साहित्यकार बसंत कुमार श्रीवास 'वसंत' विद्या वाचस्पति (मानद उपाधि डॉक्टरेट) से अलंकृत हुए* कांशी हिंदी विद्यापीठ वाराणसी ने हिंदी सेवा, शिक्षा, साहित्य, समाज सेवा को आधार माना

*साहित्यकार बसंत कुमार श्रीवास 'वसंत' विद्या वाचस्पति (मानद उपाधि डॉक्टरेट) से अलंकृत हुए* 
कांशी हिंदी विद्यापीठ वाराणसी ने हिंदी सेवा, शिक्षा, साहित्य, समाज सेवा को आधार माना 

नारायणपुर :: शिक्षा और साहित्य से ज्ञानवान व्यक्तित्व का प्रादुर्भाव होता है जो परिवार, समाज  और देश को एक सूत्र में बांधकर चलता है। किसी व्यक्ति में सीखने की जिज्ञासा सदैव प्रगति की ओर अग्रसर करती है। गांव की पगडंडियों में भी प्रगति चलती है जो एक छोटे से गांव नरगोड़ा के रामाधार श्रीवास सीपत जिला बिलासपुर छत्तीसगढ़ के पुत्र बसंत कुमार 'वसंत' कवि, साहित्यकार, लेखक के रूप में शिक्षा, साहित्य, समाज सेवा कर ज्ञान के माध्यम से शब्द ज्योति पुंज बिखेर रहा है। हमारे संवाददाता ने प्रश्न पूछते हुए कहा की आपके जीवन में साहित्य की प्रेरणा कहां से मिली? इसके सफरनामा क्या है? उपलब्धि क्या है?  बसंत कुमार श्रीवास 'वसंत' ने बताया कि कन्नौजिया श्रीवास समाज साहित्यिक मंच छत्तीसगढ़ की स्थापना हुई जिसके अध्यक्ष डॉ. राम रतन श्रीवास 'राधे राधे' जो भारतोदय लेखक संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, ब्रांड एंबेसडर भारत नेपाल अंतर्राष्ट्रीय साहित्य महोत्सव काठमांडू एवं लंदन बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड , गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मानित हैं उन्होंने मेरा सतत मार्गदर्शन करते रहे हैं जो प्रेरणा स्रोत बने। तत्पश्चात अपना साहित्य मंच छत्तीसगढ़ का गठन किया गया जिसके संस्थापक नोबेल श्रीवास, संरक्षक रामसाय श्रीवास एवं महामंत्री के रूप में मैं (बसंत कुमार श्रीवास 'वसंत') सेवा दे रहा हूंँ साथ ही बस्तर रामकृष्ण मिशन आश्रम नारायणपुर आदिवासी बाहुल्य छत्तीसगढ़ में प्रशिक्षण अधिकारी के पद पर पदस्थ हूंँ। देश के विभिन्न राज्यों के मंचों में एवं आभासी पटलों पर उत्कृष्ट काव्य पाठ, मंच संचालन किया है। अनेकों मंच से सम्मानित किए गए हैं। विश्व किर्तिमान चंद्रयान-3 के साझा संकलन के लिए लिए लंदन बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड , गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मानित हो चुके हैं। विभिन्न साझा संकलनों में कविताएं प्रकाशित हुई हैं।
            संवाददाता ने बताया कि आराधिका साहित्य मंच इस्लामपुर पश्चिम बंगाल के बैनर तले 30 मार्च 2025 को मंच के प्रथम स्थापना दिवस,सुरभित मन साझा संग्रह का विमोचन एवं नवरात्रि के शुभ अवसर पर आभासी पटल के माध्यम से काव्य गोष्ठी का आयोजन में सरकार द्वारा पंजीकृत संस्था कांशी हिंदी विद्यापीठ के कुल सचिव डॉ. इंद्र कुमार तिवारी निर्भीक सहित बीस अतिथियों व चवालीस साहित्यकारों और आराधिका साहित्य मंच के संस्थापक सुश्री निधि बोथरा जैन सहित पांच फाउंडर की गरिमामयी उपस्थिति में कुल सचिव डॉ. इन्द्र कुमार तिवारी निर्भीक के द्वारा इसी आभासी मंच में बसंत कुमार श्रीवास 'वसंत' (नरगोड़ा छत्तीसगढ़), श्रीमती अनिता बाजपेयी (नागपुर महाराष्ट्र), सुश्री दीपिका बोथरा जैन (इस्लामपुर पश्चिम बंगाल( एवं सुश्री निधि बोथरा जैन (इस्लामपुर पश्चिम बंगाल) को उनके सुदिर्घ हिंदी सेवा, सारस्वत साधना, शिक्षा, सहित्य, समाज सेवा को आधार मानकर काशी विद्यापीठ की अकादमिक परिषद की अनुशंसा पर इस क्षेत्र में विद्या वाचस्पति (मानद उपाधि ड्रॉक्टरेट) से अलंकृत किया गया । इस सम्मान से अलंकृत होने पर परिवार समाज और विभिन्न साहित्यिक मंच के द्वारा हर्षोल्लास का माहौल बना हुआ है । डॉ. बसंत कुमार श्रीवास ने सभी का आभार प्रकट किया है।

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