दिव्यालय एक व्यक्तित्व परिचय" में हुआ साक्षात्कार डाॅ माया सिंह"' होस्ट किशोर जैन" के साथ*|
*"दिव्यालय एक व्यक्तित्व परिचय" में हुआ साक्षात्कार डाॅ माया सिंह"' होस्ट किशोर जैन" के साथ*|
अतिथि- डाॅ माया सिंह जी
होस्ट- किशोर जैन
रिपोर्ट- सुनीता सिंह " सरोवर "
**** क्या लेकर आया रे बंदे, क्या लेकर जाएगा |
मुठ्ठि बांध कर आया जग में, खाली हाथ ही जाएगा || ***
मैं जिंदगी के जुए खेलता हूँ l
साँझ में सूरज संजोता हूँ l
किश्ती डूब जाती है अक्सर किनारा पाकर l
मैं झूमती बयार झेलता हूँ l
* धव्ल सफेद बादलों के पंखों पर सवार कुछ सपने हैं।
नर्म रूई के फाहों से गुदगुदाते मुठ्ठियों में कैद कुछ पल अपने हैं।।
आज दिव्यालय एक व्यक्तित्व परिचय कुछ बातें चंद यादें नई पुरानी में लेकर उपस्थित हुआ है एक ऐसे व्यक्तित्व के साथ जिन्हें हम सब सुनकर जानेंगे कि आप समाज सुधारक हैं , शिक्षिका और एक जिंदादिल इंसान हैं, सशक्त नारी का जीवंत उदाहरण।
मैं आपका होस्ट......किशोर जैन और हमारे आज की खास मेहमान डाॅ माया सिंह जी
प्रश्न- आपका जन्म और आपकी शिक्षा- दीक्षा कहाँ से हुई?
उत्तर- जी मेरा जन्म और शिक्षा सब देवरिया में ही हुई, उच्च शिक्षा के लिए मैं गोरखपुर युनिवर्सिटी गई, बदलते वक्त के साथ और इनरव्हील कल्ब से जुड़ने के पश्चात् एक कांफ्रेंस के लिए क्आलालापूर भी गयी। आगे मेनचेस्टर तक का इरादा है।
किशोर जैन- आप कहाँ से हैं? और क्या करती हैं?
उत्तर- मैं उत्तर प्रदेश के छोटे से जिला देवरिया की रहने वाली हूँ, और मै पेशे से अध्यापिका हूँ। समाज सेवा मेरा शौक है। मैं जब कक्षा बारहवीं में थी तभी मैंने आई डोनेट करने का फार्म भर दिया था, जिसका सर्टिफिकेट भी मुझे प्राप्त है, और मैं अपने बच्चों परिजनों को भी अंगदान के लिए प्रेरित करती हूँ।
किशोर जैन- हमने सुना है, आप पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिकाके लिए भी कार्य कर रही हैं?
उत्तर- जी हमारी संस्थान सड़कों के बीच जो डिवाडर होतें हैं वहाँ हम वृक्ष लगाते हैं, हर साल हम लोग कम से कम दो सौ तक वृक्षारोपण करते हैं।
स्कूलों में जागरूकता अभियान चलाकर वृक्षारोपण के लिए प्रेरित किया जाता है।
किशोर जै- आपकी छवि एक समाज सेवी के रूप में विख्यात है, आप लोगो की किस तरह से मदद करती हैं, आपने कुष्ठ रोगियों के लिए भी कार्य किया कैसे और क्या कार्य किया जा रहा है?
उत्तर- जी हमारी संस्था इनरव्हील रोटरी कल्ब जिसके तहत हम कुष्ठ रोगियों से मिले जहाँ उनको उनके अपनों ने ही त्याग दिया है, उन्हें हम सब ने स्नेह और प्रेम से जीवन का मत समझाया, जो झिझकते थे, कि यह छूआछूत की बिमारी नहीं है।
किशोर जै- आपको समाज सेवा जैसे नेक कार्य की प्रेरणा किससे मिली?
डाॅ माया - यह सब करने की प्रेरणा कुछ हदतक अपने माता - पिता जी से, विरासत में मिली है, क्योंकि मैंने देखा है ,मेरे पिता जी और माता जी अक्सर सेवा भाव से तन- मन जन हित को समर्पित रहते थे, मैं अक्सर खुद को सेवा के तहत अपने गाँव - या आस - पास के हर वर्ग और जाति को अपना वक्त दे्ना चाहती हूँ, और मैं विशेष तौर पर बच्चियों के लिए, बेसहारों के कुछ पल के लिए ही सही पर उनके चेहरें पर मुस्कान देखना चाहती हूँ, और पूरी कोशिश रहती है, दीपावली के दिए हमने सबसे पहले अनाथ आश्रम के बच्चों के साथ मनाए,
, इतना ही नहीं मैं उन बच्चों के लिए भी पूरी निष्ठा से कार्य कर रही हूँ, ताकि हमारा आने वाला कल बेहतर हो और देश प्रगति के ज्ञान पर अग्रसर हो | और हमारा भारत विश्व गुरु कहलाए।
किशोर जै.- नारी शस्क्तिकरण के बारे में आपके क्या विचार हैं?
डाॅ माया सिंह- नारी सदियों से ही विदोत्मा थीं और हैं, आज के दौर में नारियाँ पुरूष के कंधे से कंधा मिलाकर चल रहीं हैं, हर क्षेत्र में बराबर हैं, चाहे धरा हो या गगन, ऐसे में कई तरह की घटनाएं भी हो रहीं हैं, मैं समाज के नवयुवकों से,लोगों से यही अपिल करती हूँ, कि चाहे महिला अनजान ही क्यों न हो उसके सुरक्षा की जिम्मेदारी हर एक को समझनी चाहिए, तभी हमारी बहन, बेटियों को स्वछंद आकाश मिल सकेगा और तभी वे धरा से गगन की दूरी को नाप सकेंगी, और ये नारी शस्क्तिकरण सही मायने में सफल होगा।
प्रश्न- कार्यक्रम के अंतिम पड़ाव पर आप युवा पीढ़ी के लिए क्या संदेश देना चाहती हैं?
उत्तर- बस इतना ही की कर्म करो, नेक बनो फल कु चिंता मत करो, तुम्हारे बारे में लोग क्या कहेंगे, यह सगुफा दिल से निकाल दो। देश का गौरव बनो और विकसित राष्ट्र का निर्माण करो।
अंत में बेहतरीन संचालन कर रहे यू.के. से किशोर जैन जी ने अपने अतिथियों को धन्यवाद दिया l इस नेक व सराहनीय कार्य के लिए दिव्यालय की संस्थापक व कार्यक्रम आयोजक व्यंजना आनंद 'मिथ्या ', और अध्यक्ष व कार्यक्रम संयोजक मंजिरी निधि 'गुल'जी को कार्यक्रम आयोजन के लिए धन्यवाद दिया तथा बताया की इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण Vyanjana Anand Kavya Dhara यूट्युब चैनल पर लाइव हर बुधवार शाम सात बजे हम देख सकते हैं या उसकी रेकॉर्ड वीडियो को बाद में देखा जा सकता है l
पूरे दिव्यालय परिवार की तरफ से उन्होंने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि आप के हौसलें को कोटि- कोटि नमन है।।
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