये|धर्म के आधार पर विभाजन हुआ|पाकिस्तान बना|पाकिस्तान के हिस्से से जो सिख बौद्ध ईसाई और हिन्दू आये,उनकी सारी सम्पत्ति पाकिस्तान सरकार के अधीन हो गई|मगर भारत की तरफ से जितने मुसलमान गये,उनकी सम्पत्ति तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने अपने अधीन नहीं की|उसे वक्फबोर्ड बनाकर मुसलमानों के अधीन कर दी|इस कुचाल को तत्कालीन देशवासी देशभक्त लोग आजादी के नशे में समझ ही नहीं पाये|इस पर हिन्दुओं का ध्यान न जाये,इसलिए आरक्षण रूपी जहर बोकर हिन्दुओं के साथ एक छल और कर दिया|जिससे हिन्दू आपस में लड़ता रहे मरता रहे कम होता रहे|उधर धीरे धीरे वक्फ को मजबूती प्रदान करते करते इतना मजबूत कर दिए कि वक्फबोर्ड सर्वोच्च न्यायालय से भी ऊपर हो गया|इसके बाद आपातकाल लगाकर देश को धर्मनिरपेक्षता का अमली जामा पहना दिया|मुसलमानों को प्रथम दर्जे का नागरिक बना दिया|उन्हें असीम शक्तियाँ प्रदान कर दी|हम हिन्दुओं को एक शादी दो बच्चा पैदा करने के नियम से बाँध दिया|मुसलमान को अनेक शादियाँ और अनेकों बच्चे पैदा करने की छूट दे दी|याने कि यह भी कांग्रेस की बड़ी कुत्सित व कुटिल चाल थी|इसके जरिये हिन्दुओं को कमजोर कर मुसलमानों की जनसंख्या बढ़ाने का पूरा पूरा इंतजाम किया|मुसलमानों को निजी कानून दिया|
      अब सवाल ए उठता है कि जब सबके लिए एक संविधान बना तो पर्सनल ला क्यों?पाकिस्तान से आये हिन्दू सिख बौद्ध ईसाइयों की सम्पत्ति पाकिस्तान सरकार की हुई तो, यहाँ गये मुसलमानों की सम्पत्ति वक्फ की क्यों?क्या यह,यह बताने के लिए काफी नहीं है कि कांग्रेस सदैव देशविरोधी व सनातनद्रोही रही है,है और रहेगी|कांग्रेस बड़ी ही कुटिलता और चालांकी के साथ हम सनातनियों को आपस में लड़ाते हुए आगे बढ़ रही थी|और भारत को भी आजादी के सौंवे वर्ष तक पहुँचते पहुँचते गजवा ए हिन्द बनाने के लिए तत्पर रही,है और आगे भी रहेगी|जिसका जीता जागता प्रमाण है,आज भी संसद में वक्फ संशोधन बिल का मुखरता से विरोध|
       कांग्रेस सदैव हिन्दुओं से नफरत करती थी,है और करती रहेगी|कांग्रेस सदैव मुसलमानों की पक्षधर रही है|आजादी के समय से लेकर आज तक|जब भी मुसमानों द्वारा हिन्दुओं पर अत्याचार हुए,कांग्रेस सदैव मुसलमानों के साथ खड़ी रही|चाहे बंटवारे के समय का कत्लेआम हो,मोपला का विद्रोह हो,आतंकी हमला हो,काश्मीर की समस्या हो,धार्मिक दंगे हों आदि आदि|हमेशा कांग्रेस मुसलमानों के समर्थन में रही|उसे ही मजबूती प्रदान करती रही|इस लिए संविधान में कई संशोधन करके उनको मबूत करती रही|जैसे पेसेस आफ वर्सिप ऐक्ट,पर्सनल ला,वक्फ बोर्ड आदि बनाकर मुसलमानों को मजबूत किया|वक्फ बोर्ड को तो इतना मजबूत कर दिया था कि सोंचकर ही दिल घबरा जाता है कि यदि 2014 में सत्ता फिर से कांग्रेस के हाँथ में चली गई होती तो,2047 क्या 2030 के आस पास ही वक्फ पूरे भारत को अपनी सम्पत्ति घोषित करके गजवा ए हिन्द की घोषणा कर देता|और हम सनातनी एकबार फिर से मुगलों की गुलामी या अल्ला हूँ अकबर कहने के लिए विवश हो जाते|
