विश्व शिक्षक दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया
विश्व शिक्षक दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया
रविवार- 5 अक्टूबर 2025 को श्री राम-जानकी मंदिर सभागृह,90 फीट रोड,साकीनाका,मुंबई में काव्यसृजन परिवार की मासिक काव्यगोष्ठी में विश्व-शिक्षक दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवानिवृत्त शिक्षक लाल बहादुर यादव "कमल" ने की।मुख्य अतिथि के रूप में शिक्षक श्री वाचस्पति तिवारी जी उपस्थित रहे।इस कार्यक्रम का संचालन काव्यसृजन परिवार के अध्यक्ष पंडित श्रीधर मिश्र "आत्मिक" जी ने किया।
श्री अमरनाथ दुबे ने संस्कृत में तथा शिक्षक श्री किरण चौबे ने हिंदी में मां वीणापाणि की वंदना प्रस्तुत की।तत्पश्चात काव्यगोष्ठी का विधिवत् शुभारंभ हुआ।
विचार प्रवाह में हिंदी के प्राध्यापक अंजनी कुमार द्विवेदी सर ने विद्यालयों में हिंदी का स्तर तथा अनेक हिंदी के शिक्षकों द्वारा किए जाने वाले वर्तनी दोष,उच्चारण और उनकी भाषा शैली पर अपना पांडित्यपूर्ण विचार प्रस्तुत किया।
ताज मोहम्मद सिद्दीकी जी ने अपनी दो सुंदर गजलों का पाठ किया।कवि और सेवानिवृत्त शिक्षक शिव नारायण यादव सर ने निराला जी की प्रसिद्ध सरस्वती वंदना "वर दे! वीणा वादिनि वर दे" का सस्वर पाठ करने के बाद"मां" पर एक सुंदर रचना प्रस्तुत की।अरमनाथ द्विवेदी जी ने अपनी रचना "हे राम!तुम्हारा अभिनंदन करती आज दिवाली" रचना प्रस्तुत की।डॉ. प्रमोद पल्लवित जी ने देश की वर्तमान स्थिति पर अपनी रचना पढ़ी।श्री शंकर राय "केहरि" ने "काला सूरज" नामक रचना पढ़ी।शिक्षक किरण चौबे जी ने "कुंभ" विषय पर अपनी रचना का पाठ किया।प्राध्यापक अंजनी सर ने "इस तरह से न तुम याद आया करो" गजल प्रस्तुत की।ओम प्रकाश तिवारी जी ने "दिल्ली के कुत्ते" रचना पढ़ी।श्रीधर मिश्र आत्मिक जी ने अध्यात्म पर अपनी रचना का पाठ किया। अध्यापक वाचस्पति तिवारी जी ने "है अयोध्या वहीं,राम मेरे जहां" रचना पढ़ी।
लाल बहादुर यादव "कमल" जी ने अपना समीक्षात्मक अध्यक्षीय उद्बोधन दिया तथा "कहवां हेराइ गइल गउवां हमार" नामक अवधी मिश्रित भोजपुरी रचना प्रस्तुत की।
आए हुए कवि मित्रों का आभार ओम प्रकाश तिवारी जी ने व्यक्त किया।राष्ट्रगान के बाद कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
सुन्दर प्रस्तुति
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