*गंगा स्वच्छता जनजागरण अभियान में अथर्वन फाउंडेशन, नमामि गंगे एवं 137 CETF बटालियन (टी.ए.) 39 गोरखा राइफल्स का संयुक्त प्रयास*
*गंगा स्वच्छता जनजागरण अभियान में अथर्वन फाउंडेशन, नमामि गंगे एवं 137 CETF बटालियन (टी.ए.) 39 गोरखा राइफल्स का संयुक्त प्रयास*
प्रयागराज। 29 अक्टूबर को बलुआ घाट, बरादरी में अथर्वन फाउंडेशन ने नमामि गंगे और 137 CETF बटालियन (टी.ए.) 39 गोरखा राइफल्स के साथ मिलकर गंगा स्वच्छता जागरूकता अभियान आयोजित किया। इस अभियान का उद्देश्य आमजन में गंगा की स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाना और स्वच्छ एवं सतत पर्यावरण के महत्व को समझाना था।कार्यक्रम के दौरान नमामि गंगे टीम, सेना के अधिकारी एवं जवान और अथर्वन फाउंडेशन के सदस्यों ने मिलकर स्थानीय लोगों के बीच झोले, टी-शर्ट और कैप्स का वितरण किया तथा स्वच्छ गंगा के लिए जन-जागरूकता रैली निकाली। लोगों को बताया गया कि गंगा यमुना जिन्हें हम ‘माँ’ के रूप में पूजते हैं, उसकी स्वच्छता हमारे जीवन और पर्यावरण के लिए अत्यंत आवश्यक है।
इस कार्यक्रम का आयोजन राजेश शर्मा (नमामि गंगे) एवं CETF बटालियन के कार्मिकों द्वारा किया गया तथा समन्वय अथर्वन संस्था सचिव डॉ. कंचन मिश्रा द्वारा किया गया।
अवसर पर अथर्वन फाउंडेशन के अध्यक्ष ब्रजेश मिश्र ने तीनों संस्थाओं के संयुक्त प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के अभियान समाज में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति सकारात्मक संदेश देते हैं।
कोषाध्यक्ष डॉ. सुभाष वर्मा अपने संबोधन में स्वच्छ और हरित पर्यावरण की आवश्यकता पर बल दिए।कार्यक्रम में नमामि गंगे टीम, सेना के अधिकारी एवं जवान, अथर्वन फाउंडेशन के सदस्य, नगर निगम के सफाई कर्मी, स्थानीय नागरिक एवं भक्तगण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे और इस स्वच्छता अभियान का हिस्सा बने। उपस्थित लोगों ने अभियान की सराहना करते हुए गंगा की स्वच्छता बनाए रखने का संकल्प लिया। अथर्वन फाउंडेशन की ओर से डॉ. अमिता गुप्ता, नीलम भूषण, मोहिता त्रिपाठी, डॉ. अर्चना मिश्रा, सरिता दुबे, नीलम पांडेय, सुषमा सिंह, प्रीति गुप्ता, प्रीति गोयनका, कल्पना जायसवाल, अल्पना सिंह, एडवोकेट आशीष मिश्रा, हेमंत कुमार एवं एडवोकेट अंकित पाठक उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित जनों ने सामूहिक रूप से माॅं गंगा-यमुना की आरती में प्रतिभाग किया और स्वच्छ, निर्मल तथा अविरल गंगा के संकल्प के साथ पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।“गंगा और यमुना केवल नदी नहीं, जीवन का प्रवाह है — उसकी स्वच्छता में ही मानवता की पवित्रता निहित है।”
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