    कांग्रेस की कुटिल चाल देखिए 1990 में पेसेस आफ वर्सिप ऐक्ट इसलिए ले आये कि जिससे सनातनी अपने पुराने मंदिरों धरोहरों को वापस न पा सकें|आज जब मथुरा काशी सम्भल की बात आती है तो धुर्त कांग्रेसी अब उसी का हवाला देकर रोकने की पुरजोर कोशिस कर रहे हैं|मुसलमानों को मजबूती देने के लिए 1993 में एक ऐसा बिल लाये थे,यदि पास हो गया होता तो आज हिन्दू शायद हिन्दू ही नहीं रह पाता|जानते हैं उस बिल में क्या नियम घुसेड़ा था धुर्त और कुटिल कांग्रेसियों ने|कोई भी धार्मिक दंगा फसाद होगा तो,उसमें मुसलमान दोषी नहीं होगा|जरा सोंचिए बिना छूट के तो शांती से जीने नहीं दे रहे हैं|सौ हिन्दुओं के बीच में एक मुसलान सुख पूर्वक राजा की तरह जीता खाता रहता है|मगर 40 मुसलमानों के बीच में 60 हिन्दू शांती से नहीं रह सकता|यह अकाट्य सत्य है|तो जरा सोंचिए वह जहरीला बिल यदि देश में लागू हो जाता तो क्या भारत भारत रह पाता|नहीं रह पाता|
        कांग्रेस कभी भी देश व सनातन के प्रति वफादार नहीं रही न है और आगे भी नहीं रहेगी|इसकी हर कार्यप्रणाली सदैव देश विरोधी व सनातन विरोधी रही है और है|अब ये मत कहना कि देश को आजाद कराया|देश इनके बूते नहीं उन तमाम बलिदानियों के बूते आजाद हुआ|ए तो बीच में चमचई करके देश हथिया लिए|जिसका परिणाम बहुत भयावह था|और परिणाम का दंश आज भी हम देशवासी भुगत रहे हैं|और एक बात लोग कहते हैं कि गजवा ए हिन्द मुसलमान बनाना चाह रहे हैं|ये बात सरासर गलत है|गजवा ए हिन्द की नींव गाँधी के भारत आगमन से ही पड़ चुकी थी|यदि उनकी कार्यशैली पर गहनता से विचार करेंगे तो पायेंगे कि गाँधी जी भारत के लिए कम ब्रिटिशर्स और मुसलमानों के लिए अधिक लड़ रहे थे|खिलाफत आंदोलन व मोपला आंदोलन इसके प्रमाण हैं|उसके बाद जब भारत आजाद हुआ तब भी गाँधी जी सदैव मुसलमान के पक्ष में और मुसलमान के हित में ही लड़ते रहे|आजादी के समय घोषणा इसलिए नहीं किए कि धोखा हो सकता था|उनका सपना खटाई में पड़ सकता था|इसलिए विभाजन करवा दिए|और कुछ मुसलमानों के स्वत:कवच बन गये और उन्हें गजवा ए हिन्द के लिए तैयार करते रहे|जिसके लिए संविधान में उनको मजबूत करने के लिए नियम बनवाये|लोग कहते हैं संविधान डॉ भीमराव अम्बेडकर जी ने बनाया है|यह भी कांग्रेस का बहुत बड़ा छल है|डॉ भीमराव अम्बेडकर जी केवल हस्ताक्षर करते थे विवश होकर|संविधान तो गाँधी और नेहरू लिखवाते थे|अपनी विवशता को अम्बेडकर जी ने अपनी पुस्तक में कई बार लिखा भी है|कुल मिलाकर कांग्रेस अपनी कुटिल नीतियों में फंसाकर भारत को गजवा ए हिन्द बनाने के लिए शिद्दत से लगी थी और लगी है|जिसके लिए वक्फ संशोधन बिल का विरोध कर रही है|
पं.जमदग्निपुरी

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