न्याय की तलाश में 5 वर्षों से भटक रहे हैं प्रकाश दलवी
न्याय की तलाश में 5 वर्षों से भटक रहे हैं प्रकाश दलवी
मुंबई। भारतीय डाक विभाग में जमा पैसा को सबसे सुरक्षित माना गया है। इसके बावजूद अधिकारियों की लापरवाही के चलते कुछ लोग जालसाजी के शिकार हो जाते हैं। मुंबई के बोरिवली निवासी प्रकाश दलवी 2015 से उच्च अधिकारियों से न्याय पाने की लगातार गुहार लगा रहे हैं। परंतु कोई भी सुनने को तैयार नहीं है। इस संबंध में उन्होंने पुणे के स्वारगेट पुलिस स्टेशन में भी शिकायत दर्ज कराई है। प्रकाश दलवी द्वारा दर्ज शिकायत के अनुसार 1988 में उन्होंने मुंबई के जीपीओ में पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस के तहत एक लाख रुपए की पोस्टल लाईफ इन्शुरन्स की पोलिसी निकाली थी। 2015 में जब उन्होंने मैच्योरिटी अवधि पूरा होने पर डाकघर से संपर्क किया तो पता चला कि वह रकम उनकी तलाक दी गई पत्नी ने उनका फर्जी हस्ताक्षर कर प्राप्त कर लिया है। दलवी की तलाकशुदा पत्नी पुणे विभाग में सहायक अधीक्षक के पद पर कार्यरत थी। उसने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए पहले पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस के पैसों को मार्केट यार्ड डाकघर से अपने बचत खाते में ट्रांसफर करा दिया। प्रकाश दलवी के बार-बार शिकायत करने के बाद डाकघर विभाग ने उनकी तलाकशुदा पत्नी को दिखावटी पेनल्टी कर दिया। दलवी चाहते हैं कि मार्केट यार्ड डाकघर के वे तमाम अधिकारी भी दंडित हो ,जिन्होंने उनकी पॉलिसी के पैसों को उनकी तलाकशुदा पत्नी के पर्सनल खाते में शिफ्ट कराया
तथा तलाकशुदा पत्नी को इस फ्राड में मदद की हैं। दबाव के चलते स्वारगेट पुलिस भी केवल खानापूर्ति कर रही है।
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