महर्षि दयानंद कॉलेज में विशेष व्याख्यान संपन्न
महर्षि दयानंद कॉलेज में विशेष व्याख्यान संपन्न
मुंबई, महर्षि दयानंद कॉलेज परेल के हिन्दी विभाग द्वारा पाठ्यक्रम आधारित "भाषण कौशल और श्रवण कौशल" विषय पर विशेष अतिथि व्याख्यान का आयोजन डॉ. उमेश चन्द्र शुक्ल के संयोजन में किया गया।डॉ.प्रवीण विष्ट अध्यक्ष हिन्दी-विभाग रामनारायण रुईया कॉलेज मुंबई का स्वागत कॉलेज की उप-प्राचार्य प्रो.मनीषा आचार्या एवं उप प्राचार्य डॉ.उमेश चन्द्र शुक्ल एवं प्रो. ललित त्यागी अध्यक्ष, इकोनोमिक्स विभाग ने अंगवस्त्र और पुस्तक देकर किया।
स्वागत भाषण में प्रो.उमेश चन्द्र शुक्ल ने भाषण और श्रवण के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि श्रोता वक्ता ज्ञान निधि । दोनों में से किसी एक के पात्रता में कमी विचार संप्रेषण में बाधक हो जाता है।यह देखा गया है कि अच्छा श्रोता ही विशेष वक्ता होता है। श्रोता के समझ को प्रभावित करते हुए विकसित करना ही अच्छे वक्ता कि पहचान है। प्रो. मनीषा आचार्या ने कहा कि स्वागत करते हुए कहा कि वक्ता को श्रोता के मनोविज्ञान को समझना अति आवश्यक है। वक्ता का श्रोता के साथ भावनात्मक जुड़ाव होना चाहिए। इसमें दोनों की सार्थकता है।
डॉ.प्रवीण विष्ट ने विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम को ध्यान में रखकर भाषण कौशल और श्रवण कौशल के महत्व को स्थापित करते हुए कहा कि अच्छा वक्ता अपनी सारी समस्याओं का समाधान आसानी से कर लेता है। जीवन की सभी समस्याओं का समाधान कुशल वक्तृत्व एवं धैर्यपूर्वक ध्यान देकर सुनने में है। वक्ता, विषय और श्रोता तीनों महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करते हैं।
कामेश्वर सिंह ने कार्यक्रम का संचालन किया एवं स्नेहा प्रजापति ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।
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