उत्तराखंड साहित्य महोत्सव देवभूमि के सुरम्य वादियों को समेटे भव्यता के साथ कवि सम्मेलन संपन्न

उत्तराखंड साहित्य महोत्सव देवभूमि के सुरम्य वादियों को समेटे भव्यता के साथ कवि सम्मेलन संपन्न
मुंबई
साहित्यिक सामाजिक सांस्कृतिक अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक संस्था उत्तराखंड के सुरम्य वादियों को समेटे साहित्य महोत्सव भव्यता के साथ आभासी पटल द्वारा संपन्न हुआ। यह पी.आई.यू. ट्रस्ट गिरिडीह के तहत आयोजित किया गया।  इसके तहत अखिल भारतीय काव्य सम्मेलन दिनांक 27 फरवरी 2022 को कार्यक्रम का आयोजन हुआ। भारत की देवभूमि व तपोभूमि, गंगोत्री, यमुनोत्री, अलकनंदा, मन्दाकिनी आदि नदियों की कल-कल करती सुरम्य आवाज,तथा इनके तटों पर बसे वैदिक संस्कृति के कई महत्त्वपूर्ण तीर्थस्थान, कुर्मांचल, केदारखण्ड और सुरम्य कश्मीर के पाँच खण्ड, हिमशिखर, हिमालय श्रृंखला और हिमनदियों से आच्छादित तालों व झीलों,दर्रों, नदियों के किनारे अनेक धार्मिक व सांस्कृतिक केन्द्र के साक्षी रहे उत्तराखंड के सांस्कृतिक परंपरा और विरासत को समृद्ध करने के उद्देश्य हेतु यह आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में विनय कुमार पाठक (पूर्व राजभाषा आयोग के अध्यक्ष छत्तीसगढ शासन, वर्तमान में राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद)। कार्यक्रम की अध्यक्षता इस महोत्सव के संस्थापक डॉ० सुरेश सिंह शौर्य 'प्रियदर्शी' द्वारा किया गया। कार्यक्रम संचालन पंजाब से बांका बहादुर अरोड़ा ने किया। इस मंच के सह संपादक राम रतन श्रीवास  बिलासपुर (छत्तीसगढ़) उपस्थित रहे। अंकिता द्विवेदी संयोजक एवं प्रबंधक के रूप में स्तुति सिंह जी की अहम भूमिका रही।कार्यक्रम की शुरुआत चपला कुमारी एवं सरोज गर्ग जी द्वारा मांँ सरस्वती की वंदना से प्रारंभ हुई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विनय कुमार पाठक ने अपने उद्बोधन में कहा की "साहित्य उत्सव धर्मी है । कला साहित्य संस्कृति अध्यात्म का उत्कर्ष करने एवं समाज में समरता का संचार मानवता की सेवा है । सभी साहित्यकारों को बधाई प्रेषित किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. सुरेश सिंह शौर्य "प्रियदर्शी" ने अपने अपने बाद के संदेश में कहा भारत में उत्तराखंड देवभूमि के साथ भारतीय संस्कृति और सभ्यता को समेटे हुए है।आगे, उन्होंने कहा की आज संप्रदाय, भेदभाव को यदि मिटाता है तो वह है नदियां जो सभी को एक समान रूप से देखती है। अभिव्यक्ति के माध्यम से सारगर्भित ज्ञान साझा किया। देश भर के प्रत्येक  प्रांत से आज के काव्य पाठ मेें कवि राम रतन श्रीवास,अंकिता द्विवेदी,कवि एवं पत्रकार विनय शर्मा दीप (मुंबई), जतीन, मंजुषा राधे, डॉ ऋचा शर्मा, सुशील कुमार पाठक, हिमांशु पाठक (उत्तराखंड), मंजीत कौरउत्तराखंड साहित्य महोत्सव देवभूमि के सुरम्य वादियों को समेटे भव्यता के साथ कवि सम्मेलन संपन,चपला मिश्रा,सरोज गर्ग नागपुर (महाराष्ट्र), श्रीमती चंद्रकला भरतिया जी, कवयित्री राजवाला पुंढीर ,आचार्य कृष्णानंद नौटियाल (गुप्तकाशी केदारनाथ),रामदेव शर्मा "राही" (मथुरा उ.प्र), ललिता कुमारी वर्मा (अलीगढ़), डॉ प्रियंका  मिश्रा (भोपाल म प्र ), डॉ राजेश कुमार मानस (बिलासपुर छत्तीसगढ़), प्रोफेसर अर्चना पाण्डेय (भिलाई छत्तीसगढ़),  कृपा राज, डॉ राहुल, प्रमोद  कुमार "सत्यधृत" (हरियाणा), डॉ नीता ठाकुर (डोंगरगढ़ छत्तीसगढ़), जतिन कुमार,डॉ आलोक रंजन  कुमार (जपला झारखंड), परीणिता सिन्हा, जय प्रकाश नागला (नांदेड़, महाराष्ट्र), निवेदिता सिन्हा,डॉ अंजू अग्रवाल, ईश्वर चन्द्र जायसवाल (गोंडा)। अंत में, संचालन कर रहे  बाका बहादुर अरोड़ा ने जोश भरे शब्दों से सजे काव्यांजलि प्रस्तुत किया।  सभी साहित्यकारों व प्रतिभागियों एक से बढ़कर एक अपनी बेहतरीन प्रस्तुति से समां बांधे रखा।पी.आई.यू. ट्रस्ट, गिरिडीह के अध्यक्ष शिक्षाविद दिनेश्वर वर्मा ने कहा कि उत्तराखंड में प्रकृति को संपूर्णता में समेटे धरा को आनंदित करने वाला सुंदर हिमश्रृंखला का सुंदर दृश्य है। यह कार्यक्रम भारतोदय लेखक संघ के सहयोग से किया गया। संस्थापक शुरेश शौर्य "प्रियदर्शी" ने सभी साहित्यकारों को बधाई देते हुए कहा कि साहित्य महोत्सव ऑफ़लाइन आयोजन 15 मई 2022 को देहरादून में किया जायेगा। अंत में इस मंच के सह संपादक राम रतन श्रीवास ने सभी आगंतुक विभुतियो का हृदय से आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह एक ऐतिहासिक पल रहा है और सदैव यादगार रहेगा। इसी के साथ कार्यक्रम समापन की घोषणा की गई ।
            

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