बांद्रा के आर डी नेशनल कॉलेज में प्रजातंत्र यूथ पार्लियामेंट संपन्न

बांद्रा के आर डी नेशनल कॉलेज में प्रजातंत्र यूथ पार्लियामेंट संपन्न
मुंबई। आर डी नेशनल कॉलेज, मुम्बई और नेहरू युवा केंद्र मुंबई, युवा और खेल मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में "प्रजातंत्र - यूथ पार्लियामेंट " का आयोजन 28 फरवरी 2022 को युवाओं को संसदीय प्रथाओं और निर्वाचित प्रतिनिधियों की भूमिका के बारे में जागरूक और संवेदनशील बनाने के लिए किया गया बीबी। यह भारत सरकार के युवा और खेल मंत्रालय द्वारा संचालित एक गतिविधि है। युवा संसद में छात्र भाग लेते हैं और अधिनियमित युवा संसद का आयोजन करते हैं। जिसमें वे लोकसभा स्पीकर, प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री, नेता विपक्ष और सदस्य के रूप में शपथ लेने से लेकर विधेयकों को पारित करने तक सभी कदम उठाते हैं। यह उन्हें भारतीय संसदीय प्रणाली और निर्वाचित प्रतिनिधियों की जिम्मेदारियों के बारे में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने में मदद करता है। कार्यक्रम का उद्घाटन पूर्व कैबिनेट मंत्री और बांद्रा पश्चिम के विधायक  आशीष शेलार, प्रिंसिपल नेहा जगतियानी, एनवाईवीके के निदेशक  प्रकाश कुमार मनुरे, श्री यशवंत मानखेड़कर, उप निदेशक एनवाईवीके मुंबई और पीआरओ महाराष्ट्र विधानभवन नीलेश मदाने ने किया।उपस्थित दर्शकों  छात्रों, शिक्षकों और मेहमानों को संबोधित करते हुए विधायक आशीष शेलार ने  पार्षद और विधायक के रूप में काम करते हुए अपने कुछ अच्छे और कड़वे अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा, "लोकतांत्रिक संस्थाएं और प्रथाएं वैदिक युग से अस्तित्व में हैं, जहां महाजनपद (गणराज्य) और सरकार के निर्वाचित प्रमुखों ने राज्य और समाज का ख्याल रखा। उन्होंने आगे संविधान के रक्षक के रूप में न्यायपालिका की भूमिका के बारे में बात की। उन्होंने संसद के कामकाज में अध्यक्ष की भूमिका के बारे में उल्लेख किया। महाराष्ट्र के 12 विधायकों के निलंबन के मामले का हवाला देते हुए, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया, उन्होंने कहा, "निष्कासन और निलंबन के बीच अंतर है, यदि इस अंतर को नहीं समझा गया तो ये लोकतंत्र के लिए खतरनाक हो सकता है। इसका दुरुपयोग सत्ता पक्ष द्वारा पूरे विपक्ष को पूरे 5 साल के लिए निलंबित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।" अपने उद्घाटन संबोधन में कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. नेहा जगतियानी ने छात्रों को "सिस्टम का हिस्सा बनने और इसे ठीक करने के लिए प्रेरित किया, बजाय इसके कि वे सिर्फ इसके आलोचक बनें। युवा संसद युवाओं की आवाज उठाने का एक सही मंच है। इसके जरिए हम हमारी राजनीतिक व्यवस्था के संरचनात्मक और कार्यात्मक पहलू के बारे में जानते हैं। उन्होंने छात्रों को शुभकामनाएं दी।"
दी। राजनीति शास्त्र के विभागाध्यक्ष और  युवा संसद के संयोजक डॉ. रवि शुक्ला ने युवा संसद की अवधारणा और आवश्यकता का परिचय दिया। उन्होंने कहा, "युवा संसद में भाग लेने से छात्रों को आदर्श संसदीय व्यवस्था को जानने का सीधा मौका मिलता है। यह उनके लिए नीति निर्माण में प्रभावी हस्तक्षेप करने का एक शसक्त  मंच है। नेहरू युवा केन्द्र की सराहना करते हुए लोकतंत्र को मजबूती देने में इसके बड़े योगदान के लिए आभार व्यक्त किया। श्री प्रकाश कुमार मनूरे, निदेशक एनवाईकेएस महाराष्ट्र और गोवा ने युवाओं को अपने सिस्टम को जानने की आवश्यकता के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि युवा ही बदलाव की राजनीति में सक्रिय रूप से भाग ले सकते हैं। संसद लोगों के जीवन में वास्तविक परिवर्तन लाने का स्थान है। श्री यशवंत मानखेड़कर, उप निदेशक एनवाईवीके मुंबई ने छात्रों को युवा संसद की प्रक्रिया के बारे में बताया। अपने सूचनात्मक भाषण में उन्होंने प्रतिभागियों को बताया कि आप में से ही भविष्य के हमारे विधायक और सांसद बनेंगे । उन्होंने युवा विकास के लिए उत्प्रेरक के रूप में एनवाईवीके की भूमिका के बारे में भी बताया। 
