माता-पिता की सेवा किए बिना श्राद्ध का कोई अर्थ नही – राजन महाराज
माता-पिता की सेवा किए बिना श्राद्ध का कोई अर्थ नही – राजन महाराज
भायंदर। प्रेमभूषण जी महाराज के कृपापात्र शिष्य पूज्य राजन महाराज के व्यासत्व में धर्मज्योति प्रचार सेवा संस्थान के तत्वावधान में 25 जनवरी से जैसलपार्क चौपाटी पर प्रवाहमान श्रीरामकथा गंगा में राजन महाराज ने श्रोताओं को भक्ति ज्ञान गंगा का रसपान करवाते हुए कहा कि, छल का त्याग किए बिना कोई भी पूजा सफल नहीं होती।भाषा चित्त की फसल होती है, जो जिह्वा से बाहर निकलती है। सुबह शोर युक्त पूजा भक्ति नहीं है, इससे भगवान कभी प्रसन्न नहीं होते, भगवान गूंगे की भी प्रार्थना स्वीकार करते हैं। अतः हमारे किसी भी व्यवहार से दूसरे को कष्ट नहीं होना चाहिए। हमारे ग्रंथ हमारी माता की तरह हैं, जिस प्रकार मां जिसे कहती है, हम उसे पिता मान लेते हैं। उसी प्रकार ग्रंथों ने जिन्हें भगवान माना है, उसे आप भी मान लीजिए मंगल होगा। भगवान को जानने से पहले मानना होगा। अपने पास उपलब्ध श्रेष्ठतम वस्तु भगवान को अर्पित करने के बाद ही स्वयं ग्रहण करना चाहिए। जिससे किसी की हानि न हो वही साधु है।पूज्य राजन महाराज की कथा रामवनवास, चक्रवर्ती जी के प्राणोत्सर्ग की कथा सुनाते हुए कहा कि, जीवित पिता की सेवा पहले करें, भगवान की बाद में। माता-पिता का श्राद्ध कर्म श्रद्धा से करें, किंतु उससे पहले जीवित अवस्था में उनकी सेवा भी होनी चाहिए, वरना भगवान की पूजा व्यर्थ हो जाएगी। भरत चरित्र का मार्मिक चित्रण करते हुए कथा व्यास बोले प्रेमविहीन विद्धान का मंत्र भी भगवान नहीं सुनते, किंतु प्रेम भाव से परिपूर्ण अनपढ़ की प्रार्थना को भगवान अवश्य सुन लेते हैं। अपने प्रेम से दूर हों, तब मन की निकटता बनाए रखना चाहिए।
'पकड़ लो बांह रघुराई नहीं तो डूब जायेंगे..
ये नारद की वीणा कहती है। युगों से मेरा राम केवल भजन में मिलेगा, 'भरत चले चित्रकूट हो रामा..' जैसे अनेक लोकप्रिय भजन सुनाए। पूज्य राजन महाराज की कथाओं को अपने वादक वृन्दों के साथ संगीत से सजाने वाले विनय भैया ने सदा की भांति संगत देकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस श्रीरामकथा के मुख्य यजमान अनूप दान बहादुर सिंह और आयोजन समिति के अध्यक्ष नवीन रामधारी सिंह और उनके सहयोगियों शारदा प्रसाद पांडेय, आनंद पांडेय, एकता सिंह, एड प्रीति पांडेय हैं। कथा में अतिथि के रूप में मीरा-भायंदर के भाजपा विधायक नरेंद्र मेहता,
पूर्व उपमहापौर हसमुख गहलोत, वरिष्ठ नगरसेवक रोहिदास पाटिल, मदन उदित नारायण सिंह, हंसुकुमार पांडेय, पूर्व नगरसेविका शानू जोरावर गोहिल, भाजपा के भायंदर पूर्व मंडल अध्यक्ष रथीन दत्ता, भाजपा नेता एड राजकुमार मिश्रा, भाजपा के मुंबई सचिव एवं प्रवक्ता उदय प्रताप सिंह, वरिष्ठ समाजसेवी बाबूलाल एम जैन, सूर्यकांत शर्मा, आरटीआई एक्टिविस्ट अनिल गलगली, मुंबई हाई कोर्ट के युवा अधिवक्ता एड अशोक उपाध्याय, रश्मि बिल्डर के डायरेक्टर योगेश बोसमिया, सूरत से आए उद्योगपति अभिषेक सिंह, प्रवीण सिंह, अधिवक्ता - सुप्रीम कोर्ट प्रियंका सिंह, वरिष्ठ पत्रकार शिवपूजन पांडेय, राजेश उपाध्याय, सुधाकर सिंह 'बिसेन', हम रामजी रामजी हमारे हैं सेवा ट्रस्ट मुंबई के कोषाध्यक्ष बिजेंद्र सिंह, दिनेश प्रताप सिंह, निशा शर्मा, वैद्य सुभाष शर्मा, संदीप तिवारी, अजय सिंह, अमित दूबे, गोलू पांडे आदि श्रद्धालुओं ने इस मानस मंदाकिनी में अवगाहन का सौभाग्य प्राप्त किया। कार्यक्रम का संचालन विवेक सिंह तन्हा ने किया।
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