बाबू शोभनाथ सिंह मेमोरियल ट्रस्ट की झारखंड ईकाई पर मासिक काव्य- गोष्ठी
बाबू शोभनाथ सिंह मेमोरियल ट्रस्ट की झारखंड ईकाई पर मासिक काव्य- गोष्ठी
साहित्य संस्था बाबू शोभनाथ सिंह मेमोरियल ट्रस्ट की झारखंड ईकाई पर पहली मासिक काव्य- गोष्ठी संस्था की सचिव आ०सत्यभामा सिंह की अध्यक्षता और ईकाई पटल की अध्यक्ष पूर्णिमा सुमन के संचालन में सफलता पूर्वक संपन्न हुई। विशिष्ट अतिथि के रूप में धनबाद से वरिष्ठ गज़लकार आ०बरनवाल मनोज' अंजान' जी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत सुमधुर स्वर से कविता जैन ने सरस्वती-वंदना से की, तत्पश्चात् पूर्णिमा सुमन के संचालन में रोमा झा ने बहने दो मुझको निर्वाध, गीता गुस्ताख़ ने-प्रात:की भोर सी पाट है बेटियां, कार्यक्रम प्रभारी अंकित उपाध्याय ने हमारा घर भी हो अवध भवन, सोनी बरनवाल ने- शब्दों का महत्व, ज्योति वर्मा ने प्रगति देश की हुई बहुत, पल्लवी रानी ने तुम हो तो जीवन है, कविता झा ने कविता की विशेषता बतलाई तो वही सविता धर जी ने अंतरद्वंद कब तक अंधे बने देखते रहे, तो कविता जैन ने सुंदर गीत आनंदित मन झूमता करें प्रेम इजहार सुनाया।
विशिष्ट अतिथि मनोज जी द्वारा सभी रचनाकारों को सराहना मिली साथ ही गज़ल सुनाकर मंच को सुशोभित किया, पूर्णिमा सुमन ने नारी हो सब कर सकती हो-रचना सुनाई और अंत में कार्यक्रम अध्यक्ष आ०सत्यभामा सिंह'जिया' जी ने सभी रचनाकारों की रचना की समीक्षा कर गौरवान्वित किया।
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