दोगलापंथी व चिन्हित मानवता*

*दोगलापंथी व चिन्हित मानवता*
    आज पूरे विश्व में दोगलापंथी चरम पर है|उसमें हमारे भारत देश में तो सबसे बढ़कर है|आज हमारे देश भारत में कुछ संगठन कुछ पार्टियाँ कुछ धर्मावलम्बी फिलिस्तीन के लोगों की चिंता में दुबले हो रहे हैं|क्योंकि फिलिस्तीन का एक आतंकवादी संगठन जिसका नाम हमास है|जो फिलिस्तीन के एक भू-भाग पर अवैध रूप से कब्जा जमाए बैठा है|अचानक इजराईल पर जल थल नभ से हमला बोल कर सैकड़ो लोगो का कत्ल कर दिया और सैकड़ो इजराईली व अन्य देशों के नागरिकों को बंधक बना लिया|जिसमें महिला पुरुष बच्चे व कितनी तो गर्भवती महिलायें हैं|उसके प्रतिकार स्वरूप इजराईल ने अपने नागरिकों को छुड़ाने व हमास को दंडित करने के लिए फिलिस्तीन में हमास के कब्जे वाले गाजापट्टी पर हमला कर रहा है|जिससे गेहूँ के साथ घुन भी पिस रहे हैं|हालाँकि गेहूँ कम घुन ही अधिक पिस रहे हैं|क्योंकि गेहूँ अपने को सुरक्षित रखे हुए हैं|
     कहने का मतलब ए कि हमास के आतंकी अपने लिए मानव ढाल बना रखे हैं|जिससे आतंकी कम और निर्दोष लोग इजराईल के अधिक कोपभाजन बन रहे हैं|जो चिंताजनक व दुखदाई है|इसे किसी भी तरह से सही नहीं कहा जा सकता है|इस नजरिए से देखा जायेगा तो इजराईल गलत कर रहा है|लेकिन हर देश को अपने नागरिकों की सुरक्षा करने का हक है|हमास ने इजराईल के साथ जो किया उसके प्रतिकार स्वरूप इजराईल जो कर रहा है वह गलत कैसे हो सकता है|क्या इजराईली नागरिक मनुष्य नहीं हैं|क्या इजराइलियों को जीने हक नहीं है|उनके समर्थन में कौन बोलेगा|यह दोगलापंथी नहीं है तो क्या है|
      आज फिलिस्तीन के लिए कई देशों में जुलूस धरना प्रदर्शन हो रहे हैं|लेकिन फिलिस्तिनियों को कोई देश अपने यहाँ शरण देने को तैयार नहीं है|कोई देश आगे आकर यह नहीं कह रहा कि हे फिलिस्तीनी भाइयों जब तक इजराईल हमास का सफाया नहीं कर देता तब तक आप सब हमारे यहाँ आकर सुरक्षित जीवन जीयें|बस घड़ियाली आँसू बहाते हुए फिलिस्तिनियों का नहीं हमास का समर्थन कर रहे हैं|इससे ए साफ झलक रहा है कि मानवता के नाम पर जितने भी फिलिस्तीनी समर्थक आज प्रकट हुए हैं|सबके सब आतंकी संगठनो के पोषक हैं|ए सबके सब दोगले हैं|मानवता के दुश्मन हैं|ए न किसी धर्म के हैं न पंथ के न देश के ए सब नरपिपाशु हैं|शोषक हैं|
    यदि ए सब धर्म के लिए मानवता के लिए देश के लिए चिंतित होते तो ए पाकिस्तान का भी विरोध करते|पाकिस्तान ने रातों रात अफगानी शरणार्थियों को खदेड़ दिया|घर से बेघर तो वे पहले ही थे|तम्बू  से भी बेतम्बू कर दिया|उन लोगों का तो कोई कसूर भी नहीं था|फिर पाकिस्तान ने उनके साथ अमानवीय कार्य किया|जो कि सरासर गलत है|इसके लिए तो न कोई देश चूँ किया न संगठन न मजहबी लोग|हम उनके मजहब वालों से जानना चाहते हैं कि क्या वो मुसलमान नहीं हैं|क्या वो आतंक के शिकार नहीं हैं|जो आज घर से बेघर होकर दर दर भटक रहे हैं|तड़प तड़प के मरने के लिए मजबूर हैं|उनके लिए तथाकथित धर्मावलम्बियों में मानवता क्यों नहीं जाग रही|उनके लिए धरना प्रदर्शन क्यों नहीं कोई कर रहा है|क्या इसलिए कि वो मजबूर हैं कमजोर हैं|ताकतवर नहीं हैं|या वो मानव नहीं हैं|यह दोगला पंथी नहीं तो क्या है|आतंकी संगठनो के लिए हाय तौबा|और मजबूर लाचार निर्दोष मनुष्यों के लिए किसी तरह की आवाज न उठना और हमास जैसे संगठन के समर्थन में धरना प्रदर्शन करना सही का विरोध करना ए सब दोगलापंथी और आतंकी मांसिकता की परिचायक है|
      इसी तरह चीन के मुसलमान अपनी धार्मिक गतिविधियाँ भी नहीं चला सकते|अपनी पूजा पद्धति भी ढंग से नहीं कर सकते|लाऊडस्पीकर से अजान भी नहीं कर सकते|मस्जिद तोड़ो अभियान चलाये हुए है वहाँ कि सरकार,फिर भी कोई कुछ नहीं बोल रहा है|उनके मजहब की सुरक्षा के लिए कोई न देश न मजहबी आगे आ रहा है न कोई संगठन|क्यों? क्यों उन्हें चीन के रहमोंकरम पर छोड़ दिया|क्यों?क्यों नहीं कोई आवाज उठाता क्या वे लोग भनुष्य नहीं हैं या उन्हें अपने मजहब के साथ जीने का अधिकार विश्व बिरादरी नहीं देगी|नहीं देगी तो क्यों? क्या उन्हें ढंग से जीने का हक नहीं|
       यह बात समझ में नहीं आ रही कि आतंकी और आतंकवादी पोषित देश के लिये इतना रोना धोना|और शरीफ आम आदमी के लिए कोई संवेदना नहीं|कोई मानवता नहीं|मजे की बात तो यह है कि इस विषय पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद भी खामोश है|अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार भी खामोश है|जितनी मानवता की दुहाई आज तथाकथित धर्मावलम्बी मानव प्रेमी युद्ध द्रोही दिखा रहे हैं|वही जब रसिया ने युक्रेन पर हमला किया तो चुप क्यों थे|तब इन सब की मानवता कहाँ मर गई थी|युक्रेन तो कोई गुनाह भी नहीं किया था|तब इन सेकुलरों की मानवीय चिंता प्रकट क्यों नहीं हुई|चीन वर्षों से तिब्बतियों के साथ दुर्व्यवहार कर रहा है,क्यों नहीं चीन का विरोध कर रहे|
   हमारे ही देश भारत में पाक पोषित आतंकियों ने कितनी जिन्दगियाँ बरवाद की है|बलूचियों के साथ पाकिस्तान की बर्बरता किसी से छुपी नहीं है|क्यों नहीं कोई विरोध कर रहा|ऐसे तथाकथित मानव प्रेमियों को आतंकी ही मानव क्यों दिखते हैं|आम आदमी गाजर मूली सा क्यों हो गया है|जब जिसकी मर्जी की आया और उखाड़ के खा लिया क्यों? क्यों ऐसे कुकर्मियों के लिए कोई आगे नहीं आता|क्यों इनका कोई विरोध करता|मानवता भी चिन्हित करके देखी जा रही है एक खास वर्ग कुछ खास वर्ग या कुछ खास देश के लिए अधिक चिल्ल पों करता है|
      यहाँ हमने ए देखा है कि हमारा देश बर्तमान भारत जिसका समर्थन करता है|मानव प्रेमी उसके विरोध में ही मिलते हैं|जैसे ही भारत सरकार ने हमास का विरोध किया सभी तथाकथित मानव प्रेमी इजराईल का विरोध करने उतर पड़े सड़कों पर|हमारे देश में और अधिक लोग प्रकट हुए|हमास के समर्थन में|जबकी भारत सरकार ने सिर्फ हमास का विरोध किया था न की इजराईल का समर्थन|भारत सरकार का ए सदैव स्टैंड रहा है कि हर तरह के आतंकवाद का समूल नाश|मानवीय मूल्यों की व मानव की सुरक्षा|इसके लिए हमारा देश भारत सदैव तत्पर रहा है|दुश्मन के घर भी तत्परता से मदद पहुँचाया है|चाहे कोरोना की विभिषिका हो तुर्की का नेपाल का भूकम्प हो या पाकिस्तान में बाढ़ से हुई तवाही|भारत सबसे पहले मदद लिए पहुँचा है|फिर भी और के कंधे पर बंदूक रखके मूलतः भारत का विरोध किया जा रहा है|खासकर इस समय हमारे देश में जितनी भी विरोधी पार्टियाँ हैं सब मोदी के विरोध में देश विरोधी काम में पूरी सिद्दत से लिप्त हैं|और आतंकी संगठन हमास का समर्थन कर यह सिद्ध कर रही हैं कि विगत जो हमारा काश्मीर जला और आज तक सुलग रहा है इन्हीं लोगों के कारण|इन लोगों की शह पर ही आतंकी नक्सली हमारे स्वर्ग जैसे देश को नर्क बना के रखे हैं|इन्हीं दोगलापंथियों की वजह से हमारा देश भारत आज तक विसित नहीं हो पाया|जबकी भारत अकूत प्राकृतिक सम्पदाओं का धनी देश है|ए जितने भी हमास के समर्थक हैं ए किसी के नहीं हैं|ये शोषक विचारधारा वाले हैं|न किसी मजहब के हैं न देश के|ए महिला प्रेमी हवसी हैं ऐय्यास हैं|अपनी हवस पूर्ति के लिए ए किसी भी हद तक गिर सकते हैं|आतंक का समर्थन करने वाले दोगले हैं और मानव विरोधी हैं|इनका किसी भी तरह से समर्थन करना मतलब निज पैर को कुल्हाड़ी पर रखना है|
पं.जमदग्निपुरी

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