भगवान जगन्नाथपुरी के संस्कृति पर भगवान पंडा का हुआ व्याख्यान
*राष्ट्रीय नव साहित्य कुंभ के पटल से जगन्नाथपुरी की संस्कृति पर हुआ व्याख्यान
ठाणे
राष्ट्रीय नव साहित्य कुंभ के पटल पर रविवार 31 जनवरी 2021 को व्याख्यान की श्रृंखला में
विषय-जगन्नाथ संस्कृति के मूल तत्व पर आद० भगवान पण्डा के साथ संस्था की सक्रिय सदस्या आद० पारमिता शार्णगि जी संचालक के रूप में सुन्दर वार्ता की।आदरणीय भगवान पंडा जी का संक्षिप्त परिचय इस प्रकार है।
आद०भगवान पण्डाजी आप देश की आर्थिक राजधानी एवं माया नगरी नाम से प्रसिद्ध शहर नवीमुम्बई महाराष्ट्र से आते हैं।
आप जगन्नाथ पुरी जो एक आध्यात्मिक शहर है।
जगन्नाथ पुरी उड़ीसा राज्य के पूर्वी जिले में स्थित एक हिन्दू मंदिर है । जो भगवान जगन्नाथ ( श्री कृष्ण जी ) को समर्पित है। जगन्नाथ शब्द का अर्थ है जगत के स्वामी ।इनकी नगरी ही पूरी कहलाती है। यह वैष्णव संप्रदाय का मंदिर है ।जो भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण को समर्पित है। इस मन्दिर का वार्षिक उत्सव रथयात्रा प्रसिद्ध है। मंदिर के तीनों मुख्य देवता भगवान जगन्नाथ उनके बड़े भाई बलभद्र और भगिनी सुभद्रा तीनों अलग अलग रथों में आरूढ़ होकर नगर भ्रमण पर निकलते हैं।श्री जगन्नाथ पूरी पहले नील माधव के नाम से पूजे जाते थे। सागर जिनके पाँव पखारता है।जहाँ योगेश्वर श्री कृष्ण के दर्शन करना हर कोई अपना सौभाग्य समझता है। आज उसी जगन्नाथपुरी के बारे में पंडा ने उसकी संस्कृति के बारे में विस्तृत व्याख्यान दी।सभी श्रोताओं ने उनके मुखारविंद से जगन्नाथपुरी के बारे में व्याख्यान को सुनकर हम लाभान्वित हुए। उनका अभिवादन स्वागत और उत्साहवर्धन उपस्थित सभी साहित्यकारों ने किया।उक्त व्याख्यान का संयोजन राष्ट्रीय नव साहित्य कुंभ" के संस्थापक रामस्वरूप प्रीतम(श्रावस्ती), अध्यक्ष अनिल कुमार राही (मुंबई),संयोजक संजय द्विवेदी (कल्याण- महाराष्ट्र),सचिव धीरेन्द्र वर्मा धीर(लखीमपुर खीरी), संरक्षक दिवाकर चंद्र त्रिपाठी "रसिक" (छत्तीसगढ़) एवं मीडिया प्रभारी विनय शर्मा "दीप" (ठाणे-महाराष्ट्र),उपाध्यक्ष सत्यदेव विजय,कोषाध्यक्ष प्रमिला किरण के सहयोग से संपन्न हुआ।
व्याख्यान उपरांत उपस्थित महराज,वरिष्ठ विद्वान, साहित्यकार का सम्मान संस्था द्वारा सम्मान-पत्र देकर किया गया।
दीप साहित्य के सभी पदाधिकारियों आद० विनय शर्मा दीप सहित हार्दिक आभार सादर अभिवादन
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