केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नासिक में हिंदी दिवस मनाया गया

केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नासिक में हिंदी दिवस मनाया गया
नाशिक। सिद्ध पिपरी स्थित केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नाशिक परिसर में हिन्दी पखवाड़ा समापन समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पी. एम. श्री. केन्द्रीय विद्यालय वायूसेना ओझर, नाशिक के राजभाषा अधिकारी डॉ कैलाश भामरे ने कहा कि संवैधानिक तौर पर हिन्दी को राजभाषा के रूप में 14सितंबर,1949 को अपनाया गया था। जबकि अंग्रेजी भाषा को 15वर्ष के लिए कार्यालय कामकाज की भाषा के रूप में स्वीकृत किया गया था। किन्तु समय के साथ अंग्रेजी भाषा बनी रही। समय काल के अनुसार हिन्दी को राष्ट्रभाषा के रूप में स्वीकार होना चाहिए था किंतु अभी तक नहीं हो सका। विगत वर्षो में देश के लोकप्रिय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने राजभाषा विकास पर विशेष ध्यान दिया है।जिससे हिन्दी के साथ साथ मातृभाषाओ का भी विकास तेजी से हो रहा है। हमे अपने मातृभाषा में बातचीत करने पर गर्व का अनुभव करना चाहिए। डॉ भामरे ने यह भी बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ में सबसे पहले सन 1977 में विदेश मंत्री के रूप में अटल बिहारी वाजपेई ने हिन्दीभाषा में भाषण देकर भारत का सम्मान बढ़ाया था। उसके बाद सितंबर 2014 और 2020 में भारत के लोकप्रिय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत के उपलब्धियों को बताते हुए हिंदी भाषा में भाषण दिया था। जिससे देश को अपने भाषा के प्रति स्वाभिमान और सम्मान मिला। देश की आजादी में आनन्द मठ, सोजे वतन, इन्कलाब जिंदाबाद, दिल्ली चलो, स्वराज्य हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है, वन्दे मातरम  और करो या मरो जैसे किताबो और नारों  से अंग्रेज सरकार डरके  प्रतिबंध लगा दी थी। वैश्विक स्तर पर भारत ने 1991 में आर्थिक नीतियों में परिवर्तन किया तो विश्व भारत को आर्थिक बाजार के रूप में देखने लगा। जिसके लिए विकसित देशों ने हिन्दी भाषा के महत्व को समझते हुए हिन्दी भाषा को केंद्रित करना शुरू कर दिया। भारत सरकार ने मातृ भाषाओं का विकास करने के लिए सप्त सिंधु नाम से ऐप को विकसित किया है। जिससे सरल तरीके से भाषा को समझा जा सकता है। इस अवसर पर अध्यक्षीय भाषण के रूप में परिसर के निदेशक प्रोफेसर श्री गोविंद पांडेय ने कहा कि हिन्दी भारत की ऐसी भाषा है जो देश के किसी क्षेत्र में जानें पर वहा की संस्कृति को बातचीत करके समझा और जाना जा सकता है। केन्द्रीय विद्यालय देश का ऐसा मानक विद्यालय है जहा पर शिक्षा का नया प्रयोग प्राथमिक स्तर पर किया जाता है। केन्द्रीय विद्यालय का गुणवत्ता आज भी निजी स्कूलों से बेहतर है। हिन्दी पखवाड़ा अवसर पर निबंध लेखन, काव्य पाठ और भाषण प्रतियोगिता आयोजित किया गया था। जिसमे निबंध लेखन में शिक्षा शास्त्री छात्रा चंचल  पाग प्रथम , शिक्षा शास्त्री छात्र विशाल विकास राव सोलंकी ने द्वितीय और शिक्षा शास्त्री छात्र दवे प्रतीक ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। काव्य पाठ में शास्त्री तृतीय वर्ष की छात्रा भाग्य श्री तिवारी ने प्रथम, शिक्षा शास्त्री छात्र अमन थपलियाल द्वितीय और शिक्षा शास्त्री छात्र प्रशांत कुमार झा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। भाषण में शिक्षा शास्त्री दवे प्रतीक ने प्रथम, शिक्षा शास्त्री छात्र प्रथमेश थीते ने द्वितीय और शिक्षा शास्त्री छात्र विशाल विकास राव सोलंकी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर स्वागत भाषण व्याकरण विभागाध्यक्ष डॉ इंद्र कुमार मीणा ने, धन्यवाद ज्ञापित हिन्दी पखवाड़ा के संयोजक और शिक्षा शास्त्र विभाग के लक्ष्णमेद्र राजे ने जबकि मंच संचालन व्याकरण विभाग के डॉ राहुल शर्मा ने किया। समापन अवसर पर परिसर के सह निदेशक प्रो रामचंद्र जोईसा , शिक्षा शास्त्र विभागाध्यक्ष और हिन्दी पखवाड़ा के समन्वयक डॉ कुमार शिक्षा शास्त्र विभाग के डॉ पी विद्याधर , वरिष्ठ शैक्षिणक सलाहकार मंगेश इंदा पवार, विभिन्न विभागों के प्राध्यापक, कर्मचारी और छात्र उपस्थित थे। यह जानकारी प्रेस को जारी एक सूचना के द्वारा परिसर के प्रभारी, सूचना जनसंपर्क अधिकारी डॉ रंजय कुमार सिंह ने दी।

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