*144 वीं मासिक काव्यगोष्ठी सम्पन्न
*144 वीं मासिक काव्यगोष्ठी सम्पन्न*
रा.सा.सा.व सांसकृतिक न्यास काव्यसृजन की 144 वीं मासिक काव्यगोष्ठी डी एन माथुर की अध्यक्षता व सौरभ दत्ता "जयंत" के संचालन में आन लाईन गूगल मीट पर हुई सम्पन्न|मुख्य अतिथि प्रयाराज से कथावाचक पं.अर्जुनधर द्विवेदी व विशिष्ट अतिथि पनवेल नई मुम्बई से दिवाकर वैशम्पायन की गरिमामय उपस्थिति में देश के कोने कोने से कवियों ने अपनी सरस सुमधुर रचनाओं से वातावरण में रस घोल दिया|
शुरुआत सरस्वती वंदना से दिवाकर वैशम्पायन जी से हुई|
कार्यक्रम में प्रथम कवि श्री डॉ ओमप्रकाश तिवारी,अवनीश दिक्षित"दिव्य",इंदु मिश्रा, रामजीत गुप्त,अंजना सिन्हा "मीत",मोतीलाल बजाज,हौसिला प्रसाद "अन्वेषी", छगनलाल मुथा,सत्यभामा सिंह,यस के सिंह ,शिव कुमार,शारदा प्रसाद दुबे,दीपक यादव,"आत्मिक"श्रीधर मिश्र,लालबहादुर यादव "कमल",प्रा.अंजनी द्विवेदी"अनमोल",सौरभ दत्ता "जयंत", आदि ने सुन्दर काव्य पाठ से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया|श्रोता के रूप में शुरू से अंत तक जुड़कर पं.शिवप्रकाश जमदग्निनपुरी,अभय चौरसिया,अरुण दुबे"अविकल",गुरुप्रसाद गुप्ता,कल्पेश यादव,अवधेश विश्वकर्मा"नमन" आदि ने इस काव्यमयी संध्या का भरपूर आनंद लिया|
अध्यक्ष डॉ डी एन माथुर जी ने समीक्षा करते हुए अपनी रचनायें प्रस्तुत की|मुख्य अतिथि अर्जुनधर द्विवेदी जी ने व दिवाकर वैशम्पायन जी ने मुक्त कंठ से आयोजन की सराहना की|और कवि कवयित्रियों का उत्साहवर्धन किया|आभार पं.जमदग्निपुरी ने प्रकट किया|राष्ट्र गान के उपरांत आयोजन के समापन की घोषणा संस्था अध्यक्ष "आत्मिक" श्रीधर मिश्र जी ने किया|
बहुत सुंदर वार्तांकन 🌹! मैं कृतज्ञ हूँ परिवार का 🌹
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