एडवोकेट गिरीश श्रीवास्तव के उत्कृष्ट मुक्तककरने नहीं देंगे प्रगति अवरोध करेंगे।। साज़िश के तहत राष्ट्र का विरोध करेंगे।।

एडवोकेट गिरीश श्रीवास्तव के उत्कृष्ट मुक्तक

करने नहीं देंगे प्रगति अवरोध करेंगे।। 
साज़िश के तहत राष्ट्र का विरोध करेंगे।।
सेंगोल हो या संसद अपमान मत करें-
सम्मान करें आप से अनुरोध करेंगे।।


मानेंगे नहीं मार्ग में अवरोध करेंगे।। 
साज़िश के तहत राष्ट्र का विरोध करेंगे।।
सेंगोल हो या संसद अपमान मत करें-
सम्मान करें देश का अनुरोध करेंगे।।


संभव नहीं है भावों का अनुवाद मत करें।। 
संवाद करें व्यर्थ में विवाद मत करें।। 
बगिया के फूल हैं हम अस्तित्व देश से-
अनुरोध चमन अपना बर्बाद मत करें।।


अभिमान अपने राष्ट्र पर गुमान कीजिये।। 
 है प्रार्थना करबद्ध मत अपमान कीजिये।। 
संकीर्ण विचारों को देकर तिलांजलि-
दिल खोलकर संसद का सम्मान कीजिये।।

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