उद्घाटन सत्र के बाद श्री नीलेश मदाने, जनसंपर्क अधिकारी, महाराष्ट्र विधानभवन, मुंबई द्वारा एक संक्षिप्त प्रशिक्षण और मार्गदर्शन देकर संसदीय नियमों, कार्यपद्धति और विभिन्न संसदीय आयुधों के उत्तम उपयोग की जानकारी दी। श्री मदाने ने उन नियमों, प्रक्रियाओं और संसदीय युक्तियों के बारे में बताया जिनका उपयोग एक सदस्य अपने विचार प्रस्तुत करने के लिए कर सकता है। महाराष्ट्र विधानसभा के बारे में बात करते हुए उन्होंने कुछ तेज-तर्रार और प्रतिबद्ध विधायकों का हवाला दिया जो अपने ज्ञान और बुद्धि से सदन को प्रभावित करने की क्षमता रखते थे। उन्होंने प्रतिभागियों को कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन के बारे में भी बताया जो छात्रों को संसदीय प्रथाओं के बारे में प्रशिक्षित करने के लिए काम करता है।इसके बाद युवा संसद का सत्र शुरू हुआ। अध्यक्ष सुश्री कुलसुम ने आदर्श युवा संसद की कार्यवाही का संचालन किया। युवा संसद में शपथ ग्रहण और श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद प्रधानमंत्री सुश्री सोलिहा अंसारी द्वारा नवनिर्वाचित युवा संसद के मंत्रिमंडल का परिचय दिया गया। श्री पार्थ सरोनिया को विपक्ष के नेता के रूप में चुना गया। प्रश्नकाल बहुत दिलचस्प हो गया जब विपक्ष और सत्तारूढ़ पीठ के प्रतिभागियों ने सवाल और जवाब के रूप में जोरदार बहस प्रस्तुत की। प्रश्न मुख्य रूप से विभिन्न मंत्रालयों से संबंधित थे। गृह मंत्रालय, कृषि मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, एमएसएमई मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, संसदीय कार्य मंत्रालय से प्रश्नोत्तर किया गया।  सभी मंत्रियों ने अपने उत्तर को बखूबी पेश किया और विपक्ष की आलोचना को समझदारी से झेला। इसके अलावा, एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, विदेशी प्रतिनिधियों का स्वागत,  विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव, कृषि मंत्रालय के पेपर संसद के पटल पर सखने जैसे संसदीय कार्यों को किया गया। अंत में विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव लाया जिसका सत्तारूढ़ दल ने सफलतापूर्वक बचाव किया। अविश्वास प्रस्ताव के दौरान नेता विपक्ष ने आक्रामक रूप से सरकार की कमियों को उजागर करते हुए इस्तीफे की मांग की। दूसरी ओर प्रधानमंत्री ने तर्कसंगत जवाब देते हुए सरकार का बचाव किया। कार्यक्रम के अंत में स्पीकर द्वारा सत्र को स्थगित कर दिया गया। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। डॉ किरन सावंत ने सभी का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम के आयोजन और संचालन की बागडोर प्रो मनोज कदम, प्रो संजय डोंगरदिवे और प्रो सुरेश छेड़े ने किया। विद्यार्थियों की आयोजन समिति के सूत्रधार राजन तिवारी, जय जायसवाल और नवाब रहे।

Comments

Popular posts from this blog

मीरा रोड मंडल द्वारा बीजेपी जिलाध्यक्ष किशोर शर्मा का सम्मान

बीजेपी नगरसेवक मनोज रामनारायण दुबे का सराहनीय काम

मीरा रोड में धूमधाम से मनाई गई महावीर जयंती