*असुर तब भी थे अब भी हैं*
*असुर तब भी थे अब भी हैं*
उत्तर प्रदेश के जिला प्रयागराज में महाकुम्भ का मेला लगा है|महाकुम्भ इसलिए कि यह 144 वर्ष बाद लगता है|हम सनातनियों का सौभाग्य है कि यह महाकुम्भ स्नान हम लोगों के जीवन काल में आया है|अब पता नहीं फिर किसको मिलेगा|क्योंकि अब फिर यह संयोग 144 साल बाद ही आयेगा|इस महाकुम्भ को यूपी सरकार ने जितना ही उत्कृष्ट बनाने की भरपूर कोशिस की है|उससे कहीं अधिक आसुरी शक्तियाँ इसे विफल बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाई हुई हैं|इसीलिए कहना पड़ रहा है कि असुर तब भी थे और आज भी हैं|
इस महाकुम्भ को विफल बनाने के लिए तरह तरह से आसुरी शक्तियाँ दुष्प्रचार में लगी हैं|कोई कह रहा है कि सरकार गलत कह रही है|यह 144 वर्ष का गलत प्रचार कर रही है|सिर्फ. अपनी कमाई बढ़ाने के लिए|ये तो हर 12 वर्ष बाद लगता ही है|मैं उन दुष्प्रचारी असुरों को बताना चाहता हूँ कि 12 वर्ष वाला कुम्भ जब 12 बार सम्पन्न होता है तो 13 हवाँ कुम्भ महाकुम्भ होता है जो 144 वर्ष बाद आता है|और जो आज हम सभी सनातनियों के सौभाग्य से आया है|लोग वहाँ न जायें इसलिए आसुरी मांससिकता वाले लोग तरह तरह से दुष्प्रचार करके डरा रहे हैं|कोई कह रहा है अरे पैदल बहुत चलना पड़ रहा है|कोई कह रहा है गंगा का पानी नहाने योग्य नहीं है|कोई कह रहा है 5000/- का टिकट लेकर भी सफर करना आसान नहीं है|कोई कह रहा है व्यवस्था ठीक नहीं है|सामग्री बहुत मॕहगी मिल रही है आदि आदि|इसके बावजूद भी स्थिति ऐसी बनी हुई है कि प्रतिदिन करोड़ों लोग आस्था की डुबकी महासंगम में लगा रहे हैं|दो एक घटनाओं को छोड़ दें तो यह महासंगम का मेला विश्व का सबसे विहंगम और सुव्यवस्थित मेला है|कुछ आसुरी मांसिकता वाले लोग नाहक ही बरात में फूफा बने हुए हैं|वहाँ गये नहीं हैं|घर से ही बैठे बैठे मेला की बुराई करने में शिद्दत से लगे हैं|लोगों को अपने कुतर्कों से रोंकने का अथक प्रयास में लगे हैं|
मौनी अमावस्या के दिन जो दुखद घटना घटी थी उसमें कई लोग गोलोकवासी हो गये|उन आत्माओं के लिए दुख है|उनके परिवारीजन के लिए पूरी संवेदनायें हैं|लेकिन जिस तरह से आसुरी शक्तियाँ इस घटना को बढ़ा चढ़ा कर प्रचारित कर रही हैं,वह निंदनीय है|भीड़ जहाँ अधिक होती वहाँ ऐसी घटनायें भीड़ द्वारा ही उत्पन्न की जाती है|इसमें सरकार कुछ नहीं कर सकती|कर सकती है तो बस उसके विस्तार को सही समय पर नियंत्रित कर सकती है|जो कि यूपी सरकार ने त्वरित किया|बहुत बड़ी जनहानि होने से बचाया|और भगदड़ को रोककर त्वरित व्यवस्था सुचारु रूप से संचालित किया|और लोग अपनी आस्था की डुबकी सुचारु रूप से लगाये|और आसुरी मांसिकता की सोंच रखने वालों के मंसूबों पर पानी फेर दिए|इसके बावजूद भी आसुरी शक्तियाँ एन केन प्रकारेण मेला को विफल बनाने में शिद्दत से लगी हुई हैं|सरकार को झूठा साबित करने में सड़क से लेकर संसद तक लगी हुई हैं|और उनके चमचे अपने घर में बैठे लगे हुए हैं|सरकार कह रही है भगदड़ में 30 लोग मरे हैं|दुष्प्रचारी लोग कह रहे है 30 हजार लोग मरे हैं|सरकार आँकड़ा छुपा रही है|हालांकि ए चमचे वहाँ गये नहीं हैं|लेकिन घर बैठे हरिष्चंद्र बने हुए हैं|कह रहे हैं सरकार मरवा डाली|गजब बोलते हैं दुष्प्रचारी लोग|सब जानते हैं मौत पर किसी का बस नहीं|वो कैसे आयेगी कब आयेगी कहाँ आयेगी कोई कह नहीं सकता|आये दिन लोगों की गलतियों से तमात दुर्घटानायें होती हैं|आये दिन लोग खुद की गलती से मर रहे हैं|उसमें सरकार क्या कर सकती है|सरकार का काम है जन सुरक्षा के लिए नियम बनना जो कि सरकारें कर रही हैं|नियम का पालन करना जनता का काम है,जो कि नहीं कर रही है|सरकार ने कहा कि भीड़ में एक दूसरे से सट के नहीं नहीं अंतर बनाकर चलिए|लेकिन लोग धकियाते चलते हैं|जिससे भगदड़ मचती है|और उस भगदड़ की जवाबदारी सरकार की नहीं जनता की है|उस भगदड़ को रोकने की जवाबदारी सरकार की है|और सरकार रोंकती है|और जो भी नुकसान होता है उसकी भरपाई भी करती है|कुछ लीपापोती भी करती होगी,इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता|मगर एकदम से करती है इसपर भी भरोसा नहीं किया जा सकता|
इस महाकुम्भ से कई बातें सामने आईं|एक तो सनातनद्रोहियों के चेहरे सामने आये|और आसुरी शक्तीयाँ भी प्रकट हुईं|जिस तरह से उस दिन हुई भगदड़ का दुष्प्रचार किया जा रहा है|ऐसी अनेकों घटनायें पूरे विश्व में घट चुकीं हैं|अनेकों बार मक्का में भगदड़ हुई है|अनेकों लोग मरे हैं|लेकिन इस तरह से कभी प्रसारित नहीं किया गया|जिस तरह से इस भगदड़ को प्रसारित किया गया है|ऐसा लगता है जैसे यह घटना नई हो और पहली बार हुई हो|इसके बाद भी लोगों का जोश देखिए|इतने दुष्प्रचार के बाद भी|
दुष्प्रचार में लिप्त हैं जो रखते कुत्सित सोंच|
फिर भी नहीं लगा पाये महाकुम्भ पे रोंक||
जन सैलाब है आज भी रहा है वहाँ उमड़|
दुष्प्रचार कर करवा के बदल न पाये सोंच||
कुछ लोग कह रहे हैं जब व्यवस्था नहीं कर पाये तो बुलाये क्यों? ऐसे मतिमंदों की बात सुनकर हॕसी आती है|इनको ए ही पता नहीं है कि मेले का प्रचार किया जाता है|नेवता देकर बुलाया नहीं जाता|फिर भी व्यवस्था पर यदि सवाल उठाया जाता है तो कहना पड़ेगा,इसे इस तरह से समझें|जैसे घर पर कन्या का विवाह है|आपने 100 व्यक्तियों की व्यवस्था की है|इसके अलावाँ बीस से पचीस की और तैयारी कर रखी है|और बाराती आ जायं 2 से तीन सौ तब आपकी सारी व्यवस्था अस्त व्यस्त हो जाती है|अफरा तफरी मच जाती है|मारामारी भी हो जाती है|कुछ भोजन पाते हैं कुछ भूखे ही रह जाते हैं|वैसे ही इस महाआयोजन में हो रहा है|जिसे विफल नहीं कहा जा सकता|सोंच से अधिक लोग नहा चुके हैं और कतार में भी अभी लगे हैं|जबकी आसुरी शक्तियाँ अब भी दुष्प्रचार में लगी हैं|इसके बावजूद हालत ए है|
यू पी के प्रयागराज में लगा है महाकुम्भ का मेला|
आज भी नहीं रुक रहा है जन सैलाब का रेला||
विकृत लोग सनातन द्रोही कूप्रचार खुब कर रहे|
फिर भी जोश चरम पे है जा रहे सभी सब छोड़ झमेला||
इस मेले में स्नान का ही संगम नहीं दिख रहा कई संगम दिख रहा है|सनातनद्रोही हम सभी सनातनियों को जाति पाति में बाँटकर हमारी एकता को छिन्न भिन्न करने की कुत्सित चाल में लगे हुए हैं|इसके बावजूद भी भव्यता दिव्यता और एकता की खूबसूरती कुम्भ में कुछ इस तरह से सजी है|
भव्यता देखनी हो तो कुम्भ देख लो|
दिव्यता देखनी हो तो कुम्भ देख लो||
नव्यता सभ्यता पुण्यता सब कुम्भ में|
देखनी एकता हो तो कुम्भ देख लो||
चमचों को छोड़कर सभी इस महाकुम्भ पर निछावर हो रहे हैं|जो पहुँचा है वह भी जो नहीं पहुँचा है वह और आनंदित है|आसुरी शक्तियात्ँ यह देखकर व्याकुल हैं कि इतना दुष्प्रचार करने के बाद भी सनातनी डटे हैं|और आसुरी शक्तियाँ विफल हो रही हैं|उनके सभी तिकड़म सनातनियों के जोश और उत्साह के आगे हाँफ रहे हैं|
कुछ विकृत मांसिकता वाले सनातन द्रोही खुद सनातनी होते हुए भी अपनी विकृत मांसिकता का परिचय दे रहे हैं|महाकुम्भ में स्नान करती हुई महिलाओं का विडियो सोशल मिडिया पर प्रसारित कर धन कमाने के चक्कर में लगे हैं|यह समाचार सुन देखकर अतिशय पीड़ा हुई|कि ऐसे पवित्र स्थल पर भी आसुरी शक्तियाँ सक्रिय हैं|अपनी कुत्सित व विकृत मांसिकता का परिचय दे रहे हैं|सोशल मिडिया सरकार को अब विशेष नियम लगाने होंगे|सभी सोशल एकाउंट को आधार कार्ड से लिंक करवाने का नियम बनवाना चाहिये|जिससे विकृत मांसिकता वाले लोग अपनी कुत्सित चाल न चल सकें|और भविष्य में इस तरह की विडियो फोटो आदि सोशल मिडिया पर साझा करने से पहले हजार बार सोंचें|और जिस जिसने भी किया है ,उसे त्वरित ढूँढ़कर कठोर दंड दे|जिससे सरकार के साथ साथ किसी की भी मर्यादा का हनन न हो
पं.जमदग्निपुरी
SACHCHAI BAYAN KAARI APNE. SADHUVAD APKO SACHCHAI SAMNE LANE KE LIYE
ReplyDelete