दिव्यालय एक व्यक्तित्व परिचय" में हुआ साक्षात्कार अतिथि आद. ज्योति जी"' होस्ट किशोर जैन" के साथ*|

*"दिव्यालय एक व्यक्तित्व परिचय" में  हुआ साक्षात्कार  अतिथि आद. ज्योति जी"' होस्ट किशोर जैन" के साथ*|

हम सब ने कई बार सुना है कि डर के आगे जीत है पर बहुत ही कम लोगों ने इसे आजमाया होगा l पर आज दिव्यालय एक व्यक्तित्व परिचय में कुछ बातें चंद यादें नई पुरानी में एक ऐसी शकसियत से मिलवाने जा रहा है जिन्होंने कई डरों को पार करके, अपने डर पर काबू पाकर अपने जीवन के हर लक्ष्य को, अपनी क्षमताओं को जान कर कई ऊँची चोटियों को फतवा किया l
आचार्य चाणक्य जी का एक कथन मुझे याद आ रहा है कि
*जैसे ही भय आपकी तरफ बढ़े, उस पर आक्रमण कर उसे नष्ट करो l*
ज्योति जी मध्यप्रदेश की रहने वाली आपको 48 वर्ष की उम्र में कुछ अलग कर गुजरने का ख्याल आया और आपने बखूबी अंजाम भी दे दिया अभी तक इन्होंने अमेरिका वेस्ट इंडीज और पेसिफिक के शिखर पर फतह कल चुकी हैं माउंट एवरेस्ट की चौथे बेस कैंप यानि आठ हजार फिट की ऊँचाई तक पहुँच कर इन्हें वापस होना पड़ा क्योंकि मौसम अनुरूप नहीं था, ** कहते हैं ना जैसे प्यासे को कूआ तो दिखा पर प्यास अधूरी रही **
पर्वत रोहण इतना आसान नहीं होता, खुद को फिजिकली और मेंटली फिट रखना पड़ता है विपरीत परिस्थितियों का सामना करने के लिए तैयार करना पड़ता है, तब कही जाकर अपने देश और खुद के सपनों को पंख मिलता है, 
 किशोर जी के सवालों का जबाब देते हुए ज्योति जी ने बताया कि अभी तक तो उनके पिता जी ने अपने नीजी सेविंग्स और लोन के सहारे उन्हें यहाँ तक पहुँचाया है, अब भारत सरकार की तरफ से भी थोड़ा सहयोग मिला है, पर आगे के लिए उन्होंने देश वासियों से अपिल की है की अगर कोई स्पांसर करे तो बेहतर नहीं तो थोड़ा ही सही आगर पूरे देशवासी फंडिंग करें तो एक बेटी को आशीर्वाद के साथ  अपने देश और देश वासियों को गौरव के क्षण भी मिलेंगे ज्योति जी ने बताया कि इस कठिन  कार्य को पूर्ण करने के लिए उन्हें शेरपा मदद करतें, जो वही पहाड़ी निवासी होतें हैं, और वे पूर्णतया दक्ष होतें हैं इस कार्य में, जो इन्हें 18/20 किलो वजन के साथ आक्सीजन सिलेंडर को भी लेकर चढ़ने में मदद करतें हैं |

अपने आखिरी संदेश में ज्योति जी ने युवकों को यह संदेश दिया की हमें कभी भी किसी और को अपना मोटिवेशन न बना कर खुद के पैमाने का ध्यान रखते हुए अपने आप को ही मोटिवेट कर अपनी मंजिल तक पहुँचने कि ज्जबा रखना चाहिए ||
 अंत में बेहतरीन संचालन कर रहे यू.के. से  किशोर जैन जी ने अपने  अतिथि को धन्यवाद दिया l इस नेक व सराहनीय कार्य के लिए दिव्यालय की संस्थापक व कार्यक्रम आयोजक व्यंजना आनंद 'मिथ्या ', और अध्यक्ष व कार्यक्रम संयोजक  मंजिरी निधि 'गुल'जी को कार्यक्रम आयोजन के लिए धन्यवाद दिया तथा बताया कि इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण Vyanjana Anand Kavya Dhara यूट्युब चैनल पर लाइव  हर बुधवार शाम सात बजे हम देख सकते हैं या उसकी रेकॉर्ड वीडियो को बाद में देखा जा  सकता है l 

पूरे दिव्यालय परिवार की तरफ से उन्होंने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि आप  के हौसलें को कोटि- कोटि नमन है|

मीडिया प्रभारी 
सुनीता सिंह सरोवर

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