गोपाल शेट्टी ने की शुक्ल कम्पाउंड के निवासियों को संरक्षण देने की मांग

गोपाल शेट्टी ने की शुक्ल कम्पाउंड के निवासियों को संरक्षण देने की मांग
मुंबई। पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी ने मुंबई शहर के झोपड़पट्टी (स्लम) निवासियों, जिनमें मुख्य रूप से दहिसर (पूर्व) स्थित शुक्ला कम्पाउंड के निवासी शामिल हैं, के विभिन्न लम्बित मुद्दों को लेकर महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से मुलाक़ात की। उन्होंने एक निवेदन सौंपकर आगामी शीतकालीन अधिवेशन में मुंबई के नागरिकों को न्याय दिलाने की पुरजोर माँग की है। शिवदयाल मिश्रा ने बताया कि आज तक जिस भी विषय को गोपाल शेट्टी ने अपने हाथ में लिया है उनमें उन्हें सौ प्रतिशत जीत मिली है। उसी तरह ही शुक्ला कम्पाउंड के लोगों को भी न्याय मिलेगा। सबसे अधिक वोटों से जीत कर आने वाले नेता थे गोपाल शेट्टी, अपने काम से जाने जाते हैं। पूर्व काल में जनता द्वारा उन्हें दिए गए वोट का क़र्ज़ चुका रहे हैं। बता दें की, दहिसर (पूर्व) के रावलपाड़ा स्थित शुक्ला कम्पाउंड के बेदखली विवाद पर अब प्रभावित निवासी और उनके प्रतिनिधि लगातार प्रशासनिक एवं क़ानूनी स्तर पर पैरवी कर रहे हैं। प्रभावित परिवारों ने स्पष्ट किया है कि वे पिछले ४० वर्षों से अधिक समय से यहाँ वैध रूप से निवास कर रहे हैं और नियमित रूप से किराया तथा कर भर रहे हैं। इसके बावजूद, विकासक और कुछ अधिकारियों की कथित मिलीभगत से अचानक शुरू की गई बेदखली की कार्रवाई को उन्होंने पूरी तरह से अन्यायपूर्ण बताया है। निवासियों का कहना है कि उनके पास व्यावसायिक लाइसेंस, अनुमतियाँ (परमिट) और अन्य आवश्यक दस्तावेज़ मौजूद हैं, इसके बावजूद उन्हें महानगरपालिका की धारा ३५१ के माध्यम से नोटिस जारी कर बेदखल करने का प्रयास किया गया। इससे कई छोटे उद्यमी जिनकी आजीविका इन्हीं गलियों पर निर्भर है, उनका कारोबार भी संकट में आ गया है। पीड़ितों ने बताया कि उन्होंने इस मामले की लगातार क़ानूनी और प्रशासनिक स्तर पर पैरवी की है। उन्होंने स्लम पुनर्वास प्राधिकरण से बस्ती को झोपड़पट्टी (स्लम) घोषित करने का आग्रह किया है, और एसआरए ने इस प्रक्रिया के शुरू होने की पुष्टि भी की है। इसके बावजूद भी बेदखली की कार्रवाई को रोका नहीं गया है, जिससे लोगों में गहरा आक्रोश व्याप्त है। प्रतिनिधियों ने पुनः यह माँग रखी है कि विधानसभा अध्यक्ष आगामी अधिवेशन से पहले सम्बंधित विभागों के अधिकारियों की तत्काल एक संयुक्त बैठक बुलाएँ। यह बैठक निष्पक्ष जाँच के साथ एक स्थाई समाधान सुनिश्चित करेगी और ४० वर्षों से बसे इन परिवारों को न्याय दिलाएगी। पीड़ित निवासियों का कहना है कि उन्हें प्रधानमंत्री की सभी को पक्का घर की नीति पर पूर्ण विश्वास है और वे उम्मीद करते हैं कि महाराष्ट्र सरकार भी २०१८ के झोपड़पट्टी संरक्षण क़ानून के अनुसार उन्हें संरक्षण प्रदान करेगी। निवासियों ने यह भी स्पष्ट किया है कि जब तक उनकी बस्ती को वैध रूप से झोपड़पट्टी घोषित नहीं किया जाता और बेदखली की कार्रवाई पर रोक नहीं लगती, वे अपने अधिकारों के लिए शांतिपूर्ण लेकिन दृढ़ता से आवाज़ उठाते रहेंगे। इस विषय को लेकर जनसेवक गोपाल शेट्टी ने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से मुलाक़ात कर शुक्ला कम्पाउंड के निवासियों को संरक्षण देने की माँग की है।

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