अंतर्राष्ट्रीय साहित्य संगम से हुआ सिलीगुड़ी के प्रतिष्ठित व्यंग्यकार महावीर चाचान द्वारा एकल व्यंग्य पाठ

अंतर्राष्ट्रीय साहित्य संगम से हुआ सिलीगुड़ी के प्रतिष्ठित व्यंग्यकार महावीर चाचान द्वारा एकल व्यंग्य पाठ
"अंतरराष्ट्रीय साहित्य संगम" की ओर से एक और नयी पहल
 यशस्वी कथाकार यशपाल की पुण्य तिथि के अवसर पर "अंतरराष्ट्रीय साहित्य संगम" साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था की ओर से संस्था के अध्यक्ष श्री देवेंद्र नाथ शुक्ल की अध्यक्षता एवं संस्था के संस्थापक एवं महासचिव डॉ. मुन्ना लाल प्रसाद के संचालन में एक एकल व्यंग्य-पाठ का आयोजन किया गया। व्यंग्य-पाठ के लिए सिलीगुड़ी के प्रतिष्ठित व्यंग्य रचनाकार श्री महावीर चाचान को आमंत्रित किया गया था। श्री महावीर चाचान व्यंग्य रचना के क्षेत्र में अपनी एक विशिष्ट पहचान रखते हैं। इनके कई संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं जिनमें "मार्क थ्री की गरीबी" एवं "गधे को कानून की डिग्री" काफी चर्चित रहे हैं। 
 इसमें मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित अद्यतन के संपादक प्रो. डॉ. ब्रजनंदन किशोर, पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष, डी.ए.वी. स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा एवं मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. कविता वाचक्नवी, निदेशक,भीएसएस ग्लोबल, न्यूयार्क, अमेरिका और विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. विवेक मणि त्रिपाठी, सहायक प्रोफेसर, दक्षिण एशियाई भाषा व संस्कृति विभाग, क्वांगतोंग विदेशी भाषा विश्वविद्यालय, चीन उपस्थित थे। सबसे पहले श्री ईश्वर करुण, चेन्नई द्वारा उद्घाटन गीत प्रस्तुत किया गया। उसके बाद श्री महावीर चाचान ने अपने दोनों संग्रहों से चुनिंदा चार व्यंग्य रचनाएं 'नौकर', 'पत्नी का ऑपरेशन', 'टूटना टांग का', एवं 'न्याय फटाफट' का पाठ किया।
रचना पाठ के बाद मुख्य वक्ता प्रो. डॉ. ब्रज नंदन किशोर ने उन चारों रचनाओं का विशद विश्लेषण करते हुए कहा कि चाचान जी का व्यंग्य भारतीय जनजीवन की विसंगतियों को उजागर करता है। इनमें गार्हस्थ्य जीवन से लेकर चिकित्सा, राजनीति, संस्कृति और समाज सबकुछ शामिल है। शब्दों का चयन, भाषा, मुहावरें एवं लोकोक्तियों का प्रयोग इनके व्यंग्य को धारदार एवं असरदार बनाते हैं। मुख्य अतिथि डॉ. कविता वाचक्नवी, न्यूयार्क, अमेरिका ने कहा कि चाचान जी ने अपने व्यंग्य में सामाजिक विसंगतियों का प्रयोग कर मन को गुदगुदाने के साथ-साथ जन चेतना को जाग्रत करने का काम किया है। विशिष्ट अतिथि प्रो.डॉ. विवेक मणि त्रिपाठी, चीन ने कहा कि इनकी रचनाओं में लोकपक्ष की मजबूत पकड़ इनके व्यंग्य को जनजीवन से जोड़ने का काम करता है। प्रो. डॉ. अजय साव ने उनके व्यंग्य 'नौकर' पर बोलते हुए कहा कि पति पत्नी से सताया जाए और मौन रहे तो पत्नी की नजरों में वही अच्छा है। उसके लिए पति से भी महत्वपूर्ण नौकर हो गया है। श्री जयप्रकाश अग्रवाल, नेपाल एवं श्री मनोज कुमार वर्मा, सीवान ने भी इनके व्यंग्य पर अपने मंतव्य प्रस्तुत किये।
विशेष रूप से एकल व्यंग्य-पाठ में श्रीमती सारिका जैथलिया, जकार्ता, इंडोनेशिया, श्री विनय शर्मा दीप, श्री शारदा प्रसाद दुबे 'शरदचंद्र', थाने, मुंबई, डॉ. कमलेश शुक्ला कीर्ति, कानपुर, डॉ. अलका अरोड़ा, श्री रमेश माहेश्वरी राजहंस, देहरादून, आनंद उर्वशी, दिल्ली, श्री देवी प्रसाद पांडेय, प्रयागराज, श्री युगल किशोर दुबे, सीवान, श्री मुकेश कुमार ठाकुर, कालिंपोंग, श्री शिव कुमार गुप्ता, मालबाजार, श्री मोहन महतो, गुंजन गुप्ता, श्री महेश पासवान, श्रीमती पुतुल मिश्रा, श्री ओमप्रकाश अग्रवाल, श्री अशोक अग्रवाल, श्री अरुण अग्रवाल सिलीगुड़ी एवं अन्य उपस्थित थे एवं यह पूरा कार्यक्रम गूगल मीट, फेसबुक ए्वं यूट्यूब पर लाइव प्रसारित हो रहा था जिन पर अनेक लोग जुड़कर इसे देख रहे थे।

Comments

Popular posts from this blog

मीरा रोड मंडल द्वारा बीजेपी जिलाध्यक्ष किशोर शर्मा का सम्मान

बीजेपी नगरसेवक मनोज रामनारायण दुबे का सराहनीय काम

मीरा रोड में धूमधाम से मनाई गई महावीर जयंती