सेंट्रल संस्कृत यूनिवर्सिटी

सेंट्रल संस्कृत यूनिवर्सिटी 
नासिक। सिद्ध पिंपरी स्थित केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नासिक परिसर में संविधान दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर 26नवंबर,  2008को मुंबई में आतंकवादियो द्वारा शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पितकिया गया। स्वागत भाषण देते हुए कार्यक्रम के समन्वयक डॉ रंजय कुमार सिंह ने कहा कि भारतीय संविधान का निर्माण 8 (आठ) महीने गुलामी की दासता में ब्रिटिश सरकार के अधीन हुआ जबकि आजादी 15अगस्त 1947 को मिली। यदि संविधान का निर्माण देश की आजादी मिलने के बाद होता तो वर्तमान संविधान का स्वरूप कुछ और ही होता। यह देश का वह राष्ट्रीयग्रंथ है जिसे हर धर्म ,वर्ग और  संप्रदाय के लोगों को स्वीकार है।हमारे संविधान निर्माताओं ने संविधान का निर्माण उस समय, काल के प्रसस्थितिओ के अनुसार किया था।डॉ भीमराव अम्बेडकर ने जो भावी पीढ़ी के लिए चिंतन किया था उस पर सच्चाई से अमल किया गया होता तो वर्तमान भारत को विकसित भारत यात्रा करने की जरूरत नहीं पड़ती बहुत पहले ही भारत विश्व शक्ति का रुप धारण कर विकसित हो गया होता। संविधान को अंगीकार किए 75वर्ष हो गया, किन्तु समय के अनुसार जो परिवर्तन होना चाहिए था वह नही हो सका। यदि देश को सच में विश्व का विकसित भारत बनाना है तो हर भारतीय को मन से विकसित तथा भारतीय संविधान का समीक्षा करना होगा।  इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में एससी कॉलेज के उप प्राचार्य डॉ वी बि कदम ने कहा कि डॉ भीमराव अम्बेडकर की जयंती अवसर पर समाजिक न्याय मंत्रालय, भारत सरकार ने सर्वप्रथम 2015में 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाने का घोषणा किया था। संविधान दिवस डॉ भीमराव अम्बेडकर को श्रद्धांजलि देने के लिए साथ साथ संवैधानिक मूल्यों, अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरुकता बढ़ाने का काम करता है। संविधान दिवस हमे भारत की प्रगतिशील और समावेशी समाज बनाने की प्रतिबद्धता की याद दिलाता है। यह दिन राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने और विविधता  में एकता के विचार को मजबूत करने का अवसर है। इस अवसर पर अध्यक्षीय भाषण देते हुए परिसर के निदेशक प्रोफेसर श्री गोविंद पांडेय ने कहा कि भारतीय संविधान द्वारा नागरिकों के अधिकारों और जिम्मेदारियों को सुनिश्चित किया जाता है। संविधान के द्वारा मौलिक अधिकारों की रक्षा के साथ साथ शासन के सिद्धांतो को रेखांकित किया जाता है। भारतीय संविधान बहुत  महत्वपूर्ण है जिसका ज्ञान हर भारतीय के लिए महत्त्वपूर्ण है। इस अवसर पर क्विज प्रतियोगिता आयोजित किया गया  जिसमें प्रथम स्थान शिक्षा शास्त्री छात्र चंदर खंडेवाल, द्वितीय स्थान शिक्षा शास्त्री छात्र प्रशांत कुमार झा, तृतीय स्थान शिक्षा शास्त्री छात्र रोशन सिल्के बालके तथा सांत्वना पुरस्कार शिक्षा शास्त्री छात्र विलास राव तथा प्रतीक दवे को दिया गया। संविधान दिवस पर आयोजन समिति के डॉ दीपांविता दास, डॉ लक्ष्मेंद्र तथा डॉ जी सागर रेड्डी ने सराहनीय सहयोग किया।जबकि धन्यवाद ज्ञापन शैक्षणिक सलाहकार मगेश इंदपवार ने एवम मंच संचालन कार्यक्रम के संयोजक डॉ शैलेष पवार ने किया। इस अवसर पर सभी शिक्षक कर्मचारी और छात्र उपस्थित थे।

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