साहित्यिक संस्था कोशिश का वार्षिकोत्सव संपन्न

साहित्यिक संस्था कोशिश का वार्षिकोत्सव संपन्न 
जौनपुर 
साहित्यिक और सांस्कृतिक संस्था  कोशिश  का वार्षिकोत्सव 2 फरवरी शाम 5 बजे बलरामपुर सभागार टी.डी.कालेज जौनपुर में आयोजित हुआ। माँ वीणापाणी  की आराधना  के पश्चात प्रो.आर .एन सिंह ,प्रो.वशिष्ठ अनूप और सम्मानित मंच ने काव्य-संग्रह 'ऋत्विक-स्वर 'का लोकार्पण  किया।साथ में कवि गिरीश श्रीवास्तव  गिरीश के मुक्तक संग्रह "गिरीश के मुक्तक " व रामजीत मिश्र  रचित कहानी- संग्रह 'प्रेम  न हाट बिकाय' और आशिक जौनपुरी  की रचना' जज्बये इश्क '  व कहानीकार रेणुका अष्ठाना की  कहानी संग्रह कालिंजर का विमोचन हुआ। तत्पश्चात  आजमगढ से पधारे गीतकार डाक्टर ईश्वर चन्द्र त्रिपाठी  ने शेर पढा--जिंदगी बनके तमासा गुजरी/और हम खुद तमाशबीन हुए। शायर अहमद निसार  का शेर--धूप गम  का किसी  के पास  न हो/कुछ  करें हम  कोई निराश  न हो/खूब पसंद किया गया।ख्यात  कवि भालचंद्र त्रिपाठी  ने जब पढ़ा--गम  के चेहरे पर नूर हो जाए/आईना चूर-चूर हो जाए/सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज  उठा।भोजपुरी  के सशक्त हस्ताक्षर डाक्टर  कमलेश राय  का गीत--हम पतझर में प्रीति जगाके/पात-पात मधुमास लिखिला/वसंत  की मादकता  को रेखांकित कर गया तो वहीं प्रो.आर. एन.सिंह ने कहा--आज नहीं  तो कल निकलेगा/हर मुश्किल  का हल निकलेगा। गिरीश कुमार गिरीश  का मुक्तक-- मेरी ख़्वाहिश है ख़्वाब जिन्दा रहे, खिलखिलाता गुलाब जिन्दा रहे/
लिखने वाला  लिखा है शिद्दत से/पढिए ताकि किताब जिंदा रहे/पाठकीय अभाव  को रेखांकित किया तों वहीं अशोक मिश्र ने अपनी  कविता--निर्बल  की मजदूरी तंत्र  छीन खाता है/तब  कन्हैया आता है/ द्वारा सामाजिक विषमता पर प्रहार  किया।
जनार्दन अष्ठाना  का गीत---भूल जाऊं मैं कैसे भला/याद  तेरी सँवारा करूं।विरहिन  के दर्द  को उकेर गया।सभाजीत द्विवेदी प्रखर   के देशभक्ति  के छंद खूब पसंद किए गए। अध्यक्षीय वक्तव्य  के साथ प्रो. वशिष्ठ अनूप  का शेर--नजारा देखना है तो हमारे गांव मे देखे/मगर  के साथ कैसे आदमी पानी में रहता है। विसंगति पर वार  किया।  सम्मेलन में डाक्टर संजय सिंह सागर,अनिल कुमार उपाध्याय,राजेश पांडेय,नंद लाल समीर आलोक रंजन सिन्हा,सुमति श्रीवास्तव,फूलचंद भारती,दमयंती सिंह,अमृत प्रकाश,अंसार जौनपुरी. डाक्टर विमला सिंह,अनिल विश्वकर्मा,रेणुका अष्ठाना,ज्ञान प्रकाश आकुल,डाक्टर अजय सिंह ,कमलेश कुमार  ने काव्य पाठ किया।सभागार में महनीय उपस्थिति के रूप में वरिष्ठ चिकित्सक डाक्टर अरुण कुमार मिश्र ,पूर्व प्राचार्य प्रो. समर बहादुर सिंह  ,पूर्व प्राचार्य प्रो.माधुरी सिंह,प्रो.सरोज सिंह  डाक्टर  ओमप्रकाश सिंह और संजय सेठ  की रही। संचालन डाक्टर सुशांत शर्मा  ने  किया और आभार ज्ञापन प्रो.आर एन सिंह  ने  किया।

Comments

Popular posts from this blog

श्रीमती गुजना इंग्लिश हाई स्कूल का 45वां वार्षिकोत्सव धूमधाम से संपन्न

उत्तर भारतीय मोर्चा ने सनातन धर्म के प्रतीक त्रिशूल देकर किया विधायक नरेंद्र मेहता का सम्मान

जनकल्याण संस्था द्वारा मीरारोड में सार्वजनिक संगीतमय श्री रामकथा सप्ताह का आयोजन