*“राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा आयोग” - पत्रकारों का संरक्षक*
*“राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा आयोग” - पत्रकारों का संरक्षक*
रिपोर्टर, सुरेश कुमार शर्मा
भारतीय लोकतंत्र में पत्रकार वह स्तंभ हैं, जिनकी कलम सत्ता को सच दिखाने का साहस देती है। लेकिन आज का मीडिया परिदृश्य चुनौतीपूर्ण, जोखिमपूर्ण और अक्सर असुरक्षित होता जा रहा है। ऐसे समय में यदि कोई संगठन पत्रकारों के सुरक्षा अधिकार, सम्मान, सुविधा और पेशेगत मानकों को बचाने का बीड़ा उठाए, तो यह केवल स्वागत योग्य नहीं है, बल्कि समय की माँग भी है। इसी उद्देश्य के साथ “राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा आयोग” का विधिवत शुभारंभ डी-125, थर्ड फ्लोर, महावीर इंक्लेव, नई दिल्ली-110045 में किया गया है। यह आयोग डॉ. जाकिर हुसैन एजुकेशन ट्रस्ट (रजि.) की एक इकाई है, जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं संस्थापक श्री निशिकांत राय हैं। यह संगठन देशभर के पत्रकारों को एक मंच पर लाने, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने, सरकारी मान्यता दिलवाने, समस्याओं का समाधान करने और पत्रकारिता की गरिमा बचाने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है।
पत्रकार के हाथ में कलम केवल एक औजार नहीं है, बल्कि जवाबदेही, सत्य और साहस का प्रतीक है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में पत्रकारों के सामने आने वाली चुनौतियाँ बढ़ी हैं। धमकियाँ, दबाव, मनोवैज्ञानिक, कानूनी एव आर्थिक प्रताड़ना, फील्ड रिपोर्टिंग में जोखिम, डिजिटल मीडिया पर कार्यरत पत्रकारों की उपेक्षा और सरकारी एव गैर-सरकारी स्तर पर आवश्यक सुरक्षा का अभाव। दुर्भाग्य से, कई पत्रकार आज भी अपने मूल अधिकारों से वंचित हैं। ऐसे कठोर वातावरण में राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा आयोग का गठन पत्रकारों के लिए एक बड़ी राहत और उम्मीद लेकर आया है।
संगठन की स्थापना के पीछे उद्देश्य एकदम स्पष्ट था कि “पत्रकारों को सुरक्षित, सम्मानित, संगठित और सशक्त बनाना।” राष्ट्रीय अध्यक्ष निशिकांत राय, जो स्वयं बिहार के मुंगेर से आते हैं, ने वर्षों से पत्रकारों की समस्याओं को निकट से देखा है और महसूस किया है। उन्होंने यह पाया कि कई पत्रकार बिना सुरक्षा के जोखिम भरे क्षेत्रों में रिपोर्टिंग करते हैं। स्थानीय स्तर पर उन्हें न कोई कानूनी सहयोग मिलता है और न संस्थागत सहारा। डिजिटल युग में नए पत्रकारों के लिए कोई स्पष्ट मान्यता प्रणाली नहीं है। पत्रकार संगठनों की विखंडित संरचना से समन्वय का अभाव है। इन्हीं परिस्थितियों ने इस संगठन की नींव रखी।
राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा आयोग के उद्देश्य केवल औपचारिक नहीं है, बल्कि व्यापक, गहरे और दूरदर्शी हैं। इनमें देशभर के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, वेब/डिजिटल पत्रकारों को एक मंच पर लाना संगठन का प्रथम लक्ष्य है। एकता में ही शक्ति है और पत्रकारों को यह शक्ति वर्षों से नहीं मिल पाई थी। चाहे वह सुरक्षा समस्या, वेतन विवाद, किसी रिपोर्ट पर दबाव या धमकी, कानूनी संकट, संगठन ऐसी हर समस्या के समाधान के लिए तैयार है। रिपोर्टिंग का हर पल जोखिम से भरा होता है। संगठन सुनिश्चित करेगा कि पत्रकार के साथ कोई भी दुर्व्यवहार या हमला बिना लड़ाई के न छूटे। आज डिजिटल पत्रकारिता युवा पीढ़ी की आवाज है, पर अब भी सरकारी स्तर पर इसकी मान्यता सीमित है। संगठन इस अंतर को मिटाने के लिए प्रतिबद्ध है।
संगठन पत्रकारों के लिए मेडिकल बीमा, जीवन बीमा, फील्ड रिपोर्टिंग सुरक्षा प्रशिक्षण, मीडिया लॉ प्रशिक्षण, मुफ्त कानूनी सहायता जैसी महत्वपूर्ण सुविधाएँ उपलब्ध करवाने की योजना बना रहा है। पत्रकारों से जुड़े मुद्दे अक्सर उच्च स्तर के निर्णय की मांग करता है। आयोग सरकार, मंत्रालयों और सभी प्राधिकरणों से सीधे संवाद स्थापित कर रहा है। संवेदनशीलता, नैतिकता और निष्पक्षता पत्रकारिता की आत्मा है। संगठन आचार संहिता को बढ़ावा देने के लिए दिशा-निर्देश और प्रशिक्षण भी सुनिश्चित करेगा। मीडिया जनता और सत्ता के बीच पुल होता है। आयोग का मानना है कि “सुरक्षित पत्रकार ही लोकतंत्र की रक्षा कर सकता है।”
किसी भी संगठन की शक्ति उसके नेतृत्व में होती है, और इस संगठन में कई प्रतिष्ठित प्रशासनिक अधिकारी और मीडिया विशेषज्ञ शामिल हैं। सेवानिवृत्त IAS बिपिन कुमार सिंह, सेवानिवृत्त IPS डॉ. चौरसिया चंद्रशेखर आजाद, सेवानिवृत्त IAS सतीश कुमार शर्मा, उप संपादक, दैनिक भास्कर मुकेश कौशिक, और डॉ. प्रो. अमरेंद्र प्रसाद सिंह। इनका अनुभव संगठन को दिशा देने में अमूल्य साबित हो रहा है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं संस्थापक निशिकांत राय, मुंगेर, बिहार हैं। इनकी दूरदर्शिता ही संगठन के विस्तार का आधार है। राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष महावीर इंक्लेव, नई दिल्ली के सत्य नारायण भट्ट, राष्ट्रीय महासचिव द्वारिका, नई दिल्ली के डॉ. प्रो. निशा सिंह, राष्ट्रीय सचिव संघमिता सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जौनपुर, उत्तर प्रदेश के सुरेश कुमार शर्मा और संदीप चौधरी, राष्ट्रीय संयुक्त सचिव मोतीहारी, बिहार के रजनीश कुमार पुष्कर, मंगोलपुरी, दिल्ली के सुदर्शन कुमार, राष्ट्रीय संगठन सचिव सांताक्रुज, मुंबई के लव व्यास शामिल है। यह टीम संगठन को राष्ट्रव्यापी स्तर पर मजबूत दिशा और गति दे रही है।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्यों में शामिल हैं एस. के. चंदेल (महाराष्ट्र), मनोज शर्मा (नई दिल्ली), विनय कुमार तिवारी (बोकारो, झारखंड), निभा शर्मा (मुंगेर, बिहार), हेमंत गुणिया (कल्याणी, पश्चिम बंगाल), निशांत भारती (पश्चिमी चंपारण, बिहार), अमित कुमार, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्रभारी (मुंगेर, बिहार)। ये सदस्य अपने-अपने क्षेत्रों में पत्रकारों से सीधा संवाद स्थापित कर रहे हैं।
संगठन तेजी से विस्तारित हो रहा है और कई प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं, जिनमें दिल्ली NCR प्रदेश अध्यक्ष हैं जितेन्द्र राज, उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष हैं जीवन कुमार झा, बिहार के प्रदेश अध्यक्ष हैं जितेन्द्र कुमार सिन्हा, झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष हैं अनुराग चावला और झारखंड के कार्यकारी अध्यक्ष हैं सुनील कुमार। इनकी नियुक्ति संगठन की स्थापना से लेकर विस्तार तक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। संगठन ने ओडिशा प्रदेश प्रभारी अगिया मलिक, उत्तराखंड प्रदेश प्रभारी शिप्रा त्यागी को बनाया है। प्रदेश प्रभारियों का कार्य है संगठन का स्थानीय विस्तार, पत्रकारों की समस्याओं का संज्ञान, नई समितियों का गठन, स्थानीय मीडिया से तालमेल इन जिम्मेदारियों के माध्यम से होगा।
“राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा आयोग” का गठन भारत के मीडिया जगत के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। इस संगठन का उद्देश्य केवल पत्रकारों को सुरक्षा एव मान्यता देना नहीं है, बल्कि पत्रकारिता की विश्वसनीयता और लोकतांत्रिक मूल्यों को सुरक्षित रखना भी है। जब पत्रकार बिना भय, बिना दबाव और बिना बाधा के काम करेगा, तभी सच सामने आएगा, जनता जागरूक होगी, सत्ता जवाबदेह बनेगी और लोकतंत्र और मजबूत होगा।
Comments
Post a Comment