*अपनी शरण लो खाटू**---------- जमदग्निपुरी*
*अपनी शरण लो खाटू*
*---------- जमदग्निपुरी*
तोहरी शरनियां में आये हम दुखरिया कि लइ लेता ना।
खाटू अपनी शरनियां में लइ लेता ना।।
हम तो करतबानी हो---२ तोंहसे अरजरिया कि सुनि लेता ना।
खाटू हमरी पुकरिया तूं सुनि लेता ना।।
कहताने सब तोहइं हारे क सहारा।
हमइं काॅंहे छोड़ि दिहा खाटू बेसहारा।।
हम तो करतबानी हो---२ तोंहसे अरजरिया कि सुनि लेता ना।खाटू हमरी पुकरिया तूं सुनि लेता ना।।
त्रीशरधारी वीर बर्बरीक बाबा,खाटू में बसे हो श्याम खाटू बाबा।
हम तो करतबानी हो---२ तोंहसे अरजरिया कि सुनि लेता ना,खाटू हमरी पुकरिया तूं सुनि लेता ना।।
जो भी शरण आये बाबा तिहारी,दूर होवे दुख दरिद्र उसकी बिमारी।
हम भी शरण आये हो-----२ श्याम जी तिहारी कि सुनि लेता ना।
खाटू हमरी पुकरिया तूं सुनि लेता ना
तोहरी शरनियां में हो----२ आये हम दुखरिया के सुनि लेता ना।
खाटू हमरी पुकरिया तूं सुनि लेता ना।।
पं.जमदग्निपुरी
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