1150 करोड़ खर्च करने के बावजूद मीठी नदी गंदीमनपा ने गलगली को बताया कि अब रोका जाएगा मल

1150 करोड़ खर्च करने के बावजूद मीठी नदी गंदी

मनपा ने गलगली को बताया कि अब रोका जाएगा मल
मुंबई। मीठी नदी के सौंदर्यीकरण और विकास के नाम पर 26 जुलाई 2005 से अब तक 1150 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं लेकिन अभी तक मीठी की सफाई नहीं हुई है क्योंकि आज भी मल, केमिकल बिना किसी रोकथाम के चलते मीठी नदी में छोड़ा जा रहा है। मनपा ने आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को सूचित किया है कि मीठी नदी में छोड़ा जाने वाला मल अब मनपा द्वारा रोका जाएगा। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे के पास मीठी नदी में दोनों तरफ से मल और गंदा पानी प्रवाहित की शिकायत दर्ज कराई थी। इस संबंध में जल निकासी विभाग के उप मुख्य अभियंता विभास आचरेकर ने अनिल गलगली को बताया कि मनपा के माध्यम से सलाहकार मेसर्स. फ्रिसमैन लॉर्ड को नियुक्त किया गया हैं। सलाहकार द्वारा प्रस्तुत तकनीकी और व्यवहार्यता रिपोर्ट के अनुसार, लघु और दीर्घकालिक उपायों के तहत काम का सुझाव दिया गया है। सलाहकार द्वारा सुझाए गए अल्पकालिक उपायों के तहत, समूह नं 1 के तहत पवई के फिल्टर पाड़ा और मीठी नदी के आसपास का मल प्रस्तावित 8 डी.एल.एच.एल. इस क्षमता को मल उपचार संयंत्र में संसाधित करने का प्रस्ताव है। आगे बताया गया कि सलाहकार द्वारा सुझाए गए दीर्घकालीन उपायों के तहत समूह नं. 2 आंतरिक, मुख्य रूप से (ज्वार प्रवण क्षेत्रों को छोड़कर) छोटे नालों के मल को मीठी नदी की ओर मोड़ना और उसे मुख्य सीवरेज की ओर मोड़ना हैं। इसके अलावा मीठी नदी के चौड़ीकरण, गहरीकरण, रिटेनिंग वॉल एवं सर्विस रोड के निर्माण आदि का कार्य शेष हैं। काम प्रगति पर है और दिसंबर 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है। समूह संख्या 3 मीठी नदी वाकोला नदी की विभिन्न सहायक नदियों के मल को ज्वार-भाटे वाले क्षेत्रों में मोड़ना और इसे मुख्य जल निकासी चैनलों की ओर मोड़ना हैं। साथ ही मीठी व वाकोला नदियों का चौड़ीकरण, गहरीकरण, रिटेनिंग वॉल एवं सर्विस रोड का निर्माण, फ्लड गेट का निर्माण, उदंचन पंप का निर्माण, सैरगाह का निर्माण आदी हैं। इस काम का टेंडर प्रक्रिया में हैं। समूह संख्या 4 मरोल-बापट नाला और सफेद पूल नाला के दो मुख्य नालों के नीचे मिठी नदी में छोड़े जाने वाले मल को अवरुद्ध करते हैं। धारावी स्थित मल ट्रीटमेंट प्लांट तक मल का डायवर्जन शामिल है। यह कार्य प्रगति पर है और इसके 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है।
साकीनाका के लाठिया रबर रोड स्तगीत रेडिमिक्स कंपनी पर कारवाई करने के लिए महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल और एल मनपा को सूचित किया गया हैं।
अनिल गलगली के मुताबिक अगर यह काम शुरू में कर दिया होता तो आज खर्च किए गए पैसे का रिजल्ट दिखाई देता। अब इन कार्यों को समय पर पूरा करने की जरूरत है।

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