उत्तर भारतीय शेरनी स्नेहा दुबे पंडित ने ध्वस्त कर दिया अप्पा का साम्राज्य
उत्तर भारतीय शेरनी स्नेहा दुबे पंडित ने ध्वस्त कर दिया अप्पा का साम्राज्य
मुंबई। नालासोपारा से लेकर वसई विरार तक जिसकी तूती बोलती थी, जिसके इशारे के बिना पत्ता नहीं हिलता था। जो यहां का बेताज बादशाह रहा। पिछले 35 वर्षों तक अखंड राजनीतिक दबदबा कायम करने वाले हितेंद्र ठाकुर अप्पा को आखिरकार महाराष्ट्र में चली हिंदुत्व की प्रचंड लहर ने न सिर्फ पराजित कर दिया अपितु बहुजन विकास आघाड़ी का ही सफाया हो गया। पार्टी के तीनों विधायक जिस तरह से पराजित हुई, उससे साफ हो गया कि लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत जनता के हाथ में निहित है। उत्तर भारतीय समाज की बहू स्नेहा दुबे पंडित ने जिस तरह से 35 वर्षों सेअधिक समय से लगातार राज कर रहे हितेंद्र ठाकुर ऊर्फ अप्पा को पराजित किया, उसे देखकर महाराष्ट्र के साथ-साथ पूरे देश के लोग आश्चर्य चकित हैं। स्नेहा दुबे पंडित की जीत सिर्फ भाजपा की जीत नहीं है अपितु उस नारी शक्ति की जीत है, जिसने समय समय पर अपनी ताकत का लोहा मनवाया। अब तो लोग दबी जुबान से स्नेहा को उत्तर भारतीय शेरनी कहने लगे हैं। जिन परिस्थितियों में स्नेहा ने अप्पा का मुकाबला किया और शानदार विजय हासिल की, उससे साफ है कि यह कोई सामान्य विजय नहीं है। भाजपा के साथ-साथ आज संपूर्ण उत्तर भारतीय समाज गौरवान्वित महसूस कर रहा है। तीनों सीटें जीतने के बाद महायुति सरकार की जिम्मेदारी बढ़नी तय है। यहां की शांति और सुरक्षा को लेकर नई सरकार को जमीनी स्तर पर काम करना होगा। सरकार की जरा सी ढिलाई यहां के जनादेश की ताकत को कमजोर कर सकती है। सरकार को नई चुनौतियों के बीच जनादेश पर खरा उतरने का प्रयास करना होगा। यहां के प्रभारी पूर्व मंत्री रविंद्र चव्हाण तथा सह प्रभारी दीपक नंदलाल सिंह की माने तो लड़ाई बहुत कठिन थी परंतु जनता का आशीर्वाद और लोगों का प्यार हमें जीत के मुकाम पर ले आया।